Tuesday, May 21 2024

शुगर के मरीज किडनी का रखें विशेष ख्याल - यूरोलोजिस्ट डॉ विकास कुमार 

FIRSTLOOK BIHAR 17:15 PM बिहार

किडनी की समस्याओं से बचाव के लिए उचित खानपान है जरूरी 

मानसिक तनाव से बचें, हल्का जरूर टहले
शुगर के मरीज किडनी का रखें विशेष ख्याल - यूरोलोजिस्ट डॉ विकास कुमार 
किडनी की समस्याओं से बचाव के लिए उचित खानपान है जरूरी 
मानसिक तनाव से बचें, हल्का जरूर टहले
मोतिहारी, 21 सितम्बर- किडनी के मरीजों में सामान्यतः कमजोरी, थकावट, सांस का फूलना, पैरों में सूजन इत्यादि समस्याएं ज्यादा देखी जाती है। ऐसे में शुगर के मरीज को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि ब्लड शुगर के मरीज अगर कोरोना संक्रमित हो जाएं तो उनकी यह समस्या उनके लिए गंभीर या जानलेवा साबित होती है। ऐसे में किडनी रोगियों को विशेष सलाह एवं देखभाल की आवश्यकता होती है, उक्त बातें एमसीएच् के यूरोलोजिस्ट डॉ विकास कुमार ने कही।

उन्होंने बताया शुगर के मरीजों को अपनी किडनी के प्रति विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसे मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। किडनी इंसान के शरीर के मुख्य अंगों में से एक होती है। यह शरीर से वेस्ट को बाहर निकालने के अलावा भी बहुत महत्वपूर्ण कार्य करती है। यदि यह खराब होने लगे व ठीक तरह से काम करना बंद कर दे, तो कई तरह की परेशानियों व बीमारियों को सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप किडनी खराब होने के कोई भी संकेत दिखने पर उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। खानपान पर विशेष ध्यान रखना चाहिए, ज्यादा नमक, या चीनी युक्त चीजों के सेवन से बचना चाहिए। सुगर की दवाओं का सेवन करते रहना चाहिए, तनाव में नहीं रहना चाहिए। समय समय पर स्वास्थ्य जांच कराना चाहिए।

किडनी खराब होने के संकेत

डॉ विकास कुमार ने बताया कि अगर आपके शरीर का वजन अचानक बढ़ने लगे, शरीर में सूजन रहने लगे तो आपको सावधान हो जाना चाहिए, यह किडनी खराब होने का संकेत हो सकता है। अगर आपको यूरिन कम आने लगे, तो इसका सीधा संबंध आपकी किडनी की कार्यक्षमता से हो सकता है। अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन कम बनने लगे, जिस वजह से आप एनीमिया के शिकार हो गए हो। तब इसका संबंध आपकी किडनी खराब होने से हो सकता है। अगर किडनी ठीक से काम नहीं कर रही हो तो व्यक्ति को गर्मी के मौसम में भी ठंड लग सकती है। शरीर हमेशा ठंडा रह सकता है, नींद ज्यादा आ सकती है और प्यास भी बहुत लग सकती है।

हो सकती है डायलिसिस की आवश्यकता

डॉ विकास ने बताया रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है। इस डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है जब किसी व्यक्ति के वृक्क यानि गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं। गुर्दे से जुड़े रोगों, लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलसिस की आवश्यकता पड़ती है। स्वस्थ व्यक्ति में गुर्दे द्वारा जल और खनिज (सोडियम, पोटेशियम क्लोराइड, फॉस्फोरस सल्फेट) का सामंजस्य रखा जाता है

किडनी के मरीजों के लिए सलाह :

कोविड का वैक्सीन अवश्य कराएं ।
चिकित्सक के संपर्क में रहें ।
घर में बने सुपाच्य भोजन का ही प्रयोग करें ।
नियमित समय पर डायलिसिस कराएं ।
किडनी के मरीज अगर ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर की समस्या से पीड़ित है तो ऐसे में नियमित रूप से दवा लेते रहें ।
 ब्लड शुगर और बीपी नियमित रूप से जांच कराते रहें ।

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