Tuesday, May 21 2024

मुजफ्फरपुर : यानी एक खोया हुआ शहर : ई ब्रजेश्वर ठाकुर

FIRSTLOOK BIHAR 20:11 PM मनोरंजन

1875 से 2022 करीब 147 साल से मुजफ्फरपुर शहर बनने में लगा हुआ है !
लेकिन क्या यह शहर बन पाया , गांव रह गया ...
नही!
~ ज्यो के त्यों
लोगो के जिंदादिली के चलते लगता है गतिमान है, लेकिन ठहरा हुआ है या बैक गेयर में, यह फैसला करना मुश्किल है!

दुनिया मे जब 100/200 हवाई जहाज था, तब मुजफ्फरपुर में हवाई अड्डा था. यहां से हवाई उड़ाने भर्ती थी.
आज रायपुर , वराणसी, अल्लीगढ़ और दरभंगा से विमान उड़ान भर रहा है. तब मुजफ्फरपुर में विमान का पार्किंग कैसे होगा इस मुद्दे पर अब बहस जारी है.

बिहार यूनिवर्सिटी का सिर्फ नाम बदला

बिहार यूनिवर्सिटी से नाम बदल कर बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी हो गया, लेकिन कॉलेज सब का लक्षण वहीं रह गया ...
अकेले नागपुर में 6 इंजीनियरिंग कॉलेज है , मेडिकल और फार्मेसी अलग से .

मुजफ्फरपुर जैसे के तैसे ..

कहते हैं कि
ये मोह्हबत का फसाना बदल जायेगा
वक्त के साथ जमाना बदल जायेगा.
लेकिन मुजफ्फरपुर का सच यह है कि.कब्रे मजार बन गये , कितने आशिक बदल गए,
हो न सका दीदारे सनम , इश्क ही दीवार बन गए

10 धूर में थ्री स्टोरी

बस आसपास के गांवों से लोग आकर 10 धुर में थ्री स्टोरी बना के खुश हैं. जन सुविधा क्या होता है लोग समझते तक नहीं, तो मांगें क्या?

स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर

स्मार्ट सिटी में कुछ हरीयाली होना चाहिये. कम से कम 5 से 15% हिस्सा ग्रीन लगे ...
~ लेकिन न जगह न पेड़ अब ग्रीन कैसे हो , क्या करे हरे रंग से दीवाल पोत दें ..
नगर निगम , जिला परिषद का काम क्या है , इसपर मुजफ्फरपुर में रिसर्च हो सकता है .
चलिये लगे रहिये कंक्रीट के जंगल में घूमते हैं, मच्छर से कटवाते हैं.
एक चक्कर पूरा शहर का लगाते हैं.

लेखक बिहार के जाने माने वास्तुविद
Er. Brajeshwar ThaKur
Engeeners Enclave
B.B. Ganj , Muzaffarpur [ BHR 842001]
Mob :- 9431239417.

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