Thursday, November 21 2024

जनप्रतिनिधि की उपेक्षा से ग्रामीण क्षेत्रों की 80% आबादी का न्यायिक एवं विकासात्मक कार्य हो रहा बाधित : राठौड़

FIRSTLOOK BIHAR 18:16 PM बिहार

पटना : बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ ने शुक्रवार को अपने 11 सूत्री मांगों को लेकर पटना के गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर एकदिवसीय धरना दिया। इस अवसर पर संघ के संरक्षक जय सिंह राठौड़ ने कहा कि सूबे के ग्राम कचहरी एवं इसके निर्वाचित जनप्रतिनिधि उप सरपंच, पंच, सरपंच, प्रहरी सहित नियोजित कर्मी वर्ष 2006 से ही घोर उपेक्षित हैं। इससे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना साकार करने में प्रतिनिधियों एवं कर्मियों को काफी असुविधाएं हो रही है। इससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले लगभग 80% आबादी का न्यायिक एवं विकासात्मक कार्य बाधित हो रहा है।

ग्राम कचहरी को अविलंब सभी सेवा उपलब्ध कराई जाए

धरना को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के सभी ग्राम कचहरी को अविलंब सभी सेवाएं सुविधा उपलब्ध कराई जाए। जिससे सुबे के सभी 123044 सरपंच, पंच, उप सरपंच, जनप्रतिनिधि, 8387 सचिव, 8387 न्याय मित्र एवं 16774 ग्राम कचहरी प्रहरी, कुल 156592 ग्राम कचहरी प्रतिनिधि तथा कर्मी संयुक्त रूप से अनुमंडल व्यवहार उच्च न्यायालय आदि का बोझ कम करते हुए बिहार पंचायती राज को देश ही नहीं विश्व स्तर पर न्याय के साथ विकास, विश्वास की अवधारणा को प्रमाणित कर अग्रणी भूमिका स्थापित कर सकेगी।

समर्थन में सड़क से लेकर सदन तक साथ रहूंगा

वहीं, संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने कहा कि हम संघ के माँग के समर्थन में ग्राम कचहरी को सर्व सुविधा सम्पन्न बनाने हेतु, संघ के संघर्ष में अपना स्वर को मिलाता हूँ, साथ ही यह घोषणा करता हूँ, कि आपके समर्थन में सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष में पूरी तन्मयता से आपके साथ मौजूद रहूंगा।

निर्देशों का नौ साल बाद भी पालन नहीं

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री द्वारा 13 दिसंबर 2013 को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों एवं 22 जुलाई 2016 को वेबकास्टिंग के माध्यम से दिए गए वक्तव्य तथा डीजीपी अभयानंद द्वारा निर्गत आदेश ज्ञापांक 3/अभियान दिनांक 2 जनवरी 2012 एवं संघ शिष्टमंडल से तत्कालीन पंचायती मंत्री डॉ भीम सिंह सहित निदेशक की उपस्थिति में हुई। 19 अगस्त 2013 की वार्ता व निर्गत आदेश निर्देशों का आज 9 वर्ष बाद भी अनुपालन नहीं हो सका है।

उक्त आदेश निर्देशों का अनुपालन प्रखंड, पंचायत, थाना, जिला स्तर के अधिकारी, पदाधिकारी, कर्मचारी, सिपाही यहां तक कि चौकीदार भी करने से इनकार करते हैं, तथा गलत टिप्पणी करते हैं। मौके पर पर मनोज सिंह, पुष्पेंद्र ठाकुर, सुनील तिवारी, वशिष्ठ निशाद, मोहन मिश्र समेत सभी ज़िलों के जिलाध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष और हज़ारों की संख्या में पंच सरपंच मौजूद थे।

ये है संघ का मांग पत्र

1. सरपंच को मजिस्ट्रेट का पावर निर्गत कर ग्राम कचहरियों में अविलंब पुलिस चौकीदार एवं प्रभारी की स्थाई नियुक्ति कर हथकड़ी सहित सर्व सुविधा संपन्न बनाए।
2. सभी सरपंच, उप सरपंच, पंच जनों को जनसंख्या के आधार पर वेतन, भत्ता, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं पूर्ण बीमा सहित वर्ष 2006 से निर्वाचित ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों को पेंशन प्रदान किया जाए, साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले को अन्य प्रतिनिधियों की तरह सभी स्तर पर सम्मानित कराया जाए।
3. सभी ग्राम कचहरी में चौकीदार, ग्राम कचहरी प्रहरी, आदेशपाल, भू मापक, अमीन, कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति कराई जाए।
4. स्थानीय निकाय बिहार विधान परिषद एमएलसी चुनाव में अन्य प्रतिनिधियों की तरह सरपंच उपसरपंच एवं पंच गणों को भी मतदाता बनाया जाए।
5. वर्ष 2006 से निर्वाचित प्रतिनिधि कर्मियों का बकाया मानदेय विशेष नियत एवं यात्रा भत्ता contigency भवन किराया, पंचम राज्य वित्त आयोग अनुसूचित फर्नीचर मद की राशि आदि को प्रखंड वार जांच करा कर अविलंब भुगतान कराया जाए।
6. रिक्त ग्राम कचहरियों में अविलंब सचिव एवं न्याय मित्रों तथा प्रहरी की नियुक्ति पूर्व नियोजन के आधार पर कराई जाए तथा स्थान तरण की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
7. ग्राम कचहरी संचालन नियमावली 2007 का सत प्रतिशत अनुपालन हो तथा धारा 90 से 122 का अनुपालन एवं पुलिस प्रशासन का हस्तक्षेप बंद कराने तथा माननीय न्यायालय का पूर्ण सहयोग सुनिश्चित कराया जाए।
8. ग्राम कचहरी न्याय पीठ को वार्ड /पंचायत स्तर के विकासात्मक कार्यों की समीक्षा एवं एनओसी निर्गत करने का अधिकार दिया जाए।
9. नित्य हो रहे ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों की हत्या, मारपीट पर अंकुश लगाते हुए स्पीडी ट्रायल के माध्यम से अपराधियों को सजा दिया जाए तथा सभी झूठे मुकदमे वापस हो।
10. ग्राम कचहरी सरपंच, उप सरपंच एवं पंचगणों की मांग पर सुरक्षा प्रदान हो तथा इच्छुक प्रतिनिधियों को आग्नेय शास्त्र का लाइसेंस प्रदान कराया जाए।
11. बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ को सरकारी मान्यता प्रदान कर प्रखंड/ जिला/ राज्य स्तर पर अधिकारी, पुलिस पदाधिकारी द्वारा पूर्ण सहयोग सुनिश्चित कराई जाए।

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