जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक में सर्वसम्मती प्रस्ताव पास
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री के दावेदार नहीं हैं। रविवार को जदयू राष्ट्रीय परिषद ने यह प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की अध्यक्षता में करीब साढ़े तीन घंटे से अधिक चली इस बैठक में जातीय जनजणना, जनसंख्या नियंत्रण कानून समेत अन्य मसलों पर 31 जुलाई को जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पारित पार्टी की राय से जुड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने रखा प्रस्ताव
जदयू प्रदेश कार्यालय स्थित सभागार में रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह सहित जदयू राष्ट्रीय परिषद के करीब ढाई सौ सदस्यों की उपस्थिति के बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं और वही एनडीए में पीएम पद के प्रत्याशी भी हैं। नीतीश कुमार इस पद के दावेदार नहीं हैं। लेकिन, हमारा मानना है कि पीएम पद के लिए जिन योग्यताओं और जिस आला दर्जे के समर्पण तथा दक्षताओं की जरूरत होती है, वे सभी नीतीश कुमार में हैं। ललन सिंह के इस प्रस्ताव को जदयू राष्ट्रीय परिषद ने सर्वसम्मति से पारित किया।
जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा और प्रदेश महासचिव नवीन कुमार आर्य की मौजूदगी में मीडिया को राष्ट्रीय परिषद के इस सर्वसम्मत प्रस्ताव की जानकारी दी। इस प्रस्ताव को पारित करने की जरूरत से जुड़े प्रश्न पर कहा कि यह सवाल बार-बार उठता है। तमाम संदेहों को दूर करने के लिए प्रस्ताव पारित हुआ है। उन्होंने बताया कि ललन सिंह को राष्ट्रीय कार्यकारिणी
की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर भी राष्ट्रीय परिषद ने मुहर लगाई। इसके साथ ही ललन सिंह अब विधिवत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
सभी के पक्ष में है जातीय जनगणना
जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आठ प्रस्ताव पारित किये गये। बैठक में केसी त्यागी ने बताया कि जदयू इन अफवाहों का खंडन करता है कि जातीय जनगणना से अतिपिछड़ों की गोलबंदी होगी और यह अपर कास्ट के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना सभी के पक्ष में है। खासतौर से गरीब सवर्णों के भी इससे वास्तविक आंकड़े मिलेंगे। इसे केवल जदयू-भाजपा करके नहीं देखना चाहिए, देशभर की तमाम पार्टियां इसके पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री ने भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में इस विषय को सुना। एक बार भी उन्होंने इस मांग को खारिज नहीं किया। जदयू राष्ट्रीय परिषद ने मुख्यमंत्री के इस पहल की सराहना की।आरसीपी सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण योगदान के प्रति आभार व्यक्त और उनके कार्यकाल की प्रशंसा पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी के फैसले का अनुमोदन किया गया।
दूसरे प्रस्ताव में पार्टी संविधान में संशोधन का था। राष्ट्रीय परिषद में यह प्रस्ताव किया गया कि संविधान की धारा 28 में आवश्यक संशोधन करते हुए यह प्रावधान किया जाए। जिसमें जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष होंगे अथवा किसी को अध्यक्ष मनोनीत करने के साथ सदस्यों का मनोनयन करेंगे।
तीसरे प्रस्ताव में राष्ट्रीय परिषद ने आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में एनडीए के साथ समुचित हिस्सेदारी के आधार पर चुनाव लड़ने की पहल करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को अधिकृत किया है। चौथे प्रस्ताव में जातीय आधार पर जनगणना का है। पार्टी के प्रस्ताव में कहा गया कि आवश्यक है कि केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना कराकर सभी जातियों का वास्तविक आंकड़ा सार्वजनिक करें, जिससे सुविधा विहीन और विकास से वंचित जातियों को उनकी आबादी के अनुरूप साधन एवं सुविधा मुहैया हो सके। जनगणना समाज और सरकार सबके हित में होगी और इससे हमारी संसदीय लोकतंत्र मजबूत होगा।
पांचवें प्रस्ताव में राष्ट्रीय परिषद की मांग है कि जस्टिस रोहिणी आयोग की सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाए ताकि बिहार की तर्ज पर अत्यंत पिछड़े वर्गों को सामाजिक शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रयासों को अधिक बल मिल सके। जेडीयू छठे प्रस्ताव में जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षित कन्या-सुखी परिवार के बिहार मॉडल को जनसंख्या कम करने का लक्ष्य बनाने का प्रस्ताव था। जेडीयू किसी कठोर नियंत्रण अथवा किसी नकारात्मक नतीजों वाले प्रयास के बजाय जागरूकता अभियान एवं बालिका शिक्षा के विस्तार के माध्यम से जनसंख्या वृद्धि को कम करने का समर्थन करता है।
सातवें प्रस्ताव में मेडिकल परीक्षाओं में की गई आरक्षण व्यवस्था का स्वागत किया गया। पार्टी का मानना है कि इसमें पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए 27% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए 10% सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। इससे वंचित समूह को सामाजिक न्याय एवं विशेष अवसर मिलेंगे। इस प्रोत्साहन से चिकित्सा सेवा क्षेत्र में समानता उपलब्ध कराने के प्रयास में सफलता मिलेगी। आठवें प्रस्ताव में नेताओं के निधन पर शोक व्यक्त किया गया।
एनडीए में समन्वय समिति बनाने की जरूरत
जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में समन्वय समिति बनाए जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय स्तर पर और बिहार के स्तर पर भी को-आर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए। इससे अनर्गल बयानों पर रोक लगेगी और किसी भी मसले को सुलझाया जा सकेगा।