नई दिल्ली : पीएम मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) को मार्च 2021 के बाद भी जारी रखने संबंधी ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत कुल 2.95 करोड़ आवासों के लक्ष्य के अंतर्गत शेष 155.75 लाख आवासों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
कैबिनेट द्वारा दी गई मंजूरी का विवरण
2.95 करोड़ आवासों के कुल लक्ष्य के अंतर्गत शेष आवासों का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए मौजूदा मानदंडों के अनुसार मार्च 2021 के बाद भी मार्च 2024 तक ‘PMAY-G’ को जारी रखना।
पीएमएवाई-जी के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2.95 करोड़ आवासों के समग्र लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु शेष 155.75 लाख आवासों के निर्माण के लिए कुल वित्तीय भार 2,17,257 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सा 1,25,106 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 73,475 करोड़ रुपये) है। नाबार्ड को ब्याज चुकाने के लिए 18,676 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवश्यकता।
‘ईबीआर’को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने और पूरी योजना के वित्त पोषण का इंतजाम सकल बजटीय सहायता (GBS) के जरिए करने के बारे में निर्णय वित्त मंत्रालय के परामर्श से लिया जाएगा।
असम एवं त्रिपुरा को छोड़कर प्रत्येक छोटे राज्य यथा हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गोवा, पंजाब, उत्तराखंड, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर को छोड़ सभी केंद्र शासित प्रदेशों को प्रशासनिक कोष के केंद्रीय हिस्से (2% के कुल प्रशासनिक कोष में से 0.3%) में से सालाना अतिरिक्त 45 लाख रुपये का प्रशासनिक कोष जारी करना, जो उक्त राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए 1.70 प्रतिशत के प्रशासनिक कोष के अतिरिक्त होगा।
कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (PMU) और राष्ट्रीय तकनीकी सहायता एजेंसी (NTSA) को वित्त वर्ष 2023-24 तक जारी रखना।
PMAY-G के लाभ
इस योजना को मार्च 2024 तक जारी रखने से यह सुनिश्चित होगा कि PMAY-G के तहत 2.95 करोड़ आवासों के समग्र लक्ष्य के अंतर्गत शेष 155.75 लाख परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त ‘पक्के मकानों’ के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में ‘सबके लिए आवास’ के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।
2024 तक रहेगा जारी
29 नवंबर 2021 तक PMAY-G के तहत कुल 2.95 करोड़ आवासों के लक्ष्य में से 1.65 करोड़ आवासों का निर्माण किया जा चुका है। यह अनुमान है कि 2.02 करोड़ आवास, जोकि SECC 2011 डेटाबेस पर आधारित स्थायी प्रतीक्षा सूची के लगभग बराबर है, 15 अगस्त 2022 की समय सीमा तक पूरे हो जाएंगे। इसलिए 2.95 करोड़ आवासों के समग्र लक्ष्य को हासिल करने के लिए योजना को मार्च 2024 तक जारी रखने की आवश्यकता है।