Friday, May 17 2024

निजीकरण के विरोध में दो दिवसीय बैंक हड़ताल आज से

FIRSTLOOK BIHAR 22:00 PM बिहार

वार्ता विफल-दो दिन में 35 हजार करोड़ रुपये का लेनदेन बाधित होने का अनुमान

पटना : बैंकों के निजीकरण के मुद्दे पर दिल्ली में बुधवार को एडिशनल चीफ लेबर कमिश्नर के समक्ष इंडियन बैंक एसोसिएशन और यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के बीच वार्ता विफल हो गई। इस वजह से बैंकों में 16 दिसंबर से दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुरू हो जाएगी। इस दौरान एटीएम में भी कैश नहीं डाला जाएगा। उक्त बातें भारतीय स्टेट बैंक के स्थानीय प्रधान कार्यालय में आल इंडियान बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष डाक्टर कुमार अरविंद ने कहीं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कंपनी अधिनियम 1970 व 1980 के साथ ही बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 में संशोधन की घोषणा कर चुकी है। इससे बैंकों के निजीकरण की राह खुल जाएगी।

बैंकों का निजीकरण किसी के हित में नहीं है

उन्होंने कहा कि बिहार में 6500 बैंक शाखाएं बंद रहेंगी जिससे 35 हजार करोड़ रुपये का लेनदेन बाधित होगा। बिहार में करीब 35 हजार बैंक कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल में शामिल होंगे। 6608 एटीएम में कैश भी नहीं डाला जाएगा। आल इंडिया बैंक आफिसर्स कंफेडरेशन के महासचिव अजीत कुमार मिश्र ने कहा कि बैंकों के निजीकरण से लोगों की गाढ़ी कमाई की सुरक्षा घट जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास ही लोगों का 70 प्रतिशत जमा है।

आल इंडिया बैंक इम्पलाईज एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष जीएन लाल ने कहा कि 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और 43 ग्रामीण बैंक इस समय अपने कुल ऋण का 60 प्रतिशत प्राथमिकता वाले क्षेत्र को आवंटित करते हैं। निजीकरण के बाद किसानों व अन्य जरूरतमंदों को ऋण नहीं मिल सकेगा। नेशनल कंफेडरेशन आफ बैंक इम्पलाई के सहायक महासचिव हसन इमाम ने कहा कि निजीकरण के बाद बैंक संपन्न लोगों को ही सेवाएं देंगे, आम लोग बैंकिंग सेवा का लाभ नहीं ले पाएंगे। बैंक इम्पलाईज फेडरेशनल आफ इंडिया के बिहार इकाई के महासचिव जेपी दीक्षित ने कहा कि सभी बैंक लाभ में हैं, और इनका पैसा लेकर भागने वाले विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी व जतिन मेहता जैसे धोखेबाजों को सजा देने की जगह बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है। इंडियन नेशनल बैंक आफिसर्स कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरके चटर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय संपदा बेचने की साजिश चल रही है।इसके विरुद्ध संषर्घ जारी रहेगा। इस मौके पर बिहार प्रोविंशियल बैंक इम्पलाईज एसोसिएशन के उप महासचिव संजय तिवारी भी उपस्थित थे। एआइबीओए के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने कहा कि आज दिल्ली में हुई वार्ता में मैं शामिल हुआ लेकिन बात नहीं बनी। दूरभाष पर उन्होंने कहा कि हमारी मांगों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। बिहार स्टेट इलाहाबाद बैंक स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री उत्पल कांत ने एक प्रेस नोट जारी कर बैंकिंग संशोधन बिल को वापस लेने और बैंकों के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की है।

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