नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण की दिशा में प्रयास तथा रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के प्रयास का पालन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग की 108 सैन्य साजोसामानों की दूसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची को अधिसूचित करने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है । इससे आत्मनिर्भरता हासिल करने और रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के साथ स्वदेशीकरण को और अधिक बढ़ावा मिलेगा । रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) 2020 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार अब सभी 108 वस्तुओं की खरीद स्वदेशी स्रोतों से की जाएगी ।
दूसरी सूची (साथ में संलग्न) उन हथियारों/प्रणालियों पर विशेष ध्यान देती है जो वर्तमान में विकास/ परीक्षणों के अधीन हैं और जिनके भविष्य में पक्के आदेशों में परिणत होने की संभावना है । पहली सूची की तरह गोला-बारूद के आयात प्रतिस्थापन पर विशेष ध्यान दिया गया है । न केवल सूची में स्थानीय रक्षा उद्योग की क्षमता को मान्यता दी गई है, बल्कि यह प्रौद्योगिकी व विनिर्माण क्षमताओं में नए निवेश को आकर्षित करके घरेलू अनुसंधान और विकास को भी बढ़ावा देगा ।
दूसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची में जटिल प्रणालियां, सेंसर, सिम्युलेटर, हथियार और गोला-बारूद जैसे हेलीकॉप्टर, नेक्स्ट जेनरेशन कॉर्वेट, एयर बोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूएंडसी) सिस्टम, टैंक इंजन, पहाड़ों के लिए मीडियम पावर रडार, एमआरएसएएम हथियार प्रणालियां और भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऐसी अनेक और चीजें शामिल हैं । इस दूसरी सूची को दिसंबर 2021 से दिसंबर 2025 तक उत्तरोत्तर लागू किए जाने की योजना है ।
भारतीय उद्योग की भावी क्षमताओं का आकलन करने के लिए सरकारी और निजी विनिर्माण उद्योग परिसंघों के साथ अनेक दौर के विचार-विमर्श के बाद रक्षा मंत्रालय द्वारा यह दूसरी सूची तैयार की गई है जो सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी । यह सूची रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में निरंतर प्रोत्साहन प्रदान करती है ।
रक्षा उद्योग सशस्त्र बलों की भावी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मजबूत अनुसंधान तथा विकास सुविधाएं और क्षमताओं के निर्माण के लिए इस सुनहरे अवसर का लाभ उठा सकता है । यह सूची स्टार्ट-अप के साथ-साथ एमएसएमई के लिए भी एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है जिसे इस पहल से जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा ।
इस दिशा में रक्षा मंत्रालय, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और सर्विस हेड क्वार्टर (एसएचक्यू) उद्योग का हाथ थामने समेत सभी आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दूसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची में उल्लिखित समयसीमा को पूरा किया जाए, ताकि भारतीय रक्षा निर्माताओं को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करने, भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और निकट भविष्य में रक्षा निर्यात की क्षमताओं को विकसित करने के लिए सरकार के मेक इन इंडिया नज़रिए में मदद हेतु एक वातावरण निर्मित हो पाए । दूसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट में उल्लिखित की जाएगी ।
अगस्त 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान के सरकार के प्रयास एवं रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की सरकारी कोशिश के अनुपालन में 101 चीजों की पहली सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची अधिसूचित की गई थी । उस समय यह भी रेखांकित किया गया था कि देश में रक्षा विनिर्माण को सुगम और प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे और अधिक उपकरणों की आगे और पहचान की जाएगी ।