Monday, May 20 2024

ऑक्सीजन के अभाव में मरीज की मौत पर बेगूसराय के सरकारी अस्पताल में तोड़फोड़

FIRSTLOOK BIHAR 23:20 PM बिहार

गायब थे डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी, एंबुलेंस भी किया छतिग्रस्त

छौड़ाही (बेगूसराय) : बेगूसराय के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छौड़ाही से सोमवार की देर रात डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मियों के गायब रहने के कारण उचित इलाज एवं ऑक्सीजन की कमी के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने स्वास्थ एवं सिविल अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए पीएचसी के एंबुलेंस का गेट तोड़ दिया। वहीं अन्य सामग्रियों में भी तोड़फोड़ की। बाद में प्रबुद्ध जनों द्वारा समझाने बुझाने पर लोग शांत हुए। हालांकि लोगों का आरोप है की अपनी नाकामी छुपाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने खुद ही अस्पताल में तोड़फोड़ की है और ग्रामीणों पर तोड़ फोड़ करने का आरोप लगा रहे हैं।

सिर्फ ममता कार्यकर्ता ही थी अस्पताल में

समाचार प्रेषण तक अस्पताल तो खुला था। परंतु, एक भी डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मी नहीं आए थे। ममता कार्यकर्ता ही अस्पताल में मौजूद थी। कोई कुछ भी बताने से परहेज कर रहे थे। मृतक छौड़ाही ओपी क्षेत्र के बखड्डा निवासी 60 वर्षीय ब्रजनंदन यादव थे। इलाज और ऑक्सीजन के अभाव में मौत। मृतक के पुत्र बखड्डा निवासी जीवछ कुमार यादव उर्फ अरविंद कुमार ने बताया कि सोमवार की रात उनके पिता बृजनंदन यादव की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इलाज के वास्ते वह अपने पिता को लेकर पीएचसी छौड़ाही पहुंचे। देर रात तक इंतजार करते रहे लेकिन पीएचसी में ऑन ड्यूटी डॉक्टर, एएनएम आदि स्वास्थ्य कर्मी नजर नहीं आए। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कमलेश कुमार को मोबाइल से सूचित किए तो वह खुद को कोरोना संक्रमित बता ऑन ड्यूटी डॉक्टर को भेजने की बात कहे। रात 11:00 बजे तक उनके पिता को इलाज नहीं मिल सका। ना ही डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल आए। इस कारण ऑक्सीजन एवं इलाज में अभाव के कारण उनकी पिता की देर रात पीएचसी छौड़ाही में ही मौत हो गई।

मरीज के इलाज के अभाव में मौत के बाद छौड़ाही पीएचसी के एंबुलेंस एवं अन्य सामग्रियों में तोड़फोड़ की गई। जिसका आरोप पीएचसी कर्मी एवं ग्रामीण एक दूसरे पर लगा रहे हैं। छौड़ाही पीएचसी में घटना के वक्त ऑन ड्यूटी एएनएम हीरा कुमारी का कहना है कि वह अपने ड्यूटी पर मुस्तैद थीं। तभी एक मरीज को इलाज के लिए लाया गया। शरीर जांच के दौरान पता चला कि मरीज की मौत हो चुकी है। नब्ज बंद और उनका शरीर ठंडा था। उनकी मौत हो चुकी थी फिर भी मरीज के परिजन इलाज करने एवं ऑक्सीजन लगाने का दबाव देने लगे। इसी बीच कुछ लोगों ने उनके साथ गाली गलौज की। वह भागकर बीआरसी के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई। इस बीच असामाजिक तत्वों ने ऑक्सीजन एवं उससे संबंधित यंत्र इधर-उधर फेंक तोड़ फोड़ दिया। वही एंबुलेंस का गेट एवं अन्य सामग्री भी तोड़फोड़ कर दिया गया। जिसके बाद प्रबुद्ध लोगों ने वहां आकर आक्रोशित ग्रामीणों को समझा बुझा वहां से ले गए। तब हम लोग सुरक्षित घर जा सके।

दूसरी तरफ मृतक के परिजनों एवं ग्रामीणों का कहना है कि इलाज एवं ऑक्सीजन के अभाव में अस्पताल में मरीज की मौत हुई है। उस समय कोई भी स्वास्थ्य कर्मी नहीं थे। हम लोग जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। हम लोगों के जाने के बाद अस्पताल कर्मी अपनी नाकामी छुपाने के लिए तोड़ फोड़ कर हम ग्रामीणों पर आरोप लगा रहे हैं।

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