Monday, May 20 2024

सेनारी नरसंहार : 34 लोगों की हुई हत्या मामले में सभी 13 आरोपित को साक्ष्य के अभाव में हाईकोर्ट ने किया बरी

FIRSTLOOK BIHAR 22:23 PM बिहार

निचली अदालत की फैसले को बदला

पटना : जहानाबाद जिले में 18 मार्च 1999 को हुए चर्चित सेनारी नरसंहार में मारे गये 34 लोगों की हत्या मामले में पटना हाईकोर्ट में शुक्रवार को फैसला सुनाया। फ़ैसले में जहानाबाद जिले के बहुचर्चित सेनारी नरसंहार के सभी 13 दोषियों को बरी कर दिया गया । न्यायाधीश अश्वनी कुमार सिंह एवं न्यायाधीश अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने लम्बी सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर रखा था जिसे शुक्रवार को सुनाया। कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए सभी 13 आरोपितों को तुरंत रिहा करने का भी आदेश दिया। जहानाबाद के जिला अदालत ने 15 नवंबर 2016 को इस मामले में 10 लोगों को मौत और 3 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

18 मार्च 1999 की रात प्रतिबंधित नक्सली संगठन के उग्रवादियों ने सेनारी गांव को चारों तरफ से घेर लिया था।इसके बाद एक जाति विशेष के 34 लोगों को उनके घरों से जबरन निकालकर गाँव के मंदिर के सामने खेत में ले जाकर बेरहमी से गला रेत व पेट चीर कर उनकी हत्या कर दी गई थी। निचली अदालत के फैसले की पुष्टि के लिए पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से डेथ रेफरेंस दायर किया गया जबकि दोषियों द्वारिका पासवान, बचेश कुमार सिंह, मुंगेश्वर यादव और अन्य की ओर से क्रिमिनल अपील दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी।

सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सुरिंदर सिंह, पटना हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कृष्णा प्रसाद सिंह, अधिवक्ता राकेश सिंह, अंशुल, भाष्कर शंकर अधिवक्ताओं ने पक्ष विपक्ष की ओर से अपनी दलीलें पेश की।

अभियुक्तों का पक्ष रखने वाले अधिवक्ता अंशुल ने बताया कि हाईकोर्ट के समक्ष आये अभियुक्तों में कोई प्राथमिकी में नामित नहीं था। गवाहों के बयान में विरोधाभास और पुलिस द्वारा किए गए अनुसंधान में त्रुटियों की वजह से हाईकोर्ट ने उक्त फ़ैसला दिया ।चूँकि गवाह इस स्थिति में नहीं थे कि रात में अभियुक्तों की पहचान कर सके । उन्होंने यह भी बताया कि जिस वक़्त घटना को अंजाम दिया गया था उस समय वहाँ अंधेरा था और किसी प्रकार की रौशनी का स्रोत उपलब्ध नहीं था । उन्होंने यह भी दलील दी कि चस्मदीद कुछ भी स्पष्ट देख पाने में सक्षम नहीं थे। इस मामले में सभी अभियुक्तों की रिहाई हो चुकी है।

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