Friday, May 17 2024

मां से बच्चों में एचआईवी के प्रसार पर रोक के लिए लगेगा 133 कैंप

FIRSTLOOK BIHAR 22:35 PM बिहार

जनवरी तक सभी कैंपों का कर लेना है संचालन

  सीतामढ़ी : जिले में एचआईवी मरीजों की पहचान के लिए जनवरी तक वृहत स्तर पर कैंप लगाया जाएगा। जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि कुल 133 कैंप के माध्यम से एचआईवी संक्रमितों की खोज की जाएगी। उसमें स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले बच्चे, यौन रोगी, टीबी मरीज, कालाजार मरीज, एवं उच्च जोखिम वाले समूहों को परामर्श एवं एचआईवी टेस्ट किया जाएगा। जांच एवं परामर्श के बाद स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाने एवं जीवनपर्यंत मुफ्त एआरटी दवा के लिए एआरटी सेंटर पर रेफर किया जाएगा। 

संक्रमित माता एवं पिता की होगी पहचान 

डॉ मनोज कुमार ने कहा कि इस कैंप का मुख्य उद्देश्य उन गर्भवतियों तक पहुंचना है जिन्होंने शायद कभी एचआईवी परामर्श एवं जांच करायी हो या वंचित रह गए हों। इस हेल्थ कैंप में मुख्य रूप से गर्भवती महिलाएं उनके पति, संक्रमित माता-पिता के बच्चे का तथा उनके अलावा यौन संक्रमित रोगी एवं जोखिम वाले समूहों की जांच एवं परामर्श दी जाएगी। 

जगह का हो चुका है चयन 

डॉ मनोज कुमार ने बताया कि एचआईवी टेस्ट के कैंप के लिए जिस जगह का चयन किया गया है वह स्वास्थ्य केंद्र से बाहर वैसी जगहें हैं जहां कैंप की सार्थकता सिद्ध हो। इसके लिए सोमवार को ही आतंरिक मीटिेग हो चुकी है। इसके बाद सिविल सर्जन को सूचित कर जल्द ही कैंप शुरू कर दिया जाएगा। कैंप लगाने के पहले व्यापक तौर पर इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा। वहीं जगह -जगह बैनर एवं होर्डिंग भी लगाए जाएंगे। हेल्थ कैंप से एक दिन पहले रिक्शा से प्रचार -प्रसार किया जाएगा। प्रत्येक दिन कैंप के समापन के बाद डेटा परामर्शी सह प्रभारी जिला पर्यवेक्षक के द्वारा गूगल शीट में भरा जाएगा।  एचआईवी संक्रमित रक्त से दूषित सुई या चिकित्सकीय उपकरणों का इस्तेमाल किसी दूसरे पर करने से भी यह फैल सकता है। संक्रमित योनि स्राव, वीर्य और खुले घावों के संपर्क में आने से भी बीमारी फैल सकती है। संक्रमित महिला के शिशु को स्तनपान कराने से भी यह हो सकता है।

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