Friday, May 17 2024

नरसन्द गांव की बेटी बनी आपूर्ति पदाधिकारी

FIRSTLOOK BIHAR 21:55 PM बिहार

बीपीएससी में 98 वां रैंक लाकर किया क्षेत्र का नाम रौशन

(औरंगबाद): सच ही कहा गया है कि प्रतिभा रुकती नही ,निरंतर आगे बढ़ती ही जाती है और मंजिल उनके लिए खड़ी रहती है बशर्ते कि मन मे लगन और दिल मे कुछ करने की तमन्ना हो।ऐसा ही उदाहरण 26 नैनसी कुमारी ने कर दिखाया है जिसने बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में 98 वां रैंक लाकर परिवार समेत पूरे प्रखण्ड का नाम रौशन किया है।नैनसी का सेलेक्शन आपूर्ति पदाधिकारी में हुआ है।हसपुरा पंचायत के नरसन्द गाँव की नैनसी के पिता शिवनारायण सिंह अपने पंचायत डुमरा गांव में ही मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद से कुछ ही दिन पूर्व रिटायर किये हैं। दादा स्व.राजा राम सिंह आर्मी में रहकर हवलदार के पद को ईमानदारी व बहादुरी के साथ सुशोभित किया था।एक चाचा अरविंद कुमार रेलवे में कार्यरत हैं तो दूसरे चाचा डॉ.ललन सिंह नौकरी से रिटायर कर चुके हैं।इनके परिवारिक पृषभूमि की शिक्षित होने व व्यवहारों की चर्चा गाँव से लेकर ब्लॉक तक होती रहती है।

माता रजंती देवी गृहिणी हैं।नैनसी के पति विकास कुमार भी आर्मी में नौकरी करते हैं।वह कन्या उच्च विद्यालय हसपुरा से 2012 में 75 प्रतिशत अंक लाकर मैट्रिक में भी प्रखण्ड का नाम रौशन किया था।वर्ष 017 में गणित विषय से महिला कॉलेज हसपुरा से बीएससी प्रथम डिवीजन से पास की।उसके बाद बीपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गई।इसी बीच 019 मे नैनसी की शादी हो गई।लेकिन दिलचस्प की बात है कि वह अपने मंजिल पाने के लिए निरंतर संघर्ष करती रही। नैनसी की सफलता से उसके ससुराल रहे दाउदनगर प्रखण्ड के नीमा गांव से लेकर नरसन्द गाँव समेत पूरे प्रखण्ड मे खुशी का माहौल कायम है।जब नैनसी ससुराल से अपने गांव पहुंची तो उसके पिता,चाचा,परिजन समेत पूरे गाँव के लोगों ने बधाई दिया। गाँव मे इतनी खुशी है कि इसका वर्णन नही किया सकता।यानी खुशी व उत्सव का माहौल है।सभी कर रहे नैनसी को तरक्की व लंबी उम्र की कामना।

प्रथम बार मे सफल प्राप्त करने वाली नैनसी में बचपन से ही प्रतिभा थी।नैनसी की लगन व मेहनत को सभी सलाम कर रहे हैं। वह बताती है कि मन मे जो सपना था कि बीपीएससी करूं इसके लिए वह पढ़ाई पटना चली गई।परिवार का भी सहयोग मिला। लगन व मेहनत ने रंग दिखाया।जिसका परिणाम इस वर्ष उसे हासिल हुआ।वे इस सफलता का श्रेय माता पिता,भाई ,शिक्षक समेत पूरे परिवार को देते हैं। बताती हैं कि वह सरकारी सेवा देते हुए और भी आगे पढ़ाई जारी रखेगी।क्योंकि उनका तमन्ना है देश सेवा करने की।कहते है।उनका कहना है कि यदि मन मे किसी पद को पाने के लिए दृढ़ इच्छा हो और वह लगन से मेहनत करे तो उसे मंजिल मिल ही जाती है।ग्रामीण बताते हैं कि ऐसे छात्र से अन्य छात्र को प्रेरणा लेने की जरूरत है ताकि वे भी कुछ कर के परिवार व क्षेत्र का नाम रौशन कर सके।

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