Friday, May 17 2024

अंतर्राष्ट्रीय डाॅन पप्पूदेव मारा गया! पुलिस बता रही हर्ट अटैक से मौत

FIRSTLOOK BIHAR 23:17 PM बिहार

पुलिस की थ्योरी पर खड़े हो रहे हैं सवाल

     सहरसा : बिहार के कोसी इलाके से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय डॉन रहे पप्पू देव की मौत हो गयी। पप्पूदेव के के समर्थकों का कहना है कि पुलिस मुठभेड़ के बाद पुलिस की पिटाई से पप्पूदेव की मौत हुई है। जबकि पुलिस का कहना है कि पप्पूदेव की मौत हर्ट अटैक से हुई है। अब यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। पप्पू देव की मौत को लेकर पुलिस जो दावा कर रही है, अब उन्हें दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि मुठभेड़ के दौरान हार्टअटैक से पप्पू देव की मौत हुई। लेकिन पप्पू देव के शरीर पर चोट के निशान होने की बात आ रही है एक अलग ही कहानी बन रही है।

हार्ट अटैक से मौत या पुलिस की पिटाई से!

अब यह सवाल उठने लगे हैं कि पप्पू देव की मौत हार्टअटैक से हुई या फिर पुलिस की पिटाई से। जो खबर सामने आई है उसके अनुसार सदर अस्पताल में पप्पू देव को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। उसका इलाज आईसीयू में चल रहा था लेकिन उसकी मौत हो गई।

पुलिस और पप्पू देव समर्थकों के बीच हुई गोलीबारी

पुलिस के अनुसार 18 दिसंबर की शाम सदर थाना को सूचना मिली कि सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सराही में पप्पू देव और उसके कुछ समर्थक हथियार से लैस होकर अपने गुर्गों के साथ एक जमीन की घेराबंदी करवाने का प्रयास कर रहा है। पुलिस द्वारा छापेमारी की गई तो पप्पू देव और उसके समर्थकों द्वारा पुलिस पर गोलियां चलाई गई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस के द्वारा भी आत्म रक्षार्थ फायरिंग की गई।

पुलिस से घिरा हुआ देखकर पप्पू देव अपना राइफल लेकर भागने की कोशिश करने लगा और उसने दीवार से छलांग लगा दी. पुलिस बल के द्वारा उसे उठा कर लाया गया। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद उसने छाती में दर्द होने की शिकायत की तो उसे रात को 2 बजे सदर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया। 3:10 बजे उसे चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में ले जाने की बात कहते हुए रेफर कर दिया। पुलिस के द्वारा एंबुलेंस की व्यवस्था की गई और उसे दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल या पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने की तैयारियां शुरू की गई इसी बीच 4 बजे सुबह चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में एक ऑटोमेटिक राइफल, तीन पिस्टल, तीन कट्टा , 47 चक्र गोलियां तथा कई खोखा बरामद की गई । सदर अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा पप्पू देव को मृत घोषित किए जाने के बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर मेडिकल बोर्ड का गठन कर वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम की व्यवस्था की गई । शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड के द्वारा किया जाएगा तथा पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।

समर्थकों का आरोप, पुलिस हिरासत में पिटाई से हुई मौत

कुख्यात अपराधी पप्पूदेव की मौत की सूचना के बाद उसके समर्थक सदर अस्पताल में जुट गए। इस दौरान लोगों का आरोप है कि पुलिस हिरासत में उसकी बेरहमी से पिटाई की गई है, जिसके चलते शरीर पर कई जगह लाठी से पीटने के भी निशान हैं। ऐशे में निशानों को देखकर साफ तौर पर लग रहा है कि पप्पू की मौत पिटाई की वजह से ही हुई है। फिलहाल पुलिस इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है।

मौत का बदला लेने के बाद अपराध जगत से जुड़ा था पप्पू देव

1990 के दशक में बिहार के अपराध जगत में पप्पू देव की धमक थी। रंगदारी, अपहरण, हत्या जैसे संगीन अपराध में पप्पू देव का नाम सामने आता था।

वर्ष 1994 में की थी पहली हत्या

मूल रूप से बिहरा थाना क्षेत्र के बिहरा गांव के रहने वाले दुर्गानंद देव के पुत्र पप्पू देव का अधिकांश समय पूर्णिया में बीता। उनके पिता पूर्णिया में बिजली विभाग में कार्यरत थे। पूर्णिया में ही पप्पू देव एक आपराधिक गिरोह से जुड़ गये। इसी बीच गांव में उनके एक रिश्तेदार की हत्या कर दी गई। जिसके बाद पप्पू देव गांव लौटकर आए और मौत का बदला लेने की प्रण ले ली। वर्ष 1994 में पप्पू देव ने कुंवर सिंह नामक व्यक्ति की हत्या कर दी। उसके बाद तो दो जाती में अदावत शुरू हो गई। दोनों ओर से हत्या का दौर चलने लगा। कोसी में दो जाती मानों एक दूसरे के दुश्मन बन गये। यही से पप्पू देव डाॅन बन गया और फिर गिरोह बनाकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया।

बिहार, यूपी से लेकर नेपाल तक था कनेक्शन, जाली नोट के साथ भी पकड़ाया था

पप्पू देव बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल में हत्या, लूट, अपहरण, रंगदारी जैसे दर्जनों संगीन मामले के नामजद रहा है। 2002 में नेपाल के व्यापारी तुलसी अग्रवाल का अपहरण कर फिरौती में मोटी रकम वसूली थी। लेकिन वर्ष 2003 में पप्पू देव 50 लाख से अधिक के जाली नोट और हेरोइन के साथ नेपाल में गिरफ्तार कर लिया गया। उसे वहां 10 वर्ष की सजा भी हुई। नेपाल में सजा पूरी होने के बाद वह रिहा कर दिया गया। जनवरी 2014 में पुलिस ने नेपाल बार्डर से उसे गिरफ्तार किया। करीब डेढ़ साल पहले जमानत पर बाहर आया था।

पुलिस से कई बार हो चुकी है मुठभेड़

नेपाल में पकड़े जाने से पहले नवगछिया के मुकंदपुर चौक के पास पुलिस से भिड़ंत हो गई। पुलिस को देखते ही पप्पू देव ने गोलियों की बरसात कर दी और भाग निकला। इसी तरह एक बार खगड़िया में एसटीएफ के हाथ से भी वह बच निकला था। हालांकि उसका एक साथी मारा गया था। बिहरा में भी मुठभेड़ हुई थी जिसमें दो दारोगा मिराज व राजकिशोर को गोली लगी थी परंतु वह बच निकलने में कामयाब रहा था।

पप्पू देव का था राजनीतिक कनेक्शन

पप्पू देव का राजनीतिक कनेक्शन रहने की बात भी कई बार चर्चा में रही है। कई दलों के दिग्गज से उनका संबंध था। पत्नी पूनम देव लोजपा के टिकट पर बिहपुर से लड़ी था। पूनम ने 2015 में बतौर निर्दलीय महिषी विधानसभा से भी चुनाव लड़ा।

सहरसा में दर्ज हैं 28 मामले

पप्पू देव पर सहरसा में करीब 28 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। जबकि 150 से ज्यादा रंगदारी, अपहरण और हत्या के मामले दर्ज हैं।मुजफ्फरपुर के सब रजिस्ट्रार सूर्यदेव नारायण सिंह का अपहरण, पारू व कटरा के सब रजिस्ट्रार की हत्या 2001 में वैशाली के भगवानपुर थाना क्षेत्र में कर दी गई थी। इस मामले में में पप्पू देव का नाम आया था।

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