सीतामढ़ी : जीविका संकुल संघ मधुबनी पुपरी में सोमवार को करीब चार दर्जन जीविका दीदियों को एनटीईपी का प्रशिक्षण दिया गया। वर्ष 2025 तक यक्ष्मा उन्मूलन हेतु जिला यक्ष्मा केंद्र सीतामढ़ी द्वारा किये जा रहे प्रयासों में अब जीविका दीदियां भी समाज को जागरूक करने में सहयोग करेंगी। प्रशिक्षण में डॉ मनोज कुमार, संचारी रोग पदाधिकारी सीतामढ़ी द्वारा सभी प्रखंडों में जीविका दीदियों को प्रशिक्षित करते हुए अपने क्षेत्र अंतर्गत संदिग्ध यक्ष्मा मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर बलगम जांच करने एवं यक्ष्मा की पहचान होने पर इलाज की पूर्ण जानकारी दी गई।
दो सप्ताह या उससे अधिक दिनों तक खांसी रहना टीबी रोग का मुख्य लक्षण है
डॉ मनोज कुमार ने बताया कि 2 सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना टीवी का मुख्य लक्षण हो सकता है। शाम को बुखार आना, बलगम के साथ खून आना, वजन कम होना इसके अन्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं। उनके द्वारा बताया गया कि टीवी रोगी खांसने, छींकने थूकने से टीवी के जीवाणु हवा में फैल जाते हैं। और अन्य व्यक्ति के सांस लेने से वह जीवाणु व्यक्ति के फेफड़ों में पहुंचकर संक्रमित कर देते हैं। इसलिए टीवी के मरीजों को साफ सफाई का ध्यान रखते हुए मास्क का प्रयोग करना चाहिए, नशा से परहेज करते हुए पौष्टिक भोजन करना चाहिए। यक्ष्मा मरीजों को सरकार द्वारा प्रत्येक माह ₹500 उनके इलाज अवधि तक प्रोत्साहन राशि दी जाती है। पोषण योजना अंतर्गत राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है।सरकार द्वारा सभी प्रकार की जांच एवं दवा निशुल्क सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है।
डॉ मनोज कुमार ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में यक्ष्मा की जांच निशुल्क उपलब्ध है एवं बीमारी की पहचान होने पर निशुल्क दवा ट्रीटमेंट सपोर्टर के माध्यम से मरीज के घर पर खिलाने की व्यवस्था है एवं मरीजों को निश्चय पोषण योजना अंतर्गत प्रतिमाह ₹500 की राशि उनके इलाज अवधि तक दी जाती है। जीविका दीदियों द्वारा नए यक्ष्मा मरीजों की पहचान होने पर ₹500 प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा एवं मरीजों को दवा खिलाने पर ₹1000 से लेकर 5000 तक का भुगतान किया जाएगा। जीविका दीदी से अपने क्षेत्र अंतर्गत संदिग्ध यक्ष्मा मरीजों की खोज मैं सहयोग हेतु आह्वान किया गया।
प्रशिक्षण में डॉक्टर मनोज कुमार, जिला क्षमा पदाधिकारी एस टी भी एस गणेश कुमार,एलटी नवल किशोर आदि उपस्थित थे।