Tuesday, May 21 2024

छोटी पहाड़ी व मंसूर नगर के लोगों ने कलेक्ट्रेट का किया घेराव

FIRSTLOOK BIHAR 23:34 PM बिहार

जहरीली शराब से मौत के बाद प्रशासन ने कब्जा हटाने का चस्पाया है नोटिस

बिहारशरीफ (नालंदा): जहरीली शराब से 12 लोगों की मौत के बाद छोटी पहाड़ी से कब्जा हटाने की नोटिस का शनिवार को भी लोगों ने विरोध किया। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के नेतृत्व में एक हजार से अधिक लोगों ने करीब 11 बजे से कलेक्ट्रेट का घेराव शुरू कर दिया। लोग नोटिस को तत्काल प्रभाव से रद करने की मांग कर रहे थे। सूचना पर पहुंचे डीडीसी वैभव श्रीवास्तव, एसडीओ कुमार अनुराग, बीडीओ अंजन दत्ता, सीओ अर्जुन पंडित, थानेदार संतोष कुमार ने सभी को सोगरा हाईस्कूल के मैदान में भेजा। अधिकारियों ने कहा कि वहीं आपकी बातें सुनी जाएगी। फिलहाल कलेक्ट्रेट को खाली कर दें।

आमलोगों को नहीं होगी परेशानी

प्रदर्शन कर रहे लोग भी तत्काल वहां से सोगरा हाईस्कूल मैदान पहुंच गए। पार्टी के झंडे के साथ नारेबाजी करने लगे। कुछ देर के बाद बेगूसराय विधायक उमाकांत पासवान भी सोगरा हाईस्कूल मैदान पहुंच गए। इधर, हाईस्कूल मैदान पहुंचे एसडीएम ने आश्वासन दिया कि छोटी पहाड़ी व मंसूर नगर में रहने वाले लोगों का मकान नहीं टूटेगा। सिर्फ शराब तस्करों को चिह्नित करने के लिए अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया गया है। आम लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी। शराबियों व शराब तस्करों पर ही कार्रवाई होगी।

मुआवजा के बदले घर तोड़ रहा प्रशासन !

वार्ड पार्षद के पति सुरेश पासवान ने कहा कि सरकार जहरीली शराब से मरने वाले लोगों को मुआवजा देने की बजाए उनके घरों को तोड़ने में लगी है। यह दमनात्मक कार्रवाई नहीं सहेंगे। रामचंद्र पासवान, मुकेश कुमार, धनंजय कुमार व अन्य ने सरकार से मरने वालों के परिजनों को 10 लाख व आंख खोने वालों को पांच लाख का मुआवजा तत्काल देने की मांग की ।

दो फरवरी तक सीओ कार्यालय में दिखाने हैं कागजात

जहरीली शराब से छोटी पहाड़ी के लोगों की हुई मौत के बाद प्रशासन ने नोटिस देकर दो फरवरी तक वहां रहने वालों को कागजात दिखाने का मौका दिया है। इसी के विरोध में महिलाओं व बच्चों के साथ बड़ी संख्या में लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। छोटी पहाड़ी व मंसूर नगर के लोगों ने कहा कि वर्षाें से छोटी पहाड़ी पर रह रहे हैं। कोई 50 तो कोई 60 वर्ष से रह रहा है।

एक हफ्ते पूर्व भी हुआ था प्रदर्शन

कम्युनिष्ट पार्टी कार्यालय छोटी पहाड़ी के पास भी एक हफ्ते पूर्व लोगों ने प्रदर्शन किया था। उसमें भी बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी थी। शनिवार को भी कलेक्ट्रेट पहुंचे लोगों में महिलाओं की भागीदारी अधिक थी। कोई टेंपो तो कोई ट्रैक्टर से झंडा-बैनर के साथ पहुंचा था।

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