Monday, May 20 2024

बिहार में मेयर, डिप्टी मेयर, मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का चुनाव सीधे जनता करेगी

FIRSTLOOK BIHAR 09:46 AM बिहार

पटना : अब बिहार में नये नगरपालिका एक्ट लागू होगा। जिसका गजट भी निकल गया है। इसके लिए राजभवन ने नगरपालिका एक्ट में संशोधन का अध्यादेश विधि विभाग को भेज दिया है। इसके तहत पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर व दरभंगा समेत राज्य के 19 नगर निगमों में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव अब वार्ड पार्षदों की जगह सीधे मतदाता करेंगे। 

अध्यादेश में संशोधन के बाद होंगे ये बदलाव

अध्यादेश के संशोधन राज्य भर के 263 नगर निकायों पर भी लागू  होंगे। इनके सभापति और उपसभापति का निर्वाचन भी सीधे वोटर करेंगे।  

मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना होगा मुश्किल

अध्यादेश के संशोधन में नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 23 व 25 में संशोधन किया गया है। दोनों ही धाराएं क्रमश: मुख्य पार्षद यानी मेयर और  डिप्टी मेयर के चुनाव में बदलाव और दोनों ही के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से संबंधित हैं। नए नियम के तहत जब वार्ड पार्षद मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं करेंगे, तब वार्ड पार्षदों की क्षमता के एक तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं ला सकेंगे।

 राज्य के सभी शहरी निकायों में इस साल होने वाले चुनाव में मेयर-डिप्टी मेयर और मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का चुनाव सीधे जनता के वोट से होगा। राज्य सरकार ने बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 में संशोधन का अध्यादेश लाकर प्रत्यक्ष चुनाव का नियम लागू कर दिया है। राजभवन से अध्यादेश की अनुमति के बाद गुरुवार को सरकार ने इससे जुड़ा गजट भी जारी कर दिया। राजभवन द्वारा जारी अध्यादेश को बिहार नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2022 कहा जाएगा।

263 शहरी निकायों में प्रभावी होगा आदेश

बिहार नगर पालिका कानून में 15 वर्षों के बाद संशोधन किया गया है। इसका असर बिहार के सभी 19 नगर निगम समेत 263 नगर निकायों पर पड़ेगा। इस साल अप्रैल-मई में शहरी निकायों में चुनाव संभावित हैं। अभी तक नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर जबकि नगर परिषद और नगर पंचायतों में मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता था।

आम जनता शहरी निकाय के प्रमुख का चुनाव कर सकेगी

संबंधित नगर निकायों के पार्षद बहुमत के आधार पर मेयर व डिप्टी मेयर और मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का चुनाव करते थे। लेकिन कानून में संशोधन के बाद अब मतदान के दौरान आम जनता ही अपने शहरी निकाय के प्रमुख का चुनाव कर सकेगी। 

बंद हो जायेगा पार्षदों का खेल

मेयर , उप मेयर, मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद के चुनाव में वार्ड पार्षदों के तीर्थाटन व मान मनौवल का खेल बंद हो जायेगा। पार्षद अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं ला पायेंगे। इससे विकास का काम भी ठीक से हो पायेगा। पार्षदों के खरीद फरोख्त का खेल भी समाप्त हो जायेगा।

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