Tuesday, May 21 2024

गया जेल में से चुनाव जीतने वाले मुखिया बुलेट बाबा को मिला बेल

FIRSTLOOK BIHAR 23:33 PM बिहार

210 दिनों बाद जेल से निकले बाहर, समर्थकों ने मनाया उत्सव

टिकारी ( गया ) : बुलेट बाबा के नाम से जिले में प्रसिद्ध लाव पंचायत के मुखिया आशुतोष कुमार मिश्र हाई कोर्ट से बेल मिलने के बाद मंगलवार को जेल से बाहर निकले। 210 दिन जेल में रहने के बाद आशुतोष को जमानत मिली है। मुखिया मिश्र गांव में ही एक मारपीट के मामले में आत्मसमर्पण के बाद बेल के प्रत्यासा में जेल में बंद थे। जेल से रिहा होने की सूचना के बाद पंचायत वासियों के साथ उनके समर्थकों में खुशी है।

2016 में भी जीते थे मुखिया का चुनाव

वर्ष 2016 के त्रिस्तरीय चुनाव में पहली बार मुखिया पद से निर्वाचित हुए थे। प्रखंड के सबसे युवा मुखिया होने के कारण कम समय मे चर्चित हो गए। लेकिन कार्यकाल के अंतिम वर्ष में मारपीट के एक मामले में इनको जेल की हवा खानी पड़ गई। इसी बीच पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद न्यायालय के आदेश पर जेल में बंद रहते हुए पुनः मुखिया पद के लिए चुनाव लड़े और पिछले बार से अधिक 606 मतों से दुबारा जीत दर्ज कर अपनी लोकप्रियता बरकरार रखने में सफल हो गए।

न्यायालय के आदेश पर ही सेंट्रल जेल गया से पुलिस कस्टडी में प्रखंड सभागार में पद और गोपनीयता की शपथ ली। चुनाव के दौरान ग्रामीणों ने स्वयं चुनाव प्रचार का कमान संभालते हुए गांव-गांव में घूमकर बुलेट बाबा के समर्थन में लोगों से मत देने की अपील की थी।

जिस बुलेट से आशुतोष को शोहरत मिली, मुखिया रहते बेचनी पड़ी

प्रखंड में बुलेट की सवारी करने वाले आशुतोष कुमार मिश्र दूसरे व्यक्ति होने के कारण चर्चित हो गए। वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव में सबसे युवा चेहरा के रूप में जीत हासिल करने के बाद बुलेट बाबा के नाम से प्रसिद्ध हो गए। लेकिन कुछ दिनों के बाद उन्हें बुलेट बेचनी पड़ी। पांच वर्षों के मुखिया कार्यकाल में एक बुलेट और एक ऑटो के साथ 15 कठा जमीन बेचनी पड़ी। जबकि एक ट्रैक्टर ऋण पर खरीदा जिसका लाखों रुपया बकाया है।

वर्ष 2018 में समीक्षा यात्रा में मुख्यमंत्री को बुलाया था गांव

पंचायत चुनाव की जीत दर्ज करने के बाद बुलेट बाबा के रूप में सुर्खियों में आये आशुतोष कुमार मिश्र ने मुख्यमंत्री को समीक्षा यात्रा में अपने गांव बुलाकर जिले में सुर्खियां और शोहरत बटोरी थी। मुख्यमंत्री को बुलाने में तत्कालीन विधायक अभय कुशवाहा ने बढ़चढक़र भूमिका निभाई थी। अपने कार्य और सरल व्यवहार से जिला के सभी आला अधिकारियों का दिल जीत लिया था।

जेल से रिहा होने के बाद देर रात मुखिया मिश्र अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ गांव पहुंचे। रास्ते में रात्रि में ही पंचानपुर और बेल्हड़िया मोड़ पर समर्थकों की भारी भीड़ स्वागत के लिए जुटी थी। उनके पहुंचते ही बुलेट बाबा जिंदाबाद के नारों के साथ झूम उठे और एक झलक पाने को लोग बेताब दिखे। समर्थकों की भारी भीड़ के बीच देर रात्रि अपने घर लाव पहुंचे। जंहा फूल माला और रंग गुलाल के साथ ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। बुधवार को सुबह से ही मुखिया पंचायत क्षेत्र में अब आशीर्वाद यात्रा पर भ्रमण कर रहे हैं। जेल से सात माह बाहर आने पर मुखिया का घर घर मे भव्य स्वागत और आरती उतारी जा रही है।

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