Tuesday, May 21 2024

वैश्विक स्तर पर कैंसर कंट्रोल में पीबीसीआर के महत्वों पर दी जानकारी

FIRSTLOOK BIHAR 09:39 AM बिहार

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर में टाटा मेमोरियल सेंटर ने पीबीसीआर ( पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री) की शुरुआत की है जो 2018 से ही मुजफ्फरपुर में कैंसर मरीज की सारी जानकारी जुटा रही है। इसी के सटीक और बेहतर परिणाम के लिए आज बिहार स्वास्थ्य समिति के सेक्रेटरी के साथ पटना, दरभंगा और मुजफ्फरपुर के सारे मुख्य अस्पताल, पैथोलॉजी लैब और रेडियोलॉजी लैब की मीटिंग हुई। इस कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर के प्रभारी डॉ रविकांत सिंह ने किया। वही पीबीसीआर के उपयोगिता के बारे में डॉ पंकज चतुर्वेदी उपनिदेशक टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई ने बताया , कार्यक्रम के दौरान स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने वैश्विक स्तर पर कैंसर कन्ट्रोल में पीबीसीआर के रोल के बारे में विस्तार से बताया। उसके बाद डॉ अतुल बुढुक प्रोफेसर टाटा मेमोरियल सेंटर ने कैंसर कन्ट्रोल और सभी तरह के रजिस्ट्री के बारे में विस्तार से चर्चा की, साथ ही बताया कि गंगा किनारे वाले इलाकों में पित्त की थैली का कैंसर ज्यादा मात्रा में पाई जाती है साथ ही उन्होंने पैथोलैब और हॉस्पिटल से डाटा शेयर से कैंसर कन्ट्रोल में होने वाले फायदों को स्पष्ट किया।

कैंसर रोकथाम के क्षेत्र में मिलकर काम करने का आह्वान

कार्यक्रम के में डॉ कौशल किशोर, स्वास्थ्य सचिव बिहार सरकार ने सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों एवं संस्थाओं को साथ मिलकर कैंसर रोकथाम के क्षेत्र में काम करने को आवाह्न किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बिहार के अस्पतालों और जांच केंद्रों से कैंसर डाटाओं को सुदृढ करना है, ताकि हम कैंसर रोकथाम के लिए जरूरी उपाय कर सके। इससे हमें किस क्षेत्र में किस तरह का कैंसर और किस मरीजों में कैंसर होता है उसकी जानकारी मिल सके। इसीलिए सारे अस्पताल और पैथोलॉजी लैब से अनुरोध किया गया है कि उनके पास जो कैंसर मरीज आते है उनका डाटा सहेज कर रखें जिससे पीबीसीआर कि टीम को इससे डाटा मिले। इस डाटा से बिहार सरकार आगे कैंसर को खत्म करने के लिए अपनी नीति निर्देश तैयार कर सकेगी और बिहार से कैंसर खत्म करने में मदद मिलेगी।

इस कार्यक्रम में श्री मेडिकल कॉलेज, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, आइजीआइएमएस पटना, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, महावीर कैंसर संस्थान, दरभंगा मेडिकल कॉलेज और विभिन्न निजी अस्पतालों के डॉक्टर और जांच लैब के पैथोलॉजिस्ट और रेडियोलॉजिस्ट भी ऑनलाइन जुड़े हुए थे।

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