Thursday, November 21 2024

ललित नारायण मिश्र कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेन्ट, मुजफ्फरपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन

FIRSTLOOK BIHAR 04:25 AM बिहार

मुजफ्फरपुर : ललित नारायण मिश्र कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेन्ट,मुजफ्फरपुर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन मंगलवार को हुआ। सेमिनार के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में चन्द्रगुप्त इनस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट, पटना के निदेशक डॉ. राना सिंह को महाविद्यालय के निदेशक, डॉ.मनीष कुमार ने शॉल एवं मोमेन्टो प्रदान कर स्वागत किया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. राना ने भारत @ 2047 पर अपने व्याख्यान में भारत को बदलने के लिए कहा कि हम विकासशील अवस्था से विकसित अवस्था में प्रवेश करना चाह रहे हैं जिसमें नीति आयोग, भारत सरकार एक सर्वोत्कृष्ट मंच है जो राज्यों को राष्ट्र हित में एक साथ कार्य करने के लिए लाता है ।इससे सहयोगी संघवाद को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि एक स्थिर एवं सुरक्षित डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास किया जाय जो सकल डिजिटल सेवाएं के सार्वभौमिकता को प्राप्त कर सरकारी सेवाओं को डिजिटल रूप में परिणत कर सके। उन्होंने नीति आयोग की भूमिका के बारे में बताया कि नीति आयोग को देश में सतत् विकास लक्ष्यों को अपनाने और उनकी निगरानी करने तथा राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक एवं सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने का दोहरा दायित्व सौंपा गया है। उन्होंने आगे बताया कि डिजिटिलाइजेशन के माध्यम से डेटा का कलेक्शन कर डेटा संचालित निर्णय लेने को बढ़ावा मिलता है, जिससे कुशल नीति निर्माण, संसाधन का उपयुक्त एवं उत्कृष्ट उपयोग किया जा सकता है ।जिससे डिजिटल क्रान्ति को मजबूत करते हुए, अद्वितीय पहचान बनाई जा सकती है।

औद्योगिकीकरण का एक और उभरता चरण है

उन्होंने उद्योग 5.0 में कार्यों को क्रियान्वयन करने के लिए प्रक्रिया, मशीन या डिवाइस को कम्प्यूटरीकृत नियंत्रण करना एवं औद्योगिक स्वचालन प्रणाली के उपयोग पर बल दिया। जिसे हम औद्योगिक क्रान्ति या उद्योग 5.0 कह सकते हैं, जो 21वीं सदी की औद्योगिक क्रान्ति का मूल आधार है । अंत में उन्होंने कहा कि उद्योग 5.0 जिसे पाँचवीं औद्योगिक क्रान्ति के रूप में भी जाना जाता है। औद्योगीकरण का एक नया और उभरता हुआ चरण है। जिससे कार्य स्थल की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए मनुष्य उन्नत तकनीक और ए.आई. संचालित रोबोट के साथ काम करते हैं। इस समग्र कार्य विधान में डॉ. राना ने सभी संकाय सदस्य, शोधार्थी, व्यापारी ,शासन एवं प्रशासन के तंत्रों का आह्वान किया कि हम सब मिलकर भारत @ 2047 के उद्देश्य को प्राप्त करें।

दो दिवसीय आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में शोधार्थियों के लिए सुविधा को ध्यान में रखते हुए शोध पत्र प्रस्तुत करने की ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों विधा प्रदान किये गये हैं। जिसमें कुछ शोधार्थियों ने ऑनलाइन को चुना। द्वितीय दिवस के द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता डॉ. कविथा बैंकेटचारी (डीन स्कूल ऑफ ए आई एण्ड फ्यूचर टेक यूनिवर्सल ए आई यूनिवर्सिटी, करजत ने अपने सम्बोधन में क्लाउड कम्प्यूटिंग, रोबोटिक, आईओटी एवं उद्योग 4.0 से विस्तृत व्याख्यान दिया। इस सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. विकास पारित, (एचओडी) केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी ने भी अपने व्याख्यान में साइबर सेक्यूरिटी, औद्योगिकरण ग्लोबल वार्मिंग एवं समर्थ पोर्टल के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया।

इस राष्ट्रीय सेमिनार में कुल 58 शोध छात्र एवं छात्राऐं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। मूलतः संगोष्ठियों के दो उद्देश्य माने जाते हैं जिसमें प्रथमतः युवा मस्तिष्क में राष्ट्रीयता की भावना को स्थापित करना एवं द्वितीयक रूप में समाज के युवा शिक्षित बुद्धिजीवी वर्ग में ज्ञानपरक संस्कारों को सुदृढ़ करते हैं।

सेमिनार के द्वितीय दिवस के तकनीकी सत्र के समापन पर महाविद्यालय के डॉ. अमरनाथ ने समीक्षा करते हुए सभी सहभागियों, शोध छात्र एवं छात्राओं विशेष अतिथि तथा मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। तनिष्क (कलमबाग रोड, मुजफ्फरपुर) तथा फ्रोयो टेक्नोलोजी जिसकी इस सेमिनार में सहभागिता रही है, को भी डॉ. अमरनाथ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

सेमिनार में आये एवं स्वीकार किये गये शोध पत्रों के संकलन से तैयार पुस्तक भारत @ 2047 का अनावरण महाविद्यालय के निदेशक, डॉ. मनीष कुमार, कुलसचिव, डॉ. कुमार शरतेन्दु शेखर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम आनन्द झा के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।

Related Post