Friday, May 17 2024

केंद्र का 80 करोड़ से ज्यादा परिवारों को तोहफा, फिर छह महीने के लिए बढ़ाई गई पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना

FIRSTLOOK BIHAR 23:46 PM खास खबर

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने एक बार फिर गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) की अवधि सितंबर 2022 तक बढ़ा दी है।

पीएम-जीकेएवाई का चरण-V मार्च 2022 में समाप्त होने वाला था। कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम हो गया और देश में आर्थिक गतिविधियां निरंतर तेज गति पकड़ रही है, लेकिन पीएम-जीकेएवाई की अवधि बढ़ाने से यह सुनिश्चित होगा कि आर्थिक रिकवरी के मौजूदा समय में कोई भी गरीब परिवार भूखा सोने पर विवश न हो।

इस योजना के तहत पूरे भारत में लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को कवर किया जाएगा और पहले की तरह ही इस योजना के लिए आवश्‍यक धनराशि का इंतजाम पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा ही किया जाएगा। पीएम-जीकेएवाई को अप्रैल 2020 से ही दुनिया के सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के रूप में लागू किया जाता रहा है।

लगभग 3.4 लाख करोड़ रुपये का खर्च

इस योजना पर सरकार ने अब तक लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च की है एवं अगले 6 महीनों में सितंबर तक 80,000 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे, जिससे पीएम-जीकेएवाई के तहत कुल खर्च लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू जाएगा, यानी पीएमजीकेएवाई के तहत लगभग 3.4 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय और 1,000 एलएमटी से भी अधिक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। विस्तारित पीएम-जीकेएवाई के अंतर्गत, प्रत्येक लाभार्थी को एनएफएसए के तहत मिल रहे खाद्यान्न के अपने सामान्य कोटे के अलावा प्रति-व्यक्ति प्रति-माह, अतिरिक्त 5 किलो निःशुल्क राशन मिलेगा। इसका मतलब है कि प्रत्येक गरीब परिवार को सामान्य मात्रा से लगभग दोगुना राशन मिलेगा।

छठवें चरण में 244 एलएमटी खाद्यान्न का होगा वितरण

उल्लेखनीय है कि सरकार ने पीएम-जीकेएवाई के तहत चरण V तक लगभग 759 एलएमटी खाद्यान्न निःशुल्क आवंटित किया था। इस विस्तार (चरण VI) के तहत, 244 एलएमटी निशुल्क खाद्यान्न के साथ, पीएम-जीकेएवाई के तहत निशुल्क खाद्यान्न का कुल आवंटन अब 1,003 एलएमटी हो गया है।

देश की किसी भी हिस्से में ले सकते हैं राशन

देश भर में लगभग 5 लाख राशन की दुकानों पर लागू ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) योजना के माध्यम से किसी भी प्रवासी श्रमिक या लाभार्थी द्वारा निःशुल्क राशन का लाभ उठाया जा सकता है। अब तक, इस योजना के तहत हुए 61 करोड़ से अधिक लेन-देन के जरिये लाभार्थियों को उनके घरों से दूर लाभ मिला है।

दुनिया भर में इस योजना की हुई प्रशंसा

कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने गरीब परिवारों को बड़ी राहत दी थी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश की 80 करोड़ से ज्यादा आबादी को फ्री राशन नवंबर 2021 तक मिलने का तय हुआ था। लेकिन कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर को देखते हुए यह योजना अभी भई पहले की तरह चल रही है। इस योजना को लेकर पीएम मोदी ने कहा था कि भारत ने महामारी की आहट के पहले दिन से ही इस संकट को पहचाना और इसपर काम किया। इसलिए आज दुनिया भर में इस योजना की प्रशंसा हो रही है और बड़े बड़े एक्सपर्ट कह रहे हैं कि भारत अपने 80 करोड़ से अधिक लोगों को इस महामारी के दौरान मुफ्त अनाज उपलब्ध करवा रहा है। यह काबिले तारीफ है। योजना के तहत प्रत्येक व्यक्ति को ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ (National Food Security Act- NFSA) के तहत प्रदान किये 5 किलो अनुदानित अनाज (गेहूं या चावल) के अलावा 5 किलोग्राम मुक्त खाद्यान्न प्रदान किया जाएगा। क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार, लाभार्थियों को गेहूं, चावल के साथ चना, रिफाइंड व नमक भी प्रदान की गई है।

क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

कोरोना काल में गरीबों को मदद मुहैया कराने के लिए इस स्कीम को शुरू किया गया था। इस योजना को सरकार द्वारा मार्च 2020 में शुरू किया गया था। यह योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का एक हिस्सा है। इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों को 5 किलो अनाज (गेहूं/चावल) एवं 1 किलो दाल दी जाती है। यदि, आपके राशन कार्ड में 4 लोगों का नाम दर्ज है तो आपको 20 किलो अनाज प्रदान किया जाएगा। यह अनाज हर महीने मिलने वाले अनाज से अलग होता है। तात्पर्य यह है कि यदि, आपको 1 महीने में राशन कार्ड पर 5 किलो अनाज मिलता है, तो आपको 10 किलो अनाज प्रदान किया जाएगा।

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