मुजफ्फरपुर : जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा मुजफ्फरपुर के तत्वाधान में जिलाधिकारी, मुजफ्फरपुर की अध्यक्षता में संभावित बाढ़ की पूर्व तैयारी, तटबंधों/स्लुइस गेटों/नहरों
की मरम्मति व बाढ़ निरोधक कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में जल संसाधन विभाग से संबंधित सभी कार्यपालक अभियंता तथा जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
उपस्थित सभी तकनीकी विभागों के कार्यपालक अभियंताओं को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि 15 मई तक तटबंध से संबंधित कटावनिरोधी तथा अन्य कार्यों को हर हाल में पूरा करना सुनिश्चित किया जाय ताकि बाढ़ के समय लोगों को नुकसान ना झेलना पड़े।
उन्होंने कहा कि तय मानकों एवं विशिष्टियों के आधार पर कार्य करना सुनिश्चित करें। जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारियों को समय -समय पर तटबन्धों का निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया।
समीक्षा का संक्षिप्त विवरण
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, गंडक नदी, मुजफ्फरपुर
कार्यपालक अभियंता, गंडक नदी द्वारा बताया कि गंडक नदी का प्रवाह जिले में माधोपुर हजारी से रामदोली तक पड़ता है जिसकी कुल लंबाई 46 किलोमीटर है। वर्तमान समय में कुल 3 परियोजनाएं साहबगंज अंचल के रूप छपरा तथा हुससेपुर, पारु अंचल के धरफरी व तिरहुत तटबंध तथा कल्याणपुर रिंग बांध के टूटे स्थलों की मरम्मति व कटाव निरोधक कार्य किए जा रहे हैं। बाढ़ निरोधक सभी कार्य 15 मई 2021 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, बूढ़ी गंडक नदी, मुजफ्फरपुर
कार्यपालक अभियंता, बूढ़ी गंडक द्वारा बताया गया कि बूढ़ी गंडक के दाएं तटबंध पर डुमरिया, मोरसंडी मठिया, अंजना कोट, पहाड़ चक, दरधा, नेमोपुर से बलुआ, बिंदा, नरौली, सलहा, मोहम्मदपुर कोठी, कोठियां पर बाढ़ निरोधक व पुर्नस्थापना का कार्य प्रगति पर है। जबकि बूढ़ी गंडक के बायें तटबंध पर पानापुर चक्की, बखरी, पिरखपुर, महेशपुर से टेकरी, रामपुर महिनाथ, गुरदयाल, चांद परना, सलेमपुर, बगाही विजय छपरा पर बाढ़ निरोधक कार्य , कटाव निरोधक कार्य व स्लूईस गेट मरम्मति कार्य प्रगति पर है।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल बागमती, रुनीसैदपुर ,सीतामढ़ी/ मुजफ्फरपुर
कार्यपालक अभियंता बागमती ने बताया कि बागमती नदी का प्रभाव जिले के 4 प्रखंडों में है तथा जिले में बागमती नदी का प्रवाह कटोझा पुल से बेनीबाद तक है। वर्तमान में बाढ़ निरोधक तीन कार्य आलमपुर, पाकड़ चौक सिमरी तथा बिशुनपुर में प्रगति पर है। बागमती दाया तथा बाया तटबंध के 6 किमी हेतु परियोजना स्वीकृत है परंतु भू अर्जन संबंधी भुगतान लंबित रहने व ग्रामीणों के विरोध के कारण तटबंध का निर्माण नहीं हो पा रहा है। साथ ही, तटबंध के दोनों छोर हेतु 22 किमी बांध निर्माण हेतु डीपीआर बना ली गयी है तथा विभागीय स्वीकृति हेतु गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग को भेजी गई है। उनके द्वारा बताया गया कि अधवारा समूह की नदियों-लखनदेई व अन्य पहाड़ी नालों से आने वाली बाढ़ की रोकथाम हेतु जमींदारी बांध पर कटाव निरोधक कार्य संवेदनशील स्थलों पर किया जा रहा है।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, जल निस्सरण मुजफ्फरपुर
सहायक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल जल निस्सरण, मुजफ्फरपुर द्वारा बताया गया कि कदाने नदी पर बाढ़ व कटान निरोधक कुल 3 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है।साहेबगंज व पारू के जमींदारी बांधो की मरम्मति हेतु विभाग को डीपीआर भेजी गई है।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, यांत्रिक, मुजफ्फरपुर
कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, यांत्रिक, मुजफ्फरपुर द्वारा बताया गया कि जिले में प्रवाहित होने वाली सभी नदियों पर कुल 252 स्लूईस गेट हैं तथा 187 गेट सामान्य स्थिति में हैं, 62 गेटों की मरम्मत की जा रही है तथा 06 गेटों पर पुनर्स्थापना संबंधी कार्य किए जा रहे हैं। सभी कार्य को मई माह में पूरा कर लिया जाएगा।
नगर निगम मुजफ्फरपुर
नगर आयुक्त मुजफ्फरपुर द्वारा बताया गया कि कुल 3 स्लुइस गेट से नगरीय क्षेत्र में एकत्रित होने वाले जल को बूढ़ी गंडक मे डिस्चार्ज किया जाता है। 1 स्लुइस गेट पर स्थाई पम्पहाउस है तथा अन्य 2 स्लूईस गेटों पर जल संसाधन विभाग से एन ओ सी न मिलने के कारण बाढ़ अवधि में पम्प संचालन में कठिनाई होती है। उनके द्वारा बताया कि विभाग से 38 हार्स पावर के 05 पम्प की अधियाचना की गई है ताकि वाटर डिस्चार्ज सुगमता से हो सके व जल जमाव की समस्या का निदान हो सके।
संभावित बाढ़ से सम्बंधित बैठक में दिए गए अन्य निर्देश--
संवेदनशील स्थलों को चिन्हित करते हुए तटबंधों सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करें .
संवेदनशील स्थलों पर बालू से भरे बोरे का स्टॉक
बालू का भंडारण
खाली सीमेंट बोरे का भंडारण
नायलॉन क्रेट का भंडारण
सुरक्षित स्थल पर करें
बाढ़ संघर्षत्मक कार्य हेत दक्ष संवेदकों की पहचान तथा सूची तैयार कर ले
तटबंध की सुरक्षा के लिए प्रति किलोमीटर एक होमगार्ड की तैनाती मानसून अवधि के प्रारंभ से ही करना सुनिश्चित करें
तटबंध की सतत निगरानी करें तथा मोबाइल एंबुलेंस को प्रकाश आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें
नगरीय क्षेत्र में स्लूईस गेटों की मरम्मति तथा स्थाई पंप हाउस बनाने हेतु नगर निगम, आपदा प्रबंधन त्ता ईछजल संसाधन विभाग मिलकर कार्य करें ताकि मानसून अवधि में नगर वासियों को जलजमाव की समस्या से न जूझना पड़े।