Friday, May 17 2024

लुधियाना में समस्तीपुर के सात लोगों की जिंदा जलकर मौत

FIRSTLOOK BIHAR 23:38 PM खास खबर

समस्तीपुर के बाघोपुर के एक ही परिवार के थे सातो मृतक

बड़े पुत्र की शादी के लिए पांच दिन बाद ही आने वाले थे सभी अपने गांव
शिवाजीनगर ( समस्तीपुर ) : पंजाब के लुधियाना में समस्तीपुर के शिवाजीनगर प्रखंड के बाघोपुर निवासी सुरेश सहनी समेत परिवार के 7 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस घटना की जानकारी यहां बुधवार सुबह छह बजे पहुंची। इसके बाद पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है। हालांकि उनके परिजन यहां नहीं रहते हैं। लेकिन पड़ोसियों के घर से क्रंदन की आवाज आनी शुरू हो गई। बताया जाता है कि लुधियाना पंजाब की समरेल डिब्बा रोड में सुरेश सहनी 20 वर्ष से कबाड़ी का काम कर रहे थे। वे वहीं झुग्गी में रहते थे।

मंगलवार की रात अपने दैनिक कार्य को निबटाकर सभी लोग खा-पीकर सो गए। अचानक सुबह में उनके झुग्गी में आग लग गई। अगलगी में कबाड़ भी जल गया। वहीं इसकी धधक में झुग्गी में सोए सात लोग भी जिंदा जलकर मर गए। इसमें गृहस्वामी, उनकी पत्नी और पांच बच्चे शामिल हैं। उनका बड़ा पुत्र राजेश कुमार सहनी उसी दिन एक दोस्त के घर गया हुआ था। इस कारण वह बाल-बाल बच गया।

25 अप्रैल को शादी के लिए आने की थी सूचना

सुरेश सहनी के बड़े पुत्र राजेश कुमार सहनी की शादी फाइनल हो गई थी। उसी शादी के निमित्त पूरा परिवार यहां 25 अप्रैल को आने वाला था। पड़ोसी तेजो सहनी बताते हैं कि पांच दिन पूर्व ही यह सूचना आयी थी कि 29 अप्रैल को बड़े बेटे राजेश की शादी करनी है। हम सभी 25 को गांव पहुंच जाएंगे। लुधियाना में ही सारी खरीदारी कर ली गई है। कपड़ा, गहना समेत अन्य जरूरी सामानों की खरीदारी कर सभी यहां आने के लिए पैकिंग कर रहे थे। पर एक ही झटके में सबकुछ स्वाहा हो गया। सारे अरमानों की चिता जल गई। अब केवल एक पुत्र रह गया है जो संयोगवश बच गया।

पति-पत्नी समेत पूरा परिवार जलकर भस्म

लुधियाना के कबाड़ में जिंदा जले मृतकों में बंधार पंचायत वार्ड 9 बाघोपुर सहनी टोला निवासी सुरेश साहनी (55), पत्नी अरुणा देवी (52), पुत्री राखी कुमारी (15), मनीषा कुमारी (10), गीता कुमारी (8), चंदा कुमारी (5) व पुत्र सन्नी कुमार (2) वर्ष शामिल है। अग्निकांड में मृत 7 लोगों का दाह संस्कार पंजाब पुलिस ने सम्मानपूर्वक कर दिया। तेजो बताते हैं कि शव की हालत इतनी भयावह थी कि पंजाब पुलिस ने सभी का दाह संस्कार सम्मानपूर्वक वहीं कर दिया।

20 वर्षों से वहां रहकर करते थे जीवन यापन

मृतक के भतीजा प्रदीप सहनी बताते हैं कि गांव में परिवार की माली हालत काफी दयनीय थी। मां और पिता की मृत्यु के बाद सुरेश ने अपना रूख लुधियाना की ओर किया। पहले स्वयं गया। वहां जाकर वह कबाड़ व्यवसाय से जुड़ गया। इस व्यवसाय में सबकुछ समझ बुझ जाने के बाद उसने अपना खुद का धंधा शुरू किया। उसके बाद वह पत्नी को भी ले गया। वहीं समराला चैक के नजदीक टिब्बा रोड स्थित मक्कड़ कॉलोनी में अपनी झुग्गी भी बना ली और वहीं कबाड़ इकटठा करने लगा। अभी उसका धंधा ठीक चल रहा था। सुरेश के बड़े बेटे राजेश सहनी भी इस कारोबार में हाथ बंटाने लगा था। कुछ दिन पूर्व ही उसने अपने बेटे की शादी करने की बात कही थी।

दहाड़े मारकर रो रहे लोग

परिवार के पड़ोसी मृतक के भतीजा प्रदीप सहनी, मृतक की भाभी मिथलेश सहनी, चाचा कन्या देवी, वार्ड सदस्य रंजीत सहनी, अरुण कुमार सहनी आदि दहाड़े मारकर रो रहे हैं। पंचायत समिति सदस्य देवेंद्र कुमार चौधरी आदि ने शोक व्यक्त किया है। लोगों के गांव में पड़ोसी के घर आने-जाने का सिलसिला जारी है।

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