जमुई: सिकन्दरा थाना क्षेत्र के बिछवे गांव में सोमवार की रात सोये अवस्था में एक वृद्ध की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक 80 वर्षीय नंदकिशोर महतो घर से बाहर अपने बंगले के बरामद पर सोये हुए थे। घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।हालांकि परिजन पुलिस को शव उठाने से मना कर दिया। वहीं वरीय पदाधिकारी के आने के बाद ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की बात कही है।बताया जाता है कि रोज की भांति मृतक खाना खाने के बाद अपने बंगले में सो रहे थे। गोली की आवाज सुनकर परिजनो के अलावा अगल बगल घरों के लोग भी जग गए। वहां देखा कि वृद्ध के सिर में छेद है तथा खून बहा हुआ था। उनकी मौत हो चुकी थी।
परिजन ने पुलिस को दी सूचना
परिजन ने तत्क्षण इसकी सूचना पुलिस को दी। मृतक के पुत्र ने पुलिस को बताया कि उसके पिता को किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। फिर भी मेरे पिता की हत्या कर दी। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि किसी ने गोली मारकर मेरे पिता की हत्या की है। फिलहाल इस मामले में मृतक के परिजन ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है।
वृद्ध की हत्या के बाद गांव में बना है दहशत
80 वर्षीय बृद्ध नंदकिशोर महतो की हत्या के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल बना है। पिछले दो वर्षों से बिछवे गांव में राजनीतिक रूप देने की मंशा से फंसने फंसाने के चल रहे सिलसिला में कई बुद्धिजीवी व सामाजिक व्यक्ति भयाक्रांत हैं।उन्हें यह भय सता रहा है कि न जाने किस व्यक्ति का नाम हत्या में शामिल कर देगा। दरअसल वर्ष 2018 के फरवरी माह में बिछवे गांव के आरटीआई कार्यकर्ता बाल्मीकि यादव व धर्मेंद्र यादव की हुई हत्या में मृतक के पुत्र को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इस मामले में एक पुत्र जेल की सलाखों के पीछे है तो दूसरा बड़ा पुत्र जमानत पर है। पुलिस के अनुसार घटना का तार दोहरे हत्याकांड से जोड़कर भी देखा जा रहा है। बताया जाता है कि दोहरे हत्याकांड में पिछले दिनों से गवाह गुजर रहा है। बहरहाल अनुसंधान के बाद ही घटना की सच्चाई का खुलासा किया जा सकता है।
मृतक बेटे से अलग रहकर कर रहा था गुजर बसर
मृतक वृद्ध पिछले कई वर्षों से बेटे से अलग रह रहा था। बताया जाता है कि वह खुद अपने खाना बनाकर खाता था और गुजर बसर कर रहा था। सूत्रों की मानें तो वह अपने बेटे के विरुद्ध परवरिश नहीं करने का आरोप लगाकर कोर्ट में मुकदमा भी दायर किए हुए था। अगल बगल के घरों के लोगों का कहना था कि मृतक वृद्ध काफी सज्जन व्यक्ति थे। किसी से उनकी कोई दुश्मनी नहीं थी। वे अपने घर के बाहर बगले पर ही हमेशा सोए बैठे रहते थे। कौन क्या कर रहा है,उन्हें इससे लेना देना नहीं रहता था।