नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज भारत सरकार और भूटान सरकार के बीच 19 नवंबर, 2020 को दोनों पक्षों द्वारा बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग पर हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) और उनके आदान-प्रदान को स्वीकृति दे दी है।
इस एमओयू से पृथ्वी के दूरस्थ संवेदन; उपग्रह संचार और उपग्रह आधारित नौवहन; अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रहों की खोज; अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष प्रणालियों तथा भू प्रणाली के उपयोग; और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग जैसे संभावित हित वाले क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना संभव होगा।
इस एमओयू के क्रम में डीओएस, इसरो और भूटान के सूचना और संचार मंत्रालय (एमओआईसी) के सदस्यों के एक संयुक्त कार्यकारी समूह का गठन किया जाएगा, जो कार्यान्वयन की समय सीमा और साधनों सहित कार्ययोजना पर काम करेगा।
एमओयू के क्रम में इस एमओयू के कार्यान्वयन की समय सीमा और साधनों सहित कार्ययोजना पर काम करने के लिए सहयोग के विशेष क्षेत्रों पर कार्यान्वयन की व्यवस्था की जाएगी तथा एक संयुक्त कार्यकारी समूह की स्थापना की जाएगी।
एमओयू से पृथ्वी के दूरस्थ संवेदन; उपग्रह संचार; उपग्रह आधारित नौवहन; अंतरिक्ष विज्ञान और बाह्य अंतरिक्ष की खोज के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं की खोज को बढ़ावा मिलेगा।
इस एमओयू के माध्यम से भूटान सरकार के साथ सहयोग से मानवता के हित के लिए अंतरिक्ष तकनीक के उपयोग के क्षेत्र में संयुक्त गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इस प्रकार, देश के सभी तबके और क्षेत्र लाभान्वित होंगे।
भारत और भूटान औपचारिक अंतरिक्ष सहयोग कायम करने पर विचार विमर्श करते रहे हैं। एमईए ने नवंबर, 2017 में अंतरिक्ष सहयोग के लिए अंतर सरकार एमओयू के प्रस्ताव को भूटान के सामने रखा था। फरवरी, 2020 में द्विपक्षीय बैठक के दौरान अन्य सहयोग प्रस्तावों के साथ ही इस मसौदे पर भी विचार विमर्श किया गया था।
राजनयिक स्तर पर कुछ वार्ताओं के बाद दोनों पक्षों में एमओयू के व्यवहार्य मसौदे पर सहमति कायम हुई और उसे आंतरिक स्वीकृतियों के लिए आगे बढ़ाया गया। आवश्यक स्वीकृतियां हासिल करने के बाद दोनों पक्षों ने 19 नवंबर, 2020 को एमओयू पर हस्ताक्षर किए और आदान-प्रदान किया गया।