Friday, May 17 2024

तीर्थ स्थलों के तीव्र विकास पर सरकार का जोर, PM मोदी ने पंढरपुर में रखी चार लेन की नींव

FIRSTLOOK BIHAR 21:16 PM खास खबर

भक्तों के पंढरपुर आवागमन को सुविधाजनक बनाने के प्रयास के तहत पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग (एनएच-965) के पांच खंडों और संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग (एनएच-965जी) के तीन खंडों को चार लेन का बनाने के कार्य की आधारशिला रखी।

इन राष्ट्रीय राजमार्गों के दोनों ओर ‘पालकी’ के लिए समर्पित पैदल मार्ग का निर्माण किया जाएगा, जिससे भक्तों को परेशानी मुक्त और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध होगा। संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग के दिवेघाट से लेकर मोहोल तक के लगभग 221 किलोमीटर लंबे खंड और संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग के पतस से लेकर टोंदले-बोंदले तक के लगभग 130 किलोमीटर लंबे खंड को चार लेन का बनाया जाएगा। चार लेन वाले इन खंडों के दोनों ओर ‘पालकी’ के लिए समर्पित पैदल मार्ग बनाए जाएंगे। इन चार लेन और समर्पित पैदल मार्गों की अनुमानित लागत क्रमशः 6,690 करोड़ रुपए और लगभग 4,400 करोड़ रुपए से अधिक होगी।

कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने पंढरपुर तक आवागमन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों पर 223 किलोमीटर से अधिक लंबी पूर्ण निर्मित एवं उन्नत सड़क परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित की। इन सड़क परियोजनाओं की अनुमानित लागत 1,180 करोड़ रुपए से अधिक है। इन परियोजनाओं में म्हसवड-पिलीव-पंढरपुर (एनएच 548ई), कुर्दुवाड़ी-पंढरपुर (एनएच 965सी), पंढरपुर-संगोला (एनएच 965सी), एनएच 561ए का तेम्भुरनी-पंढरपुर खंड और एनएच 561ए के पंढरपुर-मंगलवेढा-उमाडी खंड शामिल हैं।

मृदंग और मंजीरों के नाद से मंत्रमुग्ध कर देने वाला पवित्र स्थल है पंढरपुर

मृदंग और मंजीरों के नाद से मंत्रमुग्ध वातावरण पवित्र चंद्रभागा नदी में स्नान करते श्रद्धालुओं की भीड़ वाला यह दिव्य स्थल दक्षिण काशी के नाम से जाना जाने वाला पंढरपुर है। महाराष्ट्र के सोलापुर में स्थित पंढरपुर का वर्णन पद्मपुराण में मिलता है। मान्यता है कि पंढरपुर में ही भगवान विष्णु ने पाण्डुरंग रूप में भक्त पुण्डलिक को दर्शन दिए थे। उनके आग्रह पर एक ईंट पर 28 युगों तक खड़े रहे। पंढरपुर में हर साल चार बड़े मेले लगते हैं। इन मेलों में देश भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुड़ते हैं जिन्हें मराठी में वारकरी कहा जाता है। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए भक्तों को परेशानी मुक्त और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराने की सरकार की योजना है।

पीएम मोदी का संबोधन :

इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मौजूद रहे। वहीं इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

5 चरणों में होगा निर्माण

पीएम मोदी ने कहा, अतीत में हमारे भारत पर कितने ही हमले हुए। सैकड़ों साल की गुलामी में ये देश जकड़ा गया। प्राकृतिक आपदाएं आईं, चुनौतियां आईं, कठिनाइयां आईं, लेकिन भगवान विट्ठल देव में हमारी आस्था, हमारी दिंडी वैसे ही अनवरत चलती रही। आज भी ये यात्रा दुनिया की सबसे प्राचीन और सबसे बड़ी जन-यात्राओं के रूप में, people मूवमेंट के रूप में देखी जाती है। ‘आषाढ एकादशी’ पर पंढरपुर यात्रा का विहंगम दृश्य कौन भूल सकता है। हजारों-लाखों श्रद्धालु, बस खिंचे चले आते हैं।

सभी पंथ ‘भागवत पंथ’

ये यात्राएं अलग-अलग पालखी मार्गों से चलती हैं, लेकिन सबका गंतव्य एक ही होता है। ये भारत की उस शाश्वत शिक्षा का प्रतीक है जो हमारी आस्था को बांधती नहीं, बल्कि मुक्त करती है। जो हमें सिखाती है कि मार्ग अलग-अलग हो सकते हैं, पद्धतियां और विचार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारा लक्ष्य एक होता है। अंत में सभी पंथ ‘भागवत पंथ’ ही हैं।

आगे जोड़ते हुए पीएम मोदी ने कहा, भगवान विट्ठल का दरबार हर किसी के लिए समान रूप से खुला है। और जब मैं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास कहता हूं, तो उसके पीछे भी तो यही भावना है। यही भावना हमें देश के विकास के लिए प्रेरित करती है, सबको साथ लेकर, सबके विकास के लिए प्रेरित करती है। पंढरपुर की सेवा मेरे लिए साक्षात् श्री नारायण हरि की सेवा है। ये वो भूमि है, जहां भक्तों के लिए भगवान आज भी प्रत्यक्ष विराजते हैं। ये वो भूमि है, जिसके बारे में संत नामदेव जी महाराज ने कहा है कि पंढरपुर तबसे है जब संसार की भी सृष्टि नहीं हुई थी।

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