सुरक्षा में चार आईपीएस, 6 डीएसपी समेत दस थानों की पुलिस के साथ बाइक सवार पुलिसकर्मी कर रहे थे एस्कार्ट
पटना : पटना गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को हुए ब्लास्ट के सारे आरोपितों को बुधवार को भारी सुरक्षा के बीच एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। आज उन्हें न्यायालय की ओर से सजा सुनाया जाना था। इसके लिए दसों आरोपितों को आदर्श केन्द्रीय कारा बेउर से सुबह 9.20 बजे ही कोर्ट के लिए रवाना किया गया। सभी आरोपितों को एक ही बड़े बस में जेल से कोर्ट तक ले जाया गया। एनआईए के अनुरोध पर पटना पुलिस की ओर से सुरक्षा-व्यवस्था को काफी सख्त कर दिया गया। बेउर जेल से एनआईए कोर्ट तक चप्पे-चप्पे पर पटना पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था। सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक न हो इसके लिए 4 आईपीएस, 6 डीएसपी एवं 10 पुलिस निरीक्षकों के साथ ही 100 से अधिक पुलिस कर्मियों को लगाया गया था।
सुबह 9 : 42 बजे आरोपितों को लाया गया कोर्ट
चाक-चौबंद सुरक्षा के घेरे में उसे ठीक 9.42 बजे एनआईए कोर्ट के पास पहुंचा दिया गया। कोर्ट में पेश होने तक उसे गाड़ी में ही रखा गया था। इस दौरान सिविल कोर्ट में किसी भी अनाधिकृत लोगों को प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई थी।
सुरक्षा में कोई लापरवाही न हो इसके लिए एनआईए की एसपी खुद भी मौजूद थीं। बिहार पुलिस की ओर से एंटी टेररिस्ट स्क्वायड के वरीय अधिकारी के साथ ही एसटीएफ की टीम को भी अलग से स्वचालित हथियारों के साथ आतंकियों के गाड़ी के आगे-पीछे रखा गया था। सुरक्षा कारणों से वैन में साथ में रहने वाले सुरक्षाकिर्मियों को उनसे अलग रखा गया था। राजधानी के दस थानों की पुलिस की टीम को लगाया गया था। इनकी सुरक्षा के लिए 100 पुलिसकर्मियों को लगाया गया था। एनआईए की ओर से अलग से एक टीम लगाइ गई थी। बेउर जेल से सिविल कोर्ट तक जगह-जगह सादी वर्दी में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। आतंकियों को एस्कार्ट कर ले जाने के लिए बाइक सवार पुलिसकर्मियों को भी लगाया गया था। बेउर जेल से सिविल कोर्ट तक चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों को लगाया गया था।