Friday, May 17 2024

प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह की पत्नी और पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की बहू सपना त्रिस्तरीय निकाय क्षेत्र से लड़ेगी विधान परिषद का चुनाव

FIRSTLOOK BIHAR 22:39 PM बिहार

संजय की हैट्रिक लगाने के सपने को चूर करने की तैयार होने लगी रणनीति 

जमुई : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद जीते पंचायत प्रतिनिधि जिले में एक विधान पार्षद का चुनाव करते हैं। चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत कोटे से चुने जाने वाले विधान परिषद चुनाव को लेकर भी कई दिग्गज चुनाव में उतरने की तैयारी शुरू कर दिये हैं।अभी इस चुनाव में वक्त है, लेकिन चरणवार पंचायत चुनाव परिणाम के साथ ही सरगर्मी बढ़ने लगी है। सरगर्मी बढ़ना भी स्वाभाविक है। आखिर उक्त चुनाव के मतदाता तो यही नवनिर्वाचित प्रतिनिधि होंगे। लिहाजा नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों से मिलने-मिलाने का दौर अपनी गति पर है। जमुई में तारापुर उपचुनाव तथा पंचायत चुनाव के बीच विधान परिषद के चुनाव की भी चर्चा होने लगी है। इन्हीं चर्चाओं में निवर्तमान विधान पार्षद संजय के हैट्रिक की राह में जमुई की ही बहू और बेटी के रोड़ा बनने की चर्चा जोड़ों पर है। राज्य सरकार के पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह की पुत्रवधु व मंत्री सुमित की पत्नी सपना तथा जयप्रकाश की पुत्री दिव्या विधान परिषद चुनाव में उतरेगी। ऐसी चर्चा राजनीतिक गलियारों में होने लगी है।

यहां बताना लाजिमी है कि मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा और जमुई तक फैले इस क्षेत्र से निवर्तमान विधान पार्षद को पिछले दोनों चुनावों में राजद के टिकट पर जीत मिली थी। वे जदयू के नाव पर सवार होकर पहली बार चुनाव मैदान में उतरेंगे, यह लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि संजय प्रसाद की जिद चकाई से विधानसभा पहुंचने की है और वह चकाई की कीमत पर विधान परिषद का टिकट लेने के पक्ष में नहीं बताए जाते हैं। इस बीच चकाई से निर्दलीय विधायक और बिहार सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह की पत्नी तथा पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की बहू सपना सिंह की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। इस चर्चा को तब और बल मिला जब विधान पार्षद के गृह पंचायत कुंदरी सनकुरहा से दूसरी बार निर्वाचित उनके धुर विरोधी मुखिया गीता मंडल सुमित के दरबार में देखे गए। उनके अलावा इंदपे पंचायत से दोबारा जीतने वाले संतोष यादव की भी मौजूदगी बहुत कुछ बयां कर रहा है। यहां बता दें कि उक्त दोनों मुखिया की पृष्ठभूमि राजद से जुड़े रहने की है। इस संदर्भ में फिलहाल मंत्री सुमित कुमार सिंह तो कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं लेकिन उनके आसपास के आभामंडल से छनकर आ रही खबरों पर यकीन करें तो जदयू से संजय प्रसाद को टिकट मिलने की स्थिति में सपना कुमारी बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगी। इसके पीछे चकाई की खुन्नस निकालने का तर्क दिया जा रहा है। इधर तारापुर उपचुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव की पुत्री दिव्या प्रकाश को टिकट से वंचित किए जाने के पीछे भी विधान परिषद के टिकट की गारंटी राजनीतिक विश्लेषक बता रहे हैं। चर्चाओं और राजनीतिक विश्लेषकों का आकलन सत्य हुआ तो विधान परिषद का चुनाव रोचक होना तय है। बहरहाल विधान परिषद चुनाव की डुगडुगी बजने से पहले नवगठित नगर निकायों में चुनाव होना है।

दांव पर होगी तीन दिग्गजों की प्रतिष्ठा

राजद और जदयू के संभावित प्रत्याशी क्रमशः दिव्या प्रकाश और संजय प्रसाद की लड़ाई में सपना के उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा। इस चुनावी दंगल में तीन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। यहां बता दें कि संजय प्रसाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के खास माने जाते हैं। यही वजह भी है कि बीते विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रति सुमित का समर्पण के आगे संजय की नजदीकी भारी पड़ी थी और चकाई से जदयू का टिकट हासिल करने में कामयाब हुए थे। दूसरी ओर दिव्या प्रकाश मुंगेर और भागलपुर प्रमंडल में राजद की राजनीति के कभी स्तंभ रहे जयप्रकाश नारायण यादव की पुत्री हैं। जबकि सपना सिंह लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के साथ जेपी आंदोलन का हिस्सा रहे कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह की बहू तथा बिहार सरकार के मंत्री सुमित कुमार सिंह की पत्नी हैं।

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