जमुई : जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में सामाजिक सुरक्षा कोषांग के तत्वावधान में गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक उनके कार्यालय कक्ष में हुई। बैैठक में बिहार माता - पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण - पोषण तथा कल्याण नियमावली 2012 पर गंभीरतापूर्वक विचार किया गया । इस बैठक में समिति से जुड़े पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि माता - पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण - पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 और नियमावली 2012 के तहत समिति का गठन किया गया है। उन्होंने मौके पर नियमावली को परिभाषित करते हुए कहा कि एकल वरिष्ठ नागरिकों के भरण - पोषण के संबंध में वैसे माता - पिता जो अकेले रह रहे हैं उनके भरण - पोषण के लिए उनके पुत्रों द्वारा उनकी आर्थिक आय के अनुसार राशि उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था है।
प्रत्येक माह एकल नागरिकों से मिलकर हालचाल लेगी पुलिस
इस अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक पुलिस स्टेशन ऐसे वरिष्ठ नागरिकों की सूची तैयार करेगा जो अकेले रहते हैं। पुलिस ऐसे एकल नागरिकों से प्रत्येक माह मिलकर उनका हालचाल जानेगी। साथ ही उनकी शिकायतों का निस्तारण नियत समय पर करेगी। अंकित एकल लोगों के मामलों के निष्पादन के लिए प्रत्येक थाने पर अलग से पंजी की व्यवस्था भी की जाएगी। प्रत्येक माह की 10 तारीख को मामलों की रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेजी जाएगी। नियम में दिव्यांगों की परवरिश के लिए जैविक माता - पिता द्वारा वसीयत के आधार पर अभिभावक की नियुक्ति का भी प्रावधान है। उन्होंने वरिष्ठ नागरिक और माता - पिता को देव तुल्य करार देते हुए कहा कि मानवीय व्यवहार के साथ इन्हें भरपूर सम्मान दिया जाना हमारी संस्कृति और संस्कार है। डीएम ने समिति के सदस्यों से इस दिशा में अनुकूल पहल किए जाने की गुजारिश की।
समिति का किया गया गठन
सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक सूरज कुमार ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तर पर वरिष्ठ नागरिक और माता - पिता के कल्याण के साथ भरण - पोषण के लिए समिति का गठन किया गया है। इसमें विभागीय अधिकारियों के अलावे सामाजिक सेवा से जुड़े लोगों को नामित किया गया है। साथ ही भरण - पोषण अधिकारी के रूप में अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल पदाधिकारी और जिला स्तर पर जिला समिति अपीलीय समिति के रूप में काम करेगी। श्री कुमार ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक अथवा माता - पिता को भरण - पोषण में अगर कठिनाई महसूस हो रही हो तो वे अनुमंडल कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। दर्ज शिकायतों को गंभीरता से लेकर उसकी सुनवाई की जाएगी और विधि सम्मत निर्णय दिया जाएगा। निर्णय से संतुष्ट नहीं होने के स्थिति में इससे संबंधित अपील वाद जिलाधिकारी के कार्यालय में भी दाखिल किए जाने का प्रावधान है। श्री कुमार ने कहा कि नामित प्रकरण की हर जानकारी जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग में उपलब्ध है। कोई भी पीड़ित यहां से यथोचित जानकारी ले सकते हैं।
समाजसेवी गजाधर रजक , रामाशीष सिंह , मकेश्वर प्रसाद समेत कई संबद्ध जनों ने बैठक में हिस्सा लिया और देय दायित्वों का निर्वहन किए जाने का संकल्प व्यक्त किया।