Friday, May 17 2024

डकैती के दौरान गैंगरेप के आरोपी को उम्र कैद की सजा, पीड़िता को सात लाख मुआवजा का आदेश

FIRSTLOOK BIHAR 20:56 PM बिहार

अंतिम सांस तक जेल में बीतेगा जीवन

औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्ठम सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट विवेक कुमार की अदालत ने शुक्रवार को डकैती के दौरान नाबालिग से गैंगरेप के मामले में आरोपित डकैत रविंद्र मुसहर को उम्र कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने टंडवा थाना कांड संख्या 41/13 की सुनवाई करते हुए नबीनगर थाना क्षेत्र के कोरमथु गांव निवासी आरोपित डकैत पर लगे आरोप को सत्य व जंघन्य अपराध मानते हुए अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है।

सजा सुनाई जाने के बाद जेल भेज दिये गये आरोपी

न्यायालय ने डकैती मामले की धारा 395 मेंं दस साल की सजा और 10 हजार जुर्माना एवं गैंगरेप मामले में धारा 376 डी व पाक्सो एक्ट में अंतिम सांस तक सश्रम आजीवन कारावास और पचास हजार जुर्माना की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने के बाद डकैत को जेल भेज दिया गया है।

दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने की बहश

कोर्ट ने यह सजा वर्चुअल सुनवाई के दौरान सुनाई है। सजा सुनाए जाने के दौरान सरकार एवं आरोपित दोनों पक्ष के अधिवक्ता मौजूद थे। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक शिवलाल मेहता और अभियुक्त कि ओर से अधिवक्ता अमरेंद्र नारायण सिंह बहश में शामिल रहे। अभियुक्त वीडियो कॉलिंग के माध्यम से जेल के वीसी रुम से हाजीर हुआ। दोनों पक्षों के अधिवक्ता के द्वारा वर्चुअल बहस की गयी। बहस सुनने के बाद कोर्ट ने अभियुक्त रविंद्र मुसहर को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।

टीआई पैरेड में हुई थी डकैत की पहचान

अधिवक्ता ने बताया कि सजायप्ता अभियुक्त की घटना में शामिल रहने की पहचान टीआइपी परेड से की गई थी। पीड़िता की तरफ से पीड़ित के अलावा नौ साक्षियों ने कोर्ट में गवाही दी थी। अधिवक्ता ने बताया कि विशेष न्यायाधीश ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि पीड़िता को सात लाख प्रतिकर (मुआवजा) दिया जाए। अधिवक्ता ने बताया कि व्यवहार न्यायालय में वर्चुअल सुनवाई के तहत उम्रकैद की यह सजा अबतक की पहली सजा सुनाई गई है। अधिवक्ता ने बताया कि ऐसी सजा से समाज में अच्छा संदेश जाएगा और नाबालिगों के खिलाफ हो रहे ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी।

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