नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग ने आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के दो (2) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र तथा विभिन्न राज्यों के चौदह (14) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की रिक्तियों को भरने के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए तिथियों का भी ऐलान कर दिया गया है। 17 अप्रैल को मतदान व 02 मई को मतगणना की तिथि तय की गई है।
क्र. सं.
राज्य
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की संख्या एवं नाम
आंध्र प्रदेश
23-तिरुपति (अजा)
कर्नाटक
2-बेलगाम
क्र. सं.
राज्य
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की संख्या एवं नाम
गुजरात
125– मोरवा हदफ (अजजा)
झारखंड
13- मधुपुर
कर्नाटक
47-बसवाकल्याण
कर्नाटक
59–मस्की (अजजा)
मध्य प्रदेश
55-दमोह
महाराष्ट्र
252-पंढरपुर
मिजोरम
26-सेरछिप (अजजा)
नगालैंड
51-नोकसिन (अजजा)
ओडिशा
110-पिपिली
राजस्थान
179- सहारा
राजस्थान
24-सुजनगढ़ (अजा)
राजस्थान
175-राजसमंद
तेलंगाना
87-नागार्जुन सागर
उत्तराखंड
49-सल्ट
स्थानीय समारोहों, मौसम की स्थिति, बलों की आवाजाही, महामारी आदि जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखने के बाद, आयोग ने इन रिक्तियों को भरने के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है। इससे संबंधित कार्यक्रम निम्नलिखित हैः
चुनाव कार्यक्रम
तारीख और दिन
राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तिथि
23.03.2021
(मंगलवार)
नामांकन की अंतिम तिथि
30.03.2021
(मंगलवार)
नामांकन पत्रों की जांच की तिथि
31.03.2021
(बुधवार)
उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि
03.04.2021
(शनिवार)
मतदान तिथि
17.04.2021
(शनिवार)
मतगणना की तारीख
02.05.2021
(रविवार)
जिस तारीख से पहले चुनाव संपन्न हो जाएगा
04.05.2021
(मंगलवार)
1. मतदाता सूचियां
उक्त संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदाता सूचियां दिनांक 01.01.2021 को अर्हता तिथि के रूप में प्रकाशित कर दी गई हैं।
2. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट
आयोग ने सभी मतदान केन्द्रों पर ईवीएम तथा वीवीपैट का उपयोग करने का निर्णय लिया है। पर्याप्त संख्या में ईवीएम तथा वीवीपैट उपलब्ध कराई गई हैं और इन मशीनों की सहायता से सुचारू रूप से चुनाव संपन्न कराना सुनिश्चित किया गया है।
3. मतदाताओं की पहचान
मौजूदा प्रक्रिया को जारी रखने के क्रम में मतदान के समय उपरोक्त चुनाव में मतदाता की पहचान अनिवार्य होगी। मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) को वोटर की पहचान का मुख्य दस्तावेज माना जाएगा। हालांकि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न हो, अगर उसका नाम मतदाता सूची में शामिल हैं, तो वैकल्पिक पहचान दस्तावेज निम्नानुसार निर्दिष्ट किए गए हैं:
1. आधार कार्ड
2. मनरेगा जॉब कार्ड
3. बैंक/डाकघर द्वारा जारी की गई फोटोग्राफ लगी पासबुक
4. श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी किए गए स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
5. ड्राइविंग लाइसेंस
6. पैन कार्ड
7. एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी किया गया स्मार्ट कार्ड
8. भारतीय पासपोर्ट
9. फोटोग्राफ लगे पेंशन दस्तावेज
10. केन्द्र/राज्य सरकार/पीएसयू/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किया गया फोटोग्राफ लगा सेवा पहचान पत्र
11. सांसदों/विधायकों/एमएलसी द्वारा जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र
4. आदर्श आचार संहिता
उन जिलों में पूर्ण रूप से या कुछ हिस्से में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू होगी, जहां पर संसदीय क्षेत्रों में या विधानसभा में चुनाव होने जा रहे हैं। यह आयोग के निर्देश संख्या 437/6/1NST/2016-CCS दिनांक 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट https://eci.gov.in/पर उपलब्ध) द्वारा यथा जारी आंशिक संशोधन के अधीन है। (प्रति संलग्न)
आदर्श आचार संहिता सभी उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और संबंधित राज्य सरकार पर लागू होगी। आदर्श आचार संहिता केन्द्र सरकार पर भी लागू होगी।
5. मतदाता पहचान पर्चियां (वीआईएस)
मतदाता को अपने मतदाता केन्द्र की मतदाता सूची की क्रम संख्या, चुनाव की तारीख, समय आदि की जानकारी देने के लिए आयोग ने दिनांक 26.02.2021 जारी पत्र के माध्यम से फोटो मतदाता पर्ची के स्थान पर ‘मतदाता सूचना पर्ची’ जारी करने का फैसला किया है। मतदाता सूचना पर्ची में मतदान केन्द्र, तारीख, समय आदि का उल्लेख होगा, लेकिन इस पर मतदाता का फोटोग्राफ नहीं होगा। मतदाता सूचना पर्ची को चुनाव से कम से कम 5 दिन पहले जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा वितरित कर दी जाएगी। हालांकि, मतदाता सूचना पर्ची को मतदाताओं की पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि आयोग ने 28 फरवरी, 2019 से फोटो मतदाता पर्चियों को पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार करने पर रोक लगा दी थी।
6. कोविड-19 के दौरान उपचुनाव के आयोजन के दौरान व्यापक दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा
कोविड-19 के प्रसार के मद्देनजर, 21 अगस्त, 2020 को आयोग ने व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनका इन चुनावों के संचालन के दौरान कड़ाई से पालन किया जाना है, जो जहां अनुबंध -1 के रूप में संलग्न है और आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।
बिहार विधानसभा, 2020 और 5 राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के विधानसभा के लिए आम चुनावों के दौरान जारी सभी दिशानिर्देश उक्त उप चुनावों में भी यथोचित परिवर्तन के साथ लागू रहेंगे।