वैशाली : बिहार में वैशाली जिले के पटेढ़ी बेलसर प्रखंड स्थित नगवां गांव स्थित है वैशाली नगवां म्यूजियम। यह म्यूजियम एक अति साधारण नवयुवक और उसके परिवार के समर्पण से तैयार हुआ है। वैशाली नगवां म्यूजियम की स्थापना चितरंजन पटेल ने किया और उनकी माता और बहन ने अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया ताकि उनके खेतों से निकलने वाले अमूल्य धरोहर को संजोकर रखा जा सके।
आज जब वैशाली नगवां म्यूजियम का उद्घाटन देश के जाने माने पत्रकार अवधेश कुमार व पत्रकार कल्याण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवीन्द्र कुमार सिंह ने फीता काट कर किया और इस म्यूजियम की बनने की कहानी जानी तो भावविभोर हो गए। उद्घाटन के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने समाज के लोगों को चितरंजन के सहयोग को लेकर आगे आने की अपील किया । वे चितरंजन पटेल और उनके माता-बहन का योगदान के साथ जीवनशैली को लेकर बहुत चिंतित दिखें। श्री कुमार ने कहा कि यह पल एक मात्र शुभारंभ नहीं है बल्कि हम एक जिम्मेदारियों में बंध गए। यह हमारी जिम्मेदारी में आ गया कि वैशाली नगवां म्यूजियम को विश्व धरोहर के साथ जोड़ें।
गांव की समृद्धि का यह बहुत बड़ा रास्ता
श्री अवधेश कुमार ने कहा कि पुरी दुनिया से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हमें म्यूजियम में लगातार कार्यक्रम आयोजित करना होगा। गांव की समृद्धि का यह बहुत बड़ा रास्ता है और इसके लिए नगवां गांव के हर एक व्यक्ति का योगदान सर्वप्रथम सर्वोपरि है।
कमेटियां बनाने की जरूरत
श्री कुमार ने कहा कि प्रखंड, जिला, राज्य एवं देश स्तरों पर एक विकासशील कमिटियों के माध्यम से लोगों को जोड़े।
श्री अवधेश कुमार ने कहा कि इस परिवार के समर्पण और उसके बाद हमारी संस्कृति और सभ्यता को एक नया आयाम के लिए हम सबों को मिलकर सहयोग करना होगा।
चितरंजन पटेल के इस कार्यों के लिए हमेशा साथ खड़ा रहूंगा
वहीं वरिष्ठ पत्रकार सह पत्रकार कल्याण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवीन्द्र कुमार सिंह ने इस उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि एक साधारण सा दिखने वाला कार्यक्रम को देखकर इसकी गहराई का अंदाजा लगा। मैं अक्षरशः बड़े भाई श्री अवधेश कुमार जी के विचारों से सहमत भी हूं और हर एक क़दम पर खड़ा मिलूंगा। यह वैशाली नगवां म्यूजियम एक परिवार की सोच़ और समर्पण का प्रतिफल है। समाज को अब सीधे तौर पर इस परिवार को सहयोग करना चाहिए। मैं हमेशा इस कार्य में सहयोगी के रूप में रहूंगा। चितरंजन पटेल ने जोखिम उठाते हुए जो काम किया है वह बहुत ही सराहनीय है। ऐसे काम करने के लिए जुनून चाहिए जो चितरंजन पटेल में है।
बेहतर विकल्प तैयार करने की जरूरत
वरिष्ठ पत्रकार तेज नारायण सिंह ( टीएन ) ने कहा कि हमें ऐसे युवक व इनके परिवार के समर्पण और उसके साथ हुए अबतक के सफ़र को खुबसूरत बनाने के लिए एक बेहतर विकल्प तैयार करने की जरूरत है। हम सिर्फ पत्रकारिता से ही नहीं जुड़े हैं बल्कि हमारी सामाजिक जिम्मेदारी भी है। इसलिए वैशाली नगवां म्यूजियम में लगातार सहयोगी के रूप में रहूंगा।
मजबूत इरादों से रचा जाता है नया इतिहास
वैशाली जिले में तिरहुत शोध एवं विकास प्रतिष्ठान के संस्थापक मनीष कुमार सिंह ने कहा कि इस सफ़र का मैं साक्षी हूं और लगातार 9 वर्षों से चितरंजन पटेल के साथ हूं। समय और विभिन्न परिस्थितियों में यह परिवार विषमताओं के कारण तंगी में है। लेकिन एक मजबूत इरादों से ही नया इतिहास रचा जाता है, इसलिए यह बेहतरीन सफ़र का हमेशा सहयोगी रहा हूं और रहूंगा।
पंचायत के पूर्व मुखिया दोनों पति-पत्नी जो पंचायत की सेवा भी की और हमेशा एक सहयोगी के रूप में रहे दोनों ने पुनः एक बेहतरीन तरीके से समर्थन का वादा भी किया।
गांव व परिवार के साथ मीडिया का भी सहयोग
चितरंजन पटेल ने कहा कि गांव और परिवार से भी कुछ हद तक सहयोग रहा है। कुछ पत्रकारों का अथाह प्रेम और विश्वास के साथ समर्थन मिला। जिसमें सबसे अहम योगदान पत्रकार मनीष कुमार सिंह का रहा है। प्रशासनिक और राजनीतिक गठजोड़ से हर वक्त बचाना और सहयोग लेना भी सीखाया।
हर संभव सहयोग का आश्वासन
कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों ने इस ऐतिहासिक धरोहर वैशाली नगवां म्यूजियम में लगातार सहयोगी बनने का वादा किया। उद्घाटन समारोह में शिक्षा जगत से शामिल हुए शिक्षाकर्मियों ने चितरंजन पटेल के जज्बे को सलाम किया और क्षेत्रीय स्तर पर हर वक्त सहयोग का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम में पूर्व मुखिया संगीता कुमारी, राजकुमार सिंह,घनश्याम पटेल , साकेत कुमार , अनिल साह, मो हासिम, मो सलीम, एचएम रीता देवी, सत्येंद्र कुमार , इन्दल कुमार, रूपेश कुमार, मिन्टु महतो ( 1 ) विशाल कुमार , सत्रुधन कुमार, संग्रहालय के संस्थापक सचिव चितरंजन पटेल आदि गण्यमान्य उपस्थित थे।