देश में ऑक्सीजन की जरूरत को अविलंब पूरा करने के लिये रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) अस्पतालों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने जा रहा है। इसके साथ घरों में इस्तेमाल करने के डीआरडीओ डेढ़ लाख छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार करेगा।
डीआरडीओ ने पीएम केयर्स फंड के तहत प्रति माह 125 संयंत्र के निर्माण का भी लक्ष्य रखा है तो वहीं अब घरों में इस्तेमाल के लिए एक लाख 50 हजार छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार किए जाने का जिम्मा लिया है।
डीआरडीओ मजबूत चिकित्सा ढांचे और उपकरण के निर्माण कार्य में जुट गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर जी. सतीश रेड्डी के मुताबिक संगठन देश के विभिन्न भागों में कई कोविड विशेष अस्पताल बना रहा है, ताकि मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधाएं मिल सकें। डीआरडीओ ने पीएम केयर्स फंड के तहत प्रति माह 125 संयंत्र के निर्माण का भी लक्ष्य रखा है, जबकि तीन माह के भीतर वह देशभर में 500 से अधिक ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करेगा।
संगठन ने विभिन्न चिकित्सकीय उपकरण बनाने के लिए अपनी सैन्य विशेषज्ञता और ज्ञान का उपयोग इसलिए किया है ताकि मुश्किल की इस घड़ी में कोविड मरीजों को ज्यादा से ज्यादा राहत पहुंचाई जा सके।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में यह मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) तकनीक उपयोगी होगी। इस तकनीक से एक मिनट में 1,000 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है। डीआरडीओ के अधिकारी ने बताया कि यह प्रणाली प्रति मिनट 190 मरीजों की जरूरत पूरा कर सकती है और 195 सिलेंडर प्रति दिन चार्ज कर सकती है। डीआरडीओ ने मेसर्स टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, बेंगलुरु को 332 और मेसर्स ट्राइडेंट न्यूमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर को 48 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की आपूर्ति के आदेश दिए हैं।