Friday, May 17 2024

अटल इनोवेशन मिशन व विज्ञान प्रसार द्वारा अटल टिंकरिंग लैब एवं EWS के बीच सहयोग की घोषणा

FIRSTLOOK BIHAR 23:23 PM खास खबर

अटल इनोवेशन मिशन (AIM) ने एआईएम की अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) और विज्ञान प्रसार के इंटरएक्टिविटी प्लेटफॉर्म, एंगेज विद साइंस (EWS) के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए विज्ञान प्रसार के साथ सहयोग की घोषणा की।

‘अटल इनोवेशन मिशन’ को नीति आयोग की मुख्य पहल के बतौर जाना जाता है, जिसे ‘अटल नव प्रवर्तन मिशन’ यानि AIM भी कहा जाता है। सोमवार को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्तशासी संगठन विज्ञान प्रसार के साथ सहयोग की घोषणा की। इसके तहत AIM के अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) और विज्ञान प्रसार के अभिनव अंतर क्रियाशील मंच इंगेज विद साइंस (EWS) के बीच सहयोगात्मक तालमेल स्थापित करेगा।

9,200 से अधिक ATL क्षमता से लैस स्कूलों को किया जायेगा शामिल

EWS अपने यहां 9,200 से अधिक ATL क्षमता से लैस स्कूलों को शामिल करेगा तथा उनके छात्रों, शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को अपने सभी अंतरक्रियाशीलता में शामिल करेगा। इन गतिविधियों के तहत प्वॉइंट अर्जित करने होंगे, जिनके आधार पर प्रमाणपत्र और प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा, ताकि छात्र और शिक्षक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग व गणित (एसटीईएम) के प्रति आकर्षित हो सकें।

‘आधुनिक नवाचारियों के रूप में भारत में दस लाख बच्चों को तैयार करने’ के ख्याल से अटल इनोवेशन मिशन ने देशभर के स्कूलों में 9,200 से अधिक अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की थी। इसका मुख्य उद्देश्य युवा मस्तिष्क में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पनाशीलता का पोषण करना है। साथ ही उनमें गवेशणात्मक मानसिकता, विश्लेषणात्मक सोच, हर चीज को सीखने की उत्सुकता, कंप्यूटर, आदि जैसे कौशल के विषय भी शामिल हैं।

युवा मस्तिष्क अपने विचारों को देगा आकार

एटीएल ऐसा कार्यस्थल है, जहां युवा मस्तिष्क अपने विचारों को आकार देंगे और खुद-काम-करके-सीखो प्रणाली से कौशल सीखेंगे। उन्हें एसटीईएम की अवधारणा को समझने के लिए भी लैस किया जाएगा। इस सहयोग का स्वागत करते हुए अटल इनोवेशन मिशन के निदेशक डॉ. चिन्तन वैष्णव ने कहा कि एआईएम और विज्ञान प्रसार के बीच सहयोग दोनों संगठनों के लिए महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि दोनों प्रौद्योगिकीय विकास के साथ तालमेल रखने के लिए हमारी शैक्षणिक कार्यप्रणाली को उत्तम बनाने मे अहम भूमिका निभाते हैं। एटीएल के साथ इंगेज विद साइंस कार्यक्रम से एसटीईएम नव प्रवर्तन की संस्कृति फले-फूलेगी तथा वह युवा मन को ऐसा मंच उपलब्ध कराएगी, जहां वे प्रयोगात्मक शिक्षण हासिल करेंगे। इस शिक्षण में आविष्कार, नवाचार और सहयोगात्मक समस्या समाधान पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि सीखने का ज्यादा से ज्यादा प्रभाव पड़े।

इंगेज विद साइंस, इंडिया साइंस ओटीटी चैनल परियोजना का हिस्सा है और उसका उद्देश्य इंडिया साइंस (www.indiascience.in) पर एसटीएम वीडियो विषयवस्तु का प्रचार और उसे लोकप्रिय बनाना है। ईडब्लूएस ने 10 हजार से ज्यादा स्कूलों को अपने से जोड़ लिया है तथा वह स्कूलों के प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों तथा छात्रों को ध्यान में रखकर नियमित गतिविधियां चला रहा है। इस समय ईडब्लूएस गतिविधियां हिन्दी और अंग्रेजी में उपलब्ध हैं। अन्य भारतीय भाषाओं तक इनका विस्तार करने की योजना है।

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