मास्क बनाने से दूर हुई घर की भी आर्थिक तंगी
गया : बिहार में गया जिले के बोधगया प्रखंड अंतर्गत चेरकी के प्रमोद नगर, डिरावां गांव में सास व बहु की प्रेम कहानी चर्चा का केंद्र बना हुआ है। सास प्रमिला देवी व बहु सोनी सिन्हा बड़े ही प्रेम से मास्क बनाने के अभियान में लगी हुई हैं। इनके यहां से तैयार मास्क पंचायत के कई गांवों में लोगों के बीच पहुंच रहा है। गांव वाले इस मास्क को पहनकर खुद को कोरोना संक्रमण से बचाव कर रहे हैं। बहु सोनी ने बताया कि उसने अपनी सासू मां के साथ मिलकर पिछले लॉकडाडन में भी हजारों मास्क तैयार किए थे। इस बार भी हर रोज करीब 250 मास्क बना लेती हैं। घर का कामकाज करने के बाद जो समय बचता है उसे दोनों सास-बहु मास्क बनाने में लगाती हैं। इन दोनाें सास-बहु की मेहनत की सराहना स्थानीय आदर्श जीविका महिला संकुल संघ व जीविका के अधिकारी भी करते हैं। अपने संकुल से कपड़ा लाकर ये दोनों सिलाई करती हैं।
मास्क बनाने से जो पैसे मिलते हैं उसी से चल रहा घर-परिवार
- सोनी सिन्हा ने बताया कि कोरोना संकट काल में जीविका ने एक तरह से उनके परिवार को रोजगार उपलब्ध कराया है। वह बताती हैं कि एक मास्क बनाने पर उन्हें 5 रुपये की आमदनी होती है। अभी जो भी रुपये मास्क बनाने से आता है उसी से घर चल रहा है। इनके घर में दो बच्चे और एक देवर हैं। वह जीविका के हरेक कार्यों से जुड़कर अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देती हैं। वह अपनी सास मां को लेकर कहती हैं कि उन्हें कभी भी ससुराल में अपनी मां की कमी नहीं खली। सासू मां भी उन्हें अपनी बेटी के तरह सम्मान देती हैं। उनके हर काम में सहयोग करती हैं।
समूह से कर्ज लेकर खरीदी सिलाई मशीन, सामान्य दिनों में भी मिल जाता है कुछ काम
-इन सास-बहु ने जीविका के समूह से ही कर्ज लेकर दो सिलाई मशीन खरीदी। सोनी बताती हैं कि पहले एक मशीन खरीदी। बाद में जरूरत पड़ी तो दूसरी मशीन ले ली। सामान्य दिनों में भी वह ब्लाउज, पेटीकोट, फ्रॉक, सूट आदि सिलाई कर लेती हैं। इससे कुछ आमदनी भी हो जाती है। वह जीविका से मिले सहयोग के प्रति आभार जताती हैं।