गया : सामाजिक सौहार्द का मिसाल दुखहरणी मंदिर द्वार से सदियों पुराना मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन की परंपरा आज भी कायम है। इस बार मूर्ती विसर्जन को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। शुक्रवार की रात एक - एक कर मां दुर्गा और काली की 5 प्रतिमाएं दुखहरणी मंदिर द्वार पहुंची। सनातन धर्म के मानने वाले लोग और श्री राम भक्तों की अत्याधिक संख्या थी। प्रशासन और भक्तों के बीच भगदड़ झड़प विरोध के बीच 5 प्रतिमाओं का विसर्जन कराया गया। दुख हरणी द्वार पर पहले से एक बैरियर लगाया गया था। उस बैरियर के आगे पुलिस जवान एक अलग सी दीवार बनाकर खड़े थे। मां भगवती के भक्त प्रतिमा के साथ दुखहरणी मंदिर द्वार से अंदर प्रवेश करना चाहते थे। लेकिन कोविड-19 गाइडलाइन का प्रशासनिक अधिकारी हवाला दे रहे थे। गाइडलाइन का अनुपालन कराने के लिए पुलिस महकमा के अधिकारी व जवान मौजूद थे। इधर गाइडलाइन की अनदेखी और पुरानी परंपरा बताकर मां भगवती के भक्त प्रतिमा के साथ दुखहरणी द्वार से प्रवेश करना चाहते थे। जिसको लेकर पुलिस व प्रतिमा के साथ पहुंचे लोगों के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस व सरकार के विरोध के स्वर सुनने को मिले। कई बार भगदड़ हुई। पुलिस प्रशासन व लोगों को भगदड़ झड़प और विरोध का सामना करना।