नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने हालिया राष्ट्रीय भूस्थानिकपुरस्कार अभिनंदन समारोह में इस बात को रेखांकित किया किभारत सरकार द्वारा कुछ दिन पहले घोषित भूस्थानिक नीतियों के उदारीकरण से इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और सार्वजनिक के साथ-साथ निजी क्षेत्र के लिए भी समान प्रतिस्पर्धा का अवसर बनेगा।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्सऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित ऑनलाइन अभिनंदन समारोह में वेबीनार के माध्यम से उन्होंने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने के लिए भूस्थानिक प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग हमारा उद्देश्य है।
सभी क्षेत्रों तक इस तरह के डाटा की पहुंच प्रदान करने के लिए हाल ही में मानचित्रों के साथ भू-स्थानिक डाटा के अधिग्रहण एवं निर्माण और भूस्थानिक डाटा सर्विस के लिए दिशानिर्देशों जारी किए गए हैं।
इस पुरस्कार समारोह में क्षेत्र के नवाचारों को मान्यता दी गई। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को ई-शासन एवं भारत मैप्स की योजना के लिए बहुस्तरीय जीआईएसको लेकर परियोजना निर्माण के लिए गवर्नेंस अवार्ड में भू-स्थानिक उत्कृष्टता प्राप्त हुई। वहीं गुजरात सरकार के कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग को गुजरात राज्य के लिए रिमोट सेंसिंग एवंभूस्थानिक तकनीकों का उपयोग कर फसल क्षेत्र एवं नुकसान के आकलन परियोजना और एनटीपीसी लिमिटेड की विभिन्न प्रक्रियाओं में ड्रोन के परियोजना एकीकरण को लेकर आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी के लिए भूस्थानिक प्रौद्योगिकी नवाचार पुरस्कार प्रदान किया गया।इनके अलावा एमएल इन्फोमैप को एलपीजी के कुशल एवं सुरक्षित परिवहनको लेकरभूस्थानिक प्रौद्योगिकी परियोजना के लिए और एलएंडटी कंस्ट्रक्शन को बृहद सिंचाई परियोजनाओं के लिएइंजीनियरिंग डिजाइन मेंएरियल लिडार सॉल्यूशन के परियोजना कार्यान्वयन के लिए बिजनेस एप्लीकेशन में भूस्थानिक उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस पुरस्कार समारोह में प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने सभी हितधारकों से भूस्थानिक डाटा के विभिन्न पहलुओं के बारे में सिफारिशें, अंतर्दृष्टि एवं सलाह औरनीति को मजबूत करने को लेकर इसेपूरी ताकत देने के लिए संपूर्ण इकोसिस्टम का उपयोग कैसे किया जाए, इसे साझा करने करने की अपील की।