Friday, May 17 2024

साइकिल गर्ल ज्योति के पिता का हार्ट अटैक से निधन

FIRSTLOOK BIHAR 21:47 PM बिहार

कोरोना की पहली लहर में बीमार पिता को हरियाणा से साइकिल पर बैठाकर दरभंगा के सिरहुल्ली पहुंच गई थी ज्योति

इस बार अचानक से रूक गईं पिता की धड़कनें
दरभंगा : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर 24 मार्च 2020 से लागू देशव्यापी प्रथम लॉकडाउन के वक्त ज्योति के पिता मोहन पासवान हरियाणा के गुरुग्राम में बीमार पर गये। लाॅकडाउन में वाहनों व ट्रेनों का परिचालन भी पूर्णतः बंद हो गया तब अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर हरियाणा के गुरुग्राम से दरभंगा के सिरहुल्ली तक लानेवाली ज्योति इस बार अपने पिता की रक्षा नहीं कर पाई। पिता को साथ लेकर इतनी लंबी दूरी तय करने के बाद ज्योति को पूरी दुनिया ने पिछले साल साइकिल गर्ल के रूप में जाना था। गुरुग्राम से आने के बाद ज्योति का परिवार बेहतर तरीके से चल रहा है। सरकार व निजी स्तर पर उसके परिवार को सहायता मिल रही थी। जीविकोपार्जन के लिए ज्योति के पिता को नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमांड रिड्यूशन के तहत ई-रिक्शा के लिए 1.5 लाख का अनुदान मिला था। इसी वाहन से वे परिवार चला रहे थे।

ज्योति के पिता के निधन पर डीएम शोक व्यक्त किया, सीओ व बीडीओ घर पहुंच शव पर किया पुष्प अर्पित

अचानक सोमवार की सुबह ज्योति के पिता की तबीयत बिगड़ी और उन्होंने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि उनकी मौत हदय गति रूक जाने से हो गई। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। सिंहवाड़ा के प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव रंजन कुमार और अंचलाधिकारी चौधरी बसंत कुमार सिंह ने सिरहुल्ली स्थित ज्योति के आवास पर पुष्प अर्पित किया। सीओ ने बताया कि पारिवारिक लाभ योजना का लाभ ज्योति के परिवार को दिया जाएगा।

ज्योति ऐसे बनी थी साइकिल गर्ल

ज्योति के पिता मोहन पासवान हरियाणा के गुरुग्राम में ऑटो चलाते थे। 26 जनवरी को ई-रिक्शा से हादसे का शिकार हो गए। घर से ज्योति मां फूलो देवी और जीजा मुकेश पासवान के साथ गुरुग्राम पहुंची। इस बीच इलाज कराने में जब पैसे कम पड़े तो मां और जीजा 11 फरवरी को घर लौट आए। ज्योति पिता की सेवा में लग गई। इस बीच देश में 24 मार्च 2020 को 21 दिनों का लॉक डाउन लग गया। ज्योति के पिता बीमार थे और घर में खाने-पीने की परेशानी हो गई।

लाॅकडाउन में मिले सरकारी पैसे से खरीदी साइकिल और पिता को बैठाकर ले आयी घर

लॉकडाउन में पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से दी गई मदद के पैसे से साइकिल खरीदी और पिता को लेकर गुरुग्राम से सीधे दरभंगा के सिरहुल्ली पहुंची। कई दिनों की यात्रा के बाद जब ज्योति 16 अप्रैल 2020 को अपने गांव पहुंची तो उसका नाम सुर्खियों में आ गया। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने साइकिल गर्ल ज्योति की सराहना की थी।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजी जा चुकी है ज्योति

ज्योति आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग ने उसे नशा मुक्ति अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया। ज्योति को 25 जनवरी, 2021 को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला।

विवाद में फंस गई ज्योति पर बनने वाली फिल्म

ज्योति पर 27 मई, 2020 को चर्चित फिल्मकार विनोद कापड़ी और 26 जून, 2020 को केरल निवासी फिल्मकार शाइन कृष्णा ने फिल्म बनाने के लिए एडवांस दिया और एग्रीमेंट किया था। एक साथ दो कंपनी के साथ एग्रीमेंट होने के कारण मामला अदालत तक पहुंच गया और फिल्म निर्माण अधर में रह गया। ज्योति के पिता ने केरल के इडुक्की निवासी फिल्म निर्माता शाइन कृष्णा उर्फ कृष्णा चंदन सहित अन्य पर धोखाधड़ी करने और प्रताड़ित करने के आरोप में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है।

परिवार में मचा कोहराम, ज्योति कुछ बोलने की स्थिति में नहीं ज्योति के पिता मोहन पासवान की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। ज्योति की बड़ी बहन पिंकी की शादी हो चुकी है। जबकि ज्योति ने इसी साल मैट्रिक की परीक्षा पास की है। परिवार में उसके पीछे दो छोटे भाई और एक बहन है। ज्योति पिता की मौत के बाद टूट चुकीं है। वह कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं। बस एक ही रट लगा रही हैं - ये क्या हो गया।

Related Post