पटना : क्या बिहार में एक बार फिर राजद के समर्थन से सरकार बदलेगी और भाजपा जदयू का गठबंधन अलग होगा? बिहार की राजनीति में कुछ भी संभव है। राजद जदयू एक बार फिर साथ मिलकर सरकार बनायेगी। इस बात की संभावना राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी ने जातिगत जनगणना को आधार बनाकर नीतीश कुमार को फिर साथ आने का ऑफर देकर सामने ला दिया है। राजद ने यहां तक कह दिया है कि खरमास के बाद बिहार की सियासत में बड़ा भूचाल आने वाला है।
मंत्री बात नहीं माने तो हटा देना चाहिए
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नीतीश कुमार को जातिगत जनगनणना के वादे पर आगे बढ़ना चाहिए और यदि कोई मंत्री (बीजेपी कोटे से) उनकी बात नहीं मानता है तो उन्हें मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए। राजद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि नीतीश सरकार के सामने कोई संकट आता है तो राजद साथ देने को तैयार है।
तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को साथ देने को तैयार
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय झा ने भी मीडिया के सामने कहा कि तेजस्वी यादव नीतीश कुमार का साथ देने के लिए तैयार हैं और खरमास के बाद बिहार में बड़ा भूचाल आने वाला है। जो अहम मुद्दे हैं बिहार के हित के, बिहार के 12 करोड़ जनता का वाजिब हक है, विशेष राज्य का दर्जा और जातिगत जनगणना, उस पर जो मुख्यमंत्री ने स्टैंड लिया है, उससे वह पीछे ना हटें। यह संदेश तेजस्वी यादव ने दिया है।
उन्होंने आगे कहा, मुख्यमंत्री के किसी फैसले का कोई कैबिनेट मंत्री विरोध करता है तो उसे निकाला जाना चाहिए, मुख्यमंत्री को लगता है कि उनके फैसले पर बीजेपी बाधा पहुंचा रही है, बिहार को वाजिब हक दिलाने में बीजेपी बाधक है, तो वे निर्णय लें, राजद और महागठबंधन उनके साथ।
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, मुख्यमंत्री जनगणना के लिए तैयार हैं, लेकिन बीजेपी सहमत नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री को संदेश है कि आप फैसला लीजिए, हम आपके साथ खड़े हैं। खुला संदेश है तेजस्वी जी का। जनता के हित में यह फैसला लिया गया है। यदि बीजेपी बाधक है बिहार के विकास में तो उनका साथ छोड़ना चाहिए और बिहार के विकास के लिए नीतीश कुमार के साथ राजद और पूरा महागठबंधन है।