Tuesday, May 21 2024

विचारों की स्वतंत्रता में मीडिया की भूमिका अहम: सच्चिदानन्द सिन्हा

FIRSTLOOK BIHAR 05:30 AM बिहार

राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में पत्रकार कल्याण मंच की ओर से एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन

अवकाश प्राप्त पत्रकारों को किया गया सम्मानित
मुशहरी ( मुजफ्फरपुर ) : विचारों की स्वतंत्रता में मीडिया की भूमिका अहम होती है. मीडिया की आजादी रहनी चाहिए. हिटलर ने मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया था. विचारों की स्वतंत्रता सबसे महत्वपूर्ण होती है. वर्तमान में हमारे देश में मीडिया की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने की कोशिश की जा रही है जो लोकतंत्र के लिये खतरनाक संकेत है. अगर ऐसा हुआ तो देश की प्रगति पर असर पड़ेगा. उक्त बातें प्रख्यात समाजवादी चिंतक सह लेखक सचिदानंद सिन्हा ने रविवार को राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के सभागार में पत्रकार कल्याण मंच की ओर से आयोजित एकदिवसीय सेमिनार को संबोधित करते हुए कही.

सेमिनार का विषय था, वर्तमान परिदृश्य में पत्रकारिता और उसकी चुनौतियां

सेमिनार को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ शेषधर पांडेय ने कहा कि सकारात्मक रूप में खबर को प्रसारित करना चाहिए. लीची, आम, केला, मखाना आदि हमारी विरासत है जिसे बचाने की जरूरत है. लीची को एईएस से जोड़ने के कारण लीची के विपणन पर असर पड़ा है.

डीपीआरओ कमल सिंह ने कहा कि मीडिया न हो तो प्रशासन के लिये एक कदम चलना भी मुश्किल होगा. उन्होंने फेक न्यूज़ से बचने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नियंत्रण का कोई प्रावधान नही है. लेकिन होना आवश्यक है.

वरीय पत्रकार गणेश कुमार मेहता ने कहा कि जिस तरह जिंदगी किसी फार्मूले से नही चलती वैसे ही पत्रकारिता किसी फार्मूले से नही चलती. पत्रकारिता कभी मरती नही है.

अध्यक्षता वरीय पत्रकार गणेश कुमार मेहता ने किया जबकि मंच संचालन मुमताज अहमद ने किया. धन्यवाद ज्ञापन अनिल कुमार ने किया. विषय प्रवेश पत्रकार कल्याण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार सिंह ने कराया.

मौके पर उपस्थित लोगों में वरीय पत्रकार गुलशाद अहमद, सुधीर कुमार, मणिभूषण, इम्तियाज अहमद, सजल कुमार शील, अशोक कुमार, सुशील बागी, अजित कुंवर, दिवाकर कुमार, कन्हैया कुमार, श्याम कुमार, रौशन कुमार, गोविंद प्रसाद, अरुण सिंह, सेवानिवृत पत्रकार प्रभात कुमार एव अरूण शाही, पल्लव कुमार, उमाशंकर, अनिल कुमार, विपुलेंद्र कुमार, सतीश कुमार, दिवाकर कुमार, इफ्तेखार आलम, श्याम कुमार, गजाधर राणा, जयप्रकाश सहनी, धीरेंद्र ब्रह्मचारी, अंजुम रजा आदि शामिल थे.

बैठक के बाद सेवानिवृत पत्रकार प्रभात कुमार एव अरूण शाही को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया. उसके बाद संगठन का विस्तार किया गया.

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