Tuesday, May 21 2024

भाजपा ने जदयू को चेताया, गठबंधन की मर्यादा का रखें ख्याल नहीं तो ईंट का जबाव पत्थर से देंगे

FIRSTLOOK BIHAR 22:48 PM बिहार

पटना : सम्राट अशोक और शराबबंदी के मुद्दे पर बिहार में भाजपा और जदयू के बीच एक दूसरे पर सीधा हमला शुरू है। गठबंधन के दोनों दलों के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जदयू नेताओं को मर्यादा में रहने की चेतावनी तक दे दी है। यदि यह सिलसिला थम नहीं तो गठबंधन कभी भी अलग हो सकता है। इस स्थिति में नीतीश सरकार खतरे में पड़ सकती है। जदयू व भाजपा के बड़े नेता विरोधी दलों से भी अधिक एक दूसरे पर हमलावर की भूमिका में आ चुके हैं। बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और जदयू संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा के बीच जो हमला जारी है वह बिहार में एनडीए गठबंधन के इन दोनों दलों के लिए शुभ संकेत नहीं है।

संजय जायसवाल ने चेतावनी देते हुए कहा, भाजपा के बिहार में 76 लाख कार्यकर्ता जबाव देने को तैयार हैं

संजय जायसवाल ने फेसबुक पोस्ट के जरिए सोमवार को भी जदयू पर हमला जारी रखा। श्री जायसवाल ने साफ तौर पर कहा कि गठबंधन एकतरफा नहीं चलेगा। जदयू का यही रवैया रहा तो भाजपा की तरफ से भी ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। भाजपा के भी बिहार में 76 लाख कार्यकर्ता हैं। भाजपा को भी जवाब देने आता है।

संजय जायसवाल का फेसबुक पोस्ट

चलिए माननीय जी को यह समझ आ गया कि एनडीए गठबंधन का निर्णय केंद्र द्वारा है और बिल्कुल मजबूत है इसलिए हम सभी को साथ चलना है। फिर बार-बार महोदय मुझे और केंद्रीय नेतृत्व को टैग कर न जाने क्यों प्रश्न करते हैं। एनडीए गठबंधन को मजबूत रखने के लिए हम सभी को मर्यादाओं का ख्याल रखना चाहिए। यह एकतरफा अब नहीं चलेगा।

प्रधानमंत्री से नहीं खेलें ट्विटर- ट्विटर, वे प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के हैं गौरव

इस मर्यादा की पहली शर्त है कि देश के प्रधानमंत्री से ट्विटर ट्विटर ना खेलें ।प्रधानमंत्री जी प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के गौरव भी हैं और अभिमान भी। उनसे अगर कोई बात कहनी हो तो जैसा माननीय ने लिखा है कि बिल्कुल सीधी बातचीत होनी चाहिए। टि्वटर टि्वटर खेलकर अगर उनपर सवाल करेंगे तो बिहार के 76 लाख भाजपा कार्यकर्ता इसका जवाब देना अच्छे से जानते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में हम सब इसका ध्यान रखेंगे ।

पुरस्कार वापसी की बात से बकवास कुछ हो ही नहीं सकता

आप सब बड़े नेता है । एक बिहार मे एवं दूसरे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। फिर इस तरह की बात कहना कि राष्ट्रपति जी द्वारा दिए गए पुरस्कार को प्रधानमंत्री वापस लें ,इससे ज्यादा बकवास हो ही नहीं सकता। दया प्रकाश सिन्हा के हम आप से सौ गुना ज्यादा बड़े विरोधी हैं क्योंकि आपके लिए यह मुद्दा बिहार में शैक्षिक सुधार जैसा मुद्दा है जबकि जनसंघ और भाजपा का जन्म ही सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर हुआ है। हम अपनी संस्कृति और भारतीय राजाओं के स्वर्णिम इतिहास में कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकते। पर हम यह भी चाहते हैं कि बख्तियार खिलजी से लेकर औरंगजेब तक के अत्याचारों की सही गाथा आने वाली पीढ़ियों को बताई जाए ।

74 वर्ष में एक भी पद्मश्री की वापसी नहीं हुई

74 वर्ष में एक घटना नहीं हुई जब किसी पद्मश्री पुरस्कार की वापसी हुई हो। पहलवान सुशील कुमार पर हत्या के आरोप सिद्ध हो चुके हैं उसके बावजूद भी राष्ट्रपति ने उनका पदक वापस नहीं लिया क्योंकि पुरस्कार वापसी मसले पर कोई निश्चित मापदंड नहीं है। जबकि चाहे वह हरिद्वार में घटित धर्म संसद हो या सैकड़ों हेट स्पीच ,सरकार न केवल इन पर संज्ञान लेती है बल्कि बड़े से बड़े व्यक्ति को भी जेल में डालने से नहीं हिचकती ।

बिहार में सरकार अच्छे वातावरण व शांतिपूर्ण चले यह सिर्फ हमारी ही जिम्मेदारी नहीं

इसलिए सबसे पहले बिहार सरकार दया प्रकाश सिन्हा जी को मेरे एफआईआर के आलोक में गिरफ्तार करें और फास्ट ट्रैक कोर्ट से तुरंत सजा दिलवायें । इसके बाद बिहार सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलकर हम सबों की बात रक्खें कि एक सजायाफ्ता मुजरिम का पद्मश्री पुरस्कार वापस लिया जाए। जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार अच्छे वातावरण में शांति से चले यह सिर्फ हमारी जिम्मेवारी ही नहीं बल्कि आप की भी है। अगर कोई समस्या है तो हम सब मिल बैठकर उसका समाधान निकालें। हमारे केंद्रीय नेताओं से कुछ चाहते हैं तो उनसे भी सीधे बात होनी चाहिए।

हम हरगिज नहीं चाहते कि 2005 की स्थिति आये

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि हम हरगिज नहीं चाहते हैं कि पुनः मुख्यमंत्री आवास 2005 से पहले की तरह हत्या कराने और अपहरण की राशि वसूलने का अड्डा हो जाए। अभी भेड़िया स्वर्ण मृग की भांति नकली हिरण की खाल पहनकर अठखेलियां कर जनता को आकृष्ट कर रहा है। एक पूरी पीढ़ी जो 2005 के बाद मतदाता बनी है वह उन स्थितियों को नहीं जानती और बिना समझे कि यह रावण का षड्यंत्र है स्वर्ण मृग पर आकर्षित हो रही है ।यथार्थ बताना हम सभी का दायित्व भी है और कर्तव्य भी।

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