Tuesday, May 21 2024

संविधान में इतनी ताकत है कि समाज के सभी वर्ग को जोड़ सकता है : इंद्रेश

FIRSTLOOK BIHAR 23:34 PM बिहार

मुजफ्फरपुर : ललित नारायण मिश्र कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, मुजफ्फरपुर में शनिवार यानी 27 नवंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव और संविधान दिवस के अवसर पर भारतीय संविधान, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं हमारी भूमिका विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डॉ॰ कुमार मृत्युंजय राकेश ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मंचासीन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आरडीएस कॉलेज मुजफ्फरपुर के इतिहास विभाग की प्राध्यापिका डॉ॰ नीलम पाण्डेय ने कहा कि भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जो सुरक्षा और भ्रातृत्व का संदेश देती है ,यह समानता संपन्नता और सुरक्षा के अधिकार और कर्तव्य पर आधारित है। राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र के लिए केवल बाहरी तत्वों से सुरक्षा ही नहीं अपितु आंतरिक सुरक्षा भी अत्यंत जरूरी है, जिसमें खाद्य स्वच्छता और सामाजिक अभिशाप से मुक्ति के साथ नारी सुरक्षा सबसे अव्वल है।

सामाजिक सरोकार को देता है बढ़ावा

यह संविधान आम आदमी के मनोबल और सामाजिक सरोकार को बढ़ावा देते हुए नैतिकता का पाठ पढ़ाता है और जागरूक नागरिकों के बल पर सत्तासीन सरकार का हाथ मजबूत करता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमे पर्यावरण सुरक्षा के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।

महान् क्रान्तिकारी स्वतंत्रता सेनानी शेरे बिहार योगेन्द्र शुक्ला की पुत्रवधू एवं स्व॰ बिरेन्द्र नाथ शुक्ला की विधवा ,स्वतंत्रता सेनानी शारदा शुक्ला को शॉल और पुष्प-गुच्छ से इन्द्रेश कुमार ने सम्मानित किया। साथ ही अन्य अतिथियों को अंगवस्त्रम एवं पुष्प-गुच्छ से डॉ॰ कुमार शरतेन्दु शेखर ने सम्मानित किया। मंचासीन अतिथि मेजर जनरल ए॰के॰ सिन्हा (अ॰प्रा॰) ने शहर में विगत कुछ वर्षों में हुए बदलाव और जनसंख्या वृद्धि की चर्चा करते हुए अपने अनुभव को साझा किया और कहा कि गंदगी और भ्रष्टाचार लोगों में नैतिक ह्रास का द्योतक है। हमें संविधान से सीख लेनी चाहिए क्योंकि यह अधिकार और बदलते समय में संशोधित होकर न केवल आंतरिक सुरक्षा बल्कि सामाजिक सुरक्षा को भी मजबूती प्रदान करती है।

संविधान देश के संचालन की आत्मा है

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इन्द्रेश कुमार जो राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के मुख्य संरक्षक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक हैं, ने संगोष्ठी को उद्बोधित करते हुए कहा कि संविधान देश के संचालन की आत्मा है। भारतीय संविधान दो भागों में बंटा हंआ है। पहला अधिकार जो संघर्ष पैदा करता है और दूसरा कर्तव्य जो समन्वय स्थापित करता है। विवेकानन्द को उद्धृत करते हुए श्री कुमार ने कहा हमें अपने जीवन मूल्य स्थापित करने चाहिए। मनुष्य इसी से सुशोभित होता है। भौतिक संसाधन हमें भ्रष्टाचार की ओर प्रेरित करता है। आधुनिक युग में यह सोच का विषय है। रामायण को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण ग्रंथ कर्तव्य परायणता की शिक्षा देती है। शायद इन सबों का सही अर्थ में पठन-पाठन कर डॉक्टर भीमराव अम्बेदकर, जो भारतीय संविधान के अधिष्ठाता हैं ने किया और भारतीय संस्कृति को श्रेष्ठतम बताते हुए विश्व के अन्य किसी धर्म से इसे बेहतर बताया।

शिक्षा के साथ संस्कार एक बोझ मुक्त इंसान को प्रारूपित करता है

श्री इन्द्रेश ने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार एक बोझ मुक्त इंसान को प्रारूपित करता है। उन्होंने पैकेज विद पैट्रियोटिज्म का आह्वान किया। उन्होंने कहा पैकेज भौतिक जरूरतों के लिए है और जिस देश में हम रहते हैं उसको भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए पैट्रियोटिज्म की जरूरत है। आजादी के अमृत महोत्सव के केन्द्रीय संकल्पना को परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि यह उन हुतात्माओं को आजादी के हीरक जयंती पर स्मरण करने के लिए है जो वर्तमान पीढ़ी और हमारे भविष्य को उन शहीदों का स्मरण कराएं ,जिन्होंने अमृत स्वरूप आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

राजनीतिक लाभ के लिए गलत विवेचना

उन्होंने कहा कि हमारा देश सर्व धर्म सम्मान की नीति और मानवतावादी विचारधारा तथा सर्व समावेशी जैसे समाजवादी सोच पर आधारित होकर डॉक्टर अम्बेदकर की अध्यक्षता में बनकर तैयार हुआ। अपने राजनीतिक लाभ के लिए लोगों ने इसकी गलत विवेचना कर हमें गुमराह करने का प्रयास किया है। इस संविधान में इतनी ताकत है जो समाज के हर वर्ग को जोड़ सकता है और समाज के नारी को सम्मानित कर पुरूष को पुरूषत्व को प्रदान करता है।

प्रकृति के विरूद्ध चलना पर्यावरण को प्रदूषित करता है

उन्होंने कहा कि प्रकृति के विरूद्ध चलना पर्यावरण को प्रदूषित करता है और अगर हम स्वच्छता नहीं ला सकते तो व्यक्तिगत रूप से गंदगी फैलाना बंद करें क्योंकि यह संस्कृति का विनाश करती है और उसी संस्कृति में हमारी सभी समस्याओं का निदान है। संभाषण के दौरान उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक संविधान जो ईश्वर प्रदत्त है। यह हमें कर्तव्य परायणता सिखाती है। भारत की सांस्कृतिक विरासत अनमोल है। सांस्कृतिक संविधान के अनुसार धर्म के नाम पर उन्माद और जाति के आधार पर छुआछूत मानना सबसे बड़ा पाप है। जीवन चक्र को पूर्णता मुक्ति से मिलती है और अनेक धर्म ग्रंथों का जो हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखते हैं, उद्घृत करते हुए कहा कि संविधान हमें मुक्ति का रास्ता ढूंढ़ने में सक्षम बनाता है।

इच्छा-शक्ति हो तो भ्रष्टाचार से मुक्त हो सकते हैं

वर्तमान राजनीतिक परिवेश और घटनाक्रम का हवाला देते हुए उन्होंने कहा इच्छाशक्ति हो तो हम भ्रष्टाचार मुक्त हो सकते हैं। लेकिन जरूरत है क्रोध, हिंसात्मक रवैया से भी मुक्त होकर विवेकशील और संयमित होने की। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम देश की सांस्कृतिक विरासत का वास्ता देते हैं तो हमें उस भौगोलिक राष्ट्र की परिकल्पना को पुनः हासिल करने का प्रयास करना चाहिए जिसके नाम पर हम भारतीय कहलाते हैं।

संभाषण को विराम देते हुए उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच, मुजफ्फरपुर चैप्टर के सफलता की कामना की और संस्था के विभिन्न पदाधिकारियों के नाम की घोषणा की, जो निम्नलिखित है।

(1) मेजर जेनरल ए॰के॰ सिन्हा - अध्यक्ष
(2) योगेन्द्र सिंह गंभीर - उपाध्यक्ष
(3) डाॅ नीलम पाण्डेय - उपाध्यक्ष
(4) चन्द्रभूषण ठाकुर - उपाध्यक्ष
(5) डाॅ कुमार शरतेन्दु शेखर - महासचिव
(6) दीपक रंजन - सचिव
(7) अंकज कुमार - सचिव
(8) डाॅ मृत्युंजय राकेश - सचिव
(9) डाॅ आई॰बी॰ लाल - मीडिया प्रभारी

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन योगेन्द्र सिंह गंभीर उपाध्यक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच, मुजफ्फरपुर ने किया। इस अवसर पर अनेक शिक्षाविद्, समाजसेवी समेत महाविद्यालय के सभी शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी मौजूद थे।

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच एक गैर राजनीतिक मंच है

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच, मुजफ्फरपुर चैप्टर के संयोजक डॉ कुमार शरतेन्दु शेखर ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच एक गैर राजनीतिक एवं सर्व-धर्म सम्मान की नीतियों पर चलकर आम लोगों को वाह्य सुरक्षा और आंतरिक तत्वों से सुरक्षा के प्रति जागरूक करती है। इसके क्रिया-कलापों के केन्द्र में महिला-प्रताड़ना, नशाखोरी, भ्रष्टाचार और माओवादी आतंकी गतिविधियों आदि से विमुक्ति है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष 26 नवम्बर भारत में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1949 में डॉ भीमराव अम्बेदकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान का प्रथम प्रारूप तैयार किया गया।

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच, मुजफ्फरपुर चैप्टर के पदाधिकारियों की सूची

(1) राजीव कुमार पाण्डेय
(2) सूर्य कुमार सिंह
(3) गौड़ी शंकर सिंह
(4) अवधेश प्रसाद सिंह
(5) सर्वजीत कुमार सिंह
(6) डाॅ एस॰ए॰ झा
(7) नवीन कुमार
(8) पृथ्वी मिश्रा
(9) सुरेन्द्र सिंह
(10) मे॰ जेनरल श्री बसंत कुमार (अ॰प्रा॰)
(11) अर्जुन सिंह
(12) सुनिल कुमार सिंह
( 13 ) अवधेश जी

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