Friday, May 17 2024

कोई आंखों में रहती है .. कोई बांहे बदलती है मुहब्बत भी सियासत की तरह राह बदलती है

FIRSTLOOK BIHAR 23:20 PM मनोरंजन

प्रेम, इश्क, मुहहबत
एक शाश्वत अनुभूति.
जब जब कोई प्रेम कहानी लिखी या कही जाएगी .
दुनिया के सबसे अलौकिक प्रेम-कहानी के बिना अधूरी रहेगी
राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी .
जिनके कई रंग बिखरे पड़े हैं मथुरा-वृंदावन की गलियों में.
राधा - कृष्ण की प्रेम कहानी के बारे वैसे तो हर लोग कुछ न जानते हैं, लेकिन हम आपको इस प्रेम कहानी की विस्तृत जानकारी के लिए बिहार के जाने - माने आर्किटेक्ट ई ब्रजेश्वर ठाकुर द्वारा लिखित इस कहानी से अवगत कराते हैं। ब्रजेश्वर ठाकुर बताते हैं कि राधा - कृष्ण की प्रेम कहानी को जानने के लिए मथुरा-वृंदावन की गलियों को जानना होगा। श्री ठाकुर बताते हैं कि आइये इनके दिव्य प्रेम की कहानी को जानने चलते है मथुरा-वृंदावन की गलियों में।

मंत्रमुग्ध कर देने वाले मंदिरों, बाग-बगीचों, गीत -संगीत, नृत्य और कला के बीच भगवान कृष्ण से जुड़े झेपक और रूपक में आनेवाला मथुरा आगरा से 56 कि.मी.है।
मथुरा की चर्चा रामायण में भी आती है ।
मथुरा से 15 कि.मी. की दूरी पर है वृन्दावन ।

यू तो सम्पूर्ण व्रज क्षेत्र (मथुरा, गोकुल, बरसाना,वृंदावन) राधा-कृष्ण के भावों से विभोर है।
आज उसमे से वृंदावन का संक्षिप्त वर्णन ...

राधा के सोलह नामो एक नाम वृंदा भी था , वृंदा का अर्थ होता है तुलसी

मन्दिरो की एक शानदार श्रृंखला है वृंदावन में।
धन्य है वृंदावन धाम जहाँ रास किये भगवान .
जहाँ आज भी सुनाई देती है, मुरली की मधुर तान ।
बांके बिहारी जी का मंदिर बादामी रंग के पत्थरों एवं रजत स्तम्भों पर बना बांके बिहारी जी के मंदिर का निर्माण स्वामी हरिदास ने करवाया था. मंदिर में दर्शन वैष्णव परम्परानुसार पर्दे में होते हैं।

निधीवन

यंहा के पेड़ पूरे वर्ष हरे−भरे रहते हैं ।
यह है न आश्चर्य जनक। एक दूसरी जनश्रुति भी सुनिये मंदिर कक्ष में कृष्ण−राधा की शैय्या लगा दी जाती है तथा राधा जी का श्रृंगार सामान रख कर बन्द कर दिया जाता है.जब प्रातः देखते हैं तो सारा सामान अस्त−व्यस्त मिलता है. ऐसी मान्यता है कि रात्रि में राधा−कृष्ण आकर इस सामान का उपयोग करते हैं.

श्री शाह मंदिर

निधीवन के समीप करीब 150 वर्ष प्राचीन श्री शाह का मंदिर बना है। सात टेढ़े−मेढ़े खम्भों पर बने इस मंदिर के शिखर एवं दीवारों पर आकर्षक मूर्तियां बनाई गई हैं।

श्री रंगनाथ मंदिर

दक्षिणी एवं उत्तरी शैली में सोने के खम्भों वाले इस मंदिर का निर्माण 1828 ई. में हुआ था. मंदिर का प्रवेश द्वार राजस्थानी शैली में निर्मित है. सात परकोटों वाला यह मंदिर एक किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। मंदिर प्रांगण में 500 किलोग्राम सोने से बना 60 फीट ऊँचा सोने का गरूड़ स्तम्भ है। प्रवेश द्वार पर भी सोने के 19 कलश बनाये गये हैं। अद्वितीय वास्तुकला से सुसज्जित मंदिर का मुख्य आकर्षण है श्रीरंगनाथ जी। चाँदी व सोने का सिंहासन.

प्रेम मंदिर

वृंदावन के बाहरी इलाके में 54 एकड़ में बना यह भगवान राधा-कृष्ण कृष्ण और सीता राम को समर्पित है.
【वृन्दावन के अन्य मंदिरों में श्री राधा मोहन मंदिर, कालीदह, सेवाकुंज, अहिल्या टीला, ब्रह्म कुण्ड, श्रृंगारवट, चीर घाट, गोविन्द देव मंदिर, काँच का मंदिर गोपेश्वर मंदिर एवं सवा मन सालिग्राम मंदिर आदि भी दर्शनीय हैं।]

श्री ठाकुर बताते हैं कि राधा-कृष्ण और वृंदावन की कहानी इतनी विशाल है कि इसे शब्दो में नही समेटा जा सकता .

अंत मे सिर्फ इतना ही कि राधा-कृष्ण का प्रेम यकीनन इस दुनिया मे अलौकिक अनोखी और अद्भूत है, क्योकि इसमें सिर्फ प्रेम है !
निश्चल , न इसमें कुछ पाने की चाहत, न कोई अपेक्षा, न कोई बंधन , न कोई शिकायत ! केवल प्रेम ही प्रेम , असीम अनन्त प्रेम !

Er. Brajeshwar ThaKur Engineers Enclave B.B.Ganj, Muzaffarpur (Bihar 842001) 9431239417

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