Friday, May 17 2024

त्रिविध जयंती को बुद्धभूमि पर सादगी से मनेगी भगवान बुद्ध की जयंती

FIRSTLOOK BIHAR 00:23 AM बिहार

बोधगया : बैशाख पूर्णिमा को ही राजकुमार सिद्धार्थ का जन्म हुआ। अलौकिक दिव्य ज्ञान की प्राप्ति कर बुद्ध बने और भगवान बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। इसलिए इसे बौद्ध अनुयायी त्रिविध जयंती भी कहते हैं। इस बार बैशाख पूर्णिमा बुधवार को है। बुद्ध जयंती भले ही सादगी से मनेगा। लेकिन विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर सहित आसपास के क्षेत्र को पंचशील ध्वज और कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था से सजाने का कार्य सोमवार से शुरू हो गया। लेकिन गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी बैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध का दर्शन आम श्रद्धालुओं को नहीं होगा। बोधगया में ना कोई श्रद्धालुओं की गहमागहमी होगी और ना ही पूर्व की भांति कोई विशेष कार्यक्रम होगा। सादगी से महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति द्वारा त्रिविध जयंती मनाया जाएगा। बता दें कि बुद्ध जयंती पर हर वर्ष देश-विदेश से बौद्ध श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता था। कालचक्र मैदान से लेकर विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर में कई धार्मिक कार्यों का आयोजन किया जाता था। विश्व शांति के लिए धम्मं यात्रा निकाली जाती थी। बुद्धं शरणं गच्छामि के जयघोष से बुद्ध नगरी गुंजायमान रहता था। मंदिर मार्ग पंचशील ध्वज से सजा रहता था। लेकिन वैश्चिक महामारी कोरोना ने सभी धर्मावलंबियों के पर्व त्योहार को फीका कर दिया। बीटीएमसी के भिक्षु डॉ. दीनानंद बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण इस बार भी सार्वजनिक तौर पर बुद्ध जयंती नहीं मनाई जाएगी। अलग-अलग बौद्ध मठों में बौद्ध भिक्षु सादगीपूर्ण माहौल में बौद्ध जयंती मनाएंगे। महाबोधि मंदिर में भी सादगी से पूजा-पाठ किया जाएगा। भगवान बुद्ध को प्रतिदिन की भांति खीर का प्रसाद चढ़ाया जाएगा। बीटीएमसी के सभी भिक्षु विश्व शांति और कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए प्रार्थना करेंगे। संध्या बेला में वटर लैंप हाउस में तैलीय दीप जलाया जाएगा।

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