Tuesday, May 21 2024

वीणा मिश्र का जन्म ऐसे परिवार में हुआ जिसकी ख्याति शिक्षा व संस्कृति के क्षेत्र में दूर-दूर तक फैली थी : शरतेंदु शेखर

FIRSTLOOK BIHAR 05:30 AM बिहार

एलएन मिश्रा काॅलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में मनाई गई संस्थापक सदस्या वीणा मिश्र की जयंती

मुजफ्फरपुर : ललित नारायण मिश्र काॅलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, मुजफ्फरपुर के प्रांगण में शुक्रवार को महाविद्यालय की संस्थापक सदस्या वीणा मिश्र की 75 वीं जयन्ती मनाई गई। उनकी 75 वीं जयन्ती के अवसर पर उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर महाविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों द्वारा श्रद्धांजली अर्पित की गई।

इस अवसर पर महाविद्यालय के कुलसचिव डाॅ कुमार शरतेंदु शेखर ने उनके व्यक्तिव पर प्रकाश डालतें हुए कहा कि महाविद्यालय की संस्थापक सदस्या वीणा मिश्र का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जिसकी ख्याति शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में दूर - दूर तक फैली थी। गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के साथ विश्व प्रसिद्ध शांतिनिकेतन में इनके पितामह अध्यापन कार्य करते थे। इनके पिता स्व गौरी नाथ मिश्र भी प्राध्यापक थे। बांकीपुर गर्ल्स हाईस्कूल में पढ़ाई करते हुए इनका विवाह ( बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ) डाॅ जगन्नाथ मिश्र के साथ हुई।

महाविद्यालय के स्थापना में घर की वस्तुओं को भी समर्पित कर दिया

विवाह के उपरांत भी शिक्षा प्राप्ति की इनकी रुचि बनी रही और पारिवारिक कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए इन्होनें अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर तक की उपाधि प्राप्त की। कालांतर में ये समाज सेवा से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं को अपना योगदान एवं मार्गदर्शन प्रदान करती रहीं। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय के स्थापना काल में उन्होनें डाॅ जगन्नाथ मिश्र को पूर्ण सहयोग दिया एवं घर के वस्तुओं को भी महाविद्यालय के उपयोग के लिए प्रसन्नतापूर्वक समर्पित कर दिया।

वीणा मिश्र की दृष्टि में आधी आबादी को सम्मान दिए बगैर विकसित समाज या राष्ट्र की कल्पना अधूरी

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राध्यापक डाॅ श्याम आनन्द झा ने कहा कि लोकनीति, सामाजिक विकास और नारी समानता वीणा मिश्र की रुचि के विषय रहे। वे सामाजिक जीवन में शुचिता और शालीनता की पक्षधर रहीं। सामाजिक राजनीतिक जीवन में महिलाओं की उपेक्षा या आनुपातिक भागीदारी की कमी उन्हें खलती थी। उनकी दृष्टि में आधी आबादी को सम्मान दिए बगैर विकसित समाज या राष्ट्र की कल्पना अधूरी है।

वीणा मिश्र का मानना था कि नारी पृथ्वी की समरूपा होती है

अध्यात्म, संस्कृति, समानता और संस्कार का आधार बिंदु नारी को मानते हुए उनका साफ कथन था कि, जहाँ नारी के प्रति सम्मान रहता है वहीं दैवीय शक्तियों का वास होता है। वे नारी उत्पीड़न को मानवाधिकार पर प्रहार एवं मानवता के प्रति क्रूर अपराध मानती थीं। उनका मानना था कि नारी पृथ्वी की समरुपा होती हैं जो स्वयं कष्ट सहकर भी परिवार, समाज एवं जगत के कल्याण का भाव रखती है। उन्होंने कहा कि अनेक अवसरों पर वीणा मिश्र के व्यक्त विचार भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगी।

श्रीमती वीणा मिश्र स्मृति सशक्तीकरण छात्रवृत्ति के रूप में 50000 रुपये

इस अवसर पर महाविद्यालय के कुलसचिव डा कुमार शरतेंदु शेखर ने जानकारी दी कि वीणा मिश्र के द्वारा बेटियों की शिक्षा के लिए किये गये अथक और सराहनीय कार्य को जारी रखते हुए ललित नारायण मिश्र काॅलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट के द्वारा बीबीए और बीसीए में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त कर उतीर्ण होने वाली छात्राओं को श्रीमती वीणा मिश्र स्मृति महिला सशक्तिकरण छात्रवृति के रुप में 50000 रुपये दोनों छात्रा को अपनी उच्च शिक्षा के लिए दी जा रही है।

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