मुजफ्फरपुर : अखिल भारतीय बुद्धिजीवी परिषद की बैठक बुधवार को माड़ीपुर स्थित श्री इंटरनेशनल होटल सभागार में आयोजित की गई बैठक की अध्यक्षता वरीय अधिवक्ता शंंभू प्रसाद सिंह ने की मंच संचालन रघुनंदन प्रसाद सिंह उर्फ अमरबाबू ने की
कार्यक्रम में सुधीर कुमार सिंह और ऑक्सीजन बाबा के नाम से प्रचलित अविनाश तिरंगा आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं विधान पार्षद दिनेश सिंह पर जमकर प्रहार किया
अधिवक्ता शंभू प्रसाद सिंह सिंह ने प्रेस बयान जारी करते हुए बताया कि विधान पार्षद दिनेश सिंह वर्ष 2001 से अबतक जिला परिषद पर डायरेक्ट व इन डायरेक्ट रूप से कब्जा जमाये हुए हैं इस अवधि में उन्होंने जिला परिषद से अरबों की संपति अवैध रूप से अर्जित की जिला परिषद की संपति पर अवैध तरीके अपनाकर कब्जा कर लिया है जिला परिषद की जमीन पर जो मार्केट और होटल बनाए गए हैं उसके आवंटन में बड़ा लेन-देन किया गया है 40 पैसे स्क्वायर फीट के हिसाब से जिला परिषद का डाकबंगला की जमीन आवंटन कर दिया गया,जिसपर होटल और मार्केट बना हुआ है इतना ही नहीं बिना बिल्डिंग बने दो तीन तले ऊपर तक आवंटन दिखाकर जिला परिषद की जमीन पर कब्जा कर लिया गया है
स्टेशन रोड स्थित मीनाक्षी होटल जो खास महाल की जमीन पर बना हुआ है, जिसे तोड़ने के आदेश को अपने पैसे और पहुंच के बल पर रोकवा दिया है। कलमबाग रोड स्थित जिला परिषद अध्यक्ष के लिए बने आवास को तोड़कर अपनी पुत्री के नाम से स्कूल चला रहा है। वहां के शेष और जमीन पर मार्केट बनाकर और मोटी रकम लेकर चंद रुपये में आवंटन कर दिया गया। शर्फुद्दीनपुर स्थित जिलापरिषद के अस्पताल की जमीन को भी काफी कम कीमत पर लीज पर दे दिया गया। जिला परिषद की जमीन और मार्केट आवंटन अधिकांश अपने रिश्तेदार, स्वजातीय और करीबी लोगों के नाम पर करा रखा है। इसमें भी अपने पर उंगली उठने से बचने के लिए जिले के कुछ महत्वपूर्ण लोगों को अपने विश्वास में लेकर कुछ उनके और उनके परिवार के लोगों के नाम से भी आवंटन कर दिया ताकि कोई विरोध ना करें और न कोई जांच की मांग ही करें । जिला परिषद में जो भी सरकारी फंड आया उसका बड़ा हिस्सा कागजों पर ही निबटा दिया गया। मोतीपुर में इथनाॅल फेक्ट्री के नाम पर भी सब्सिडी का घोटाला किया गया। बताया जाता है कि इन सभी घोटाले से बचने के लिए दिनेश सिंह सभी राजनीतिक दलों को चंदा देते हैं। वर्तमान में मुजफ्फरपुर में पदस्थापित जिला शिक्षा पदाधिकरी जो दिनेश सिंह के स्वजातीय हैं उन्होंने मुजफ्फरपुर में 100 करोड़ से अधिक घोटाला किया है, जिसकी जांच के लिए विधान पार्षद वंशीधर ब्रजवाशी ने जांच को लेकर लिखित मांग जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से की थी,लेकिन दिनेश सिंह ने उसमें कमीशन लेकर अपने प्रभाव से उसे दबा दिया है।अब दिनेश सिंह की नजर विश्वविद्यालय और काॅपरेटिव पर है। पिछले बार पैक्स चुनाव में अपने चहेते इंद्रभूषण सिंह अशोक को अमर पांडेय जी को चुनाव हराने के लिए लगा दिया था। दिनेश सिंह अपने दायरे विस्तार में ब्रह्मषीॅ समाज को निशाने पर ले रहे हैं। इसका उदाहरण है पूर्व मेयर समीर कुमार और आशुतोष शाही।यदि इनके इस शैली पर विराम नहीं लगा तो ब्रह्मर्षी समाज के भविष्य के लिए मुश्किल घड़ी होगी। गायघाट विधानसभा में ब्रह्मर्षी समाज ने उनकी पत्नी वीणा देवी को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वैशाली लोकसभा में राजपूत समाज रघुवंश प्रसाद सिंह और वीणा देवी के बीच बंट गये, लेकिन ब्रह्मर्षी समाज वीणा देवी को वोट दिया। आज विश्वविद्यालय में इमानदार ,विद्वान कुलपति आये हैं तो दिनेश सिंह उनपर जातीवाद करने का आरोप लगाते हुए हटाने की मांग कर रहे हैं। हमें संभलना होगा,अपने जमीर को जगाना होगा, एकजुट होकर गायघाट और वैशाली में जवाब देना होगा। हमने अपनी एकजुटता से बोचहां को पलट दिया, इसबार गायघाट में अभी से लग जाना होगा। बिहार का सबसे बड़ा अवैध शराब कारोबारी कौन है यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। दिनेश सिंह, वीणा देवी, कोमल सिंह , शुभम कुमार के नाम की संपति की जांच होनी चाहिए। जिला परिषद में 2001 से अबतक के सभी कार्यों की जांच होनी चाहिए। इसके लिए हमलोग आंदोलन करेंगे। जरूरत पड़ने पर कोर्ट भी जायेंगे। अब बैठेंगे नहीं। बैठक में मनोज कुमार सिंह, अमिय भूषण, हरिराम मिश्र, राजेश शाही ,डाॅ विजयेश कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।