Friday, May 17 2024

आखिर भाजपा के पत्र पर बर्खास्त कर दिए गए मंत्री मुकेश सहनी

FIRSTLOOK BIHAR 23:49 PM बिहार

पटना : बिहार सरकार में वीआइपी कोटे से मंत्री मुकेश सहनी को नीतीश मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के लिखित पत्र के बाद राज्यपाल से इसकी अनुशंसा की. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के विरोध में वीआइपी के चुनाव लड़ने से गठबंधन के दोनों दलों के रिश्ते काफी बिगड़ गये थे. यूपी चुनाव के समय से ही यह कयास लगाए जाने लगे थे. सरकार के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी को अपनी कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया है. सूत्रों ने कहा कि इसकी सिफारिश गठबंधन की सरकार में सहयोगी बीजेपी के एक ‘लिखित निवेदन के बाद राज्यपाल को भेजी गई . इसमें कहा गया कि विकासशील इंसान पार्टी अब एनडीए का हिस्सा नहीं हैं.

जानकारी के मुताबिक रविवार की शाम राजभवन को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से यह अनुशंसा पत्र भेज दी गयी है .मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गये इस प्रस्ताव पर राज्यपाल चौहान द्वारा मुहर लगाने की औपचारिकता भर रह गई है. जानकारी के मुताबिक राज्य के उप मुख्यमंत्री व भाजपा विधानमंडल दल के नेता तारकिशोर प्रसाद ने अपने दल की ओर से सीएम को पत्र भेजकर मुकेश सहनी को राज्य मंत्रिमंडल से निकालने का आग्रह किया. इसमें कहा गया है कि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 में निर्वाचित हुए तीनों विधायकों का भाजपा में अब विलय हो गया है. वीआईपी अब एनडीए का हिस्सा नहीं है.

पहले वीआइपी के तीन विधायकों का हुआ था भाजपा में विलय

23 मार्च को विधानमंडल सत्र के बाद भाजपा अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी के साथ वीआईपी के तीनों विधायक राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्रीलाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से उनके कक्ष में मुलाकात कर भाजपा को समर्थन देने का पत्र सौंप दिया. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने वीआईपी के तीनों विधायक को भाजपा में विलय की मंजूरी दे दी और तीनों विधायक भाजपा में शामिल हो गये

वीआईपी के विधायकों को भाजपा में शामिल होते ही शुरू हो गयी इस्तीफे की मांग

भाजपा ने वीआइपी के तीनों विधायकों को अपने दल में शामिल कराने के बाद लगातार मुकेश सहनी से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया. खुद प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल समेत कई विधायकों ने मंत्री मुकेश सहनी से मीडिया में बयान देकर इस्तीफा देने की नसीहत दी. इधर 24 मार्च की सुबह प्रेस कांफ्रेंस कर सहनी ने घोषणा की थी कि वे इस्तीफा नहीं देंगे और सरकार में काम करते रहेंगे. इसके बाद रविवार को भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया.

Related Post