Friday, May 17 2024

फुलवारी सिवरेज साफ करने चेंबर में उतरे दो मजदूर की दम घुटने से मौत

FIRSTLOOK BIHAR 21:40 PM बिहार

फुलवारीशरीफ ( पटना ) : नमामि गंगा के तहत एलएनटी द्वारा नाला निर्माण के दौरान चैंबर में उतरे दो मजदूर की दम घुटने से मौत हो गई। मृतक की पहचान मुर्शीदाबाद के खोरीगोना गांव निवासी मो सद्दाम ऊर्फ इदरीस 29 व मो इकबाल 26 के रूप में हुई है। प्रत्यक्षदर्शी सहकर्मी के अनुसार आज सुबह एलएनटी द्वारा बनाए गया नाला में बेउर का पानी निकासी के लिए सफाई के लिए मो इकबाल 30 फीट गहरा बना चैंबर में उतरा। चैंबर में उतरने के कुछ मिनट बाद ही उसका दम घुटने लगा। यह देखकर मो सद्दाम शोर मचाते हुए बचाने के लिए चैँबर में उतर गया। दोनों की चैंबर में दम घुटने से मौत के बाद सहकर्मियों में अफरा-तफरी मच गई। आसपास के स्थानीय लोगों की भीड़ भी जमा हो गई। वहीं घटना के बाद बेउर स्थित स्थानीय एलएनटी कार्यालय छोड़कर सभी वरीय कर्मी फरार हो गए। लगातार कॉल करने के पर रिंग होने के बावजूद कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर विजय गोयल ने मोबाईल रिसिव नहीं किया। सूचना पाकर स्थानीय पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची। बेउर थाना में तैनात प्रशिक्षु डीएसपी अमीत कुमार ने बताया कि एलएनटी और नयन रागा द्वारा नाला की सफाई के दौरान दो मजदूर की दम घुटने से मौत हुई है। कंपनी के वरीय कर्मियों की कुछ लापरवाही सामने आई है। पुलिस मामले के हर बिंदु पर छानबीन कर रही है।

एक घंटा रेस्क्यू के बाद निकाला गया दोनों मजदूरों का शव

प्रशिक्षु डीएसपी के अनुसार सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने बचाव की कमान अपने हाथों में लेते हुए जेसीबी मशीन द्वारा चैंबर के पूर्व और उत्तर दोनों तरफ पहले 6-6 फीट गड्ढा खोदा गया। जिससे अंदर तक ऑक्सीजन पहुंच सके। उसके बाद एक कर्मी को ऑक्सीजन कीट के साथ चैंबर में उतारा गया। एक घंटे के मशक्कत के बाद दोनों शव को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

एलएनटी कंपनी द्वारा बेउर और उसके आसपास खोदकर छोड़े गए गड्ढे से पहले से ही लोग नाराज चल रहे थे। दो मजदूरों की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने इसके लिए कंपनी को जिम्मेदार ठहराया।

बिना सुरक्षा किट व ऑक्सीजन के चेंबर में उतरे थे मजदूर

बिना सुरक्षा कीट व ऑक्सीजन के ही चेंबर में मजदूर उतर गये थे। सुपरवाईजर तक वहां मौजूद नहीं था खुद प्रशिक्षु डीएसपी का मानना है कि चैंबर सफाई के दौरान सुपरवाईजर या कंपनी का कोई इंजीनियर मौजूद रहता तो मजदूरों की जान बचाई जा सकती थी। ढक्कन खोलकर तुरंत चेंबर में उतरना मजदूरों के मौत का कारण बना। बंद ढक्कन के कारण पहले से ही चेंबर में कार्बन-डायऑक्साईड गैस भरा था।

मजदूरों को सुझाव देने के लिए नहीं था कंपनी का इंजीनियर

गैस को निकलने का मजदूरों को इंतजार करना चाहिए था, लेकिन मजदूरों को सुझाव देने के लिए मौके पर न तो कंपनी का इंजीनियर मौजूद था और न ही कोई सुपरवाईजर। खुद प्रोजेक्ट मैनेजर को घटना की सूचना स्थानीय पुलिस ने दी।

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