Tuesday, May 21 2024

जाने - माने आर्किटेक्ट ब्रजेश्वर ठाकुर बताते हैं क्या है ग्रीन बिल्डिंग्स

FIRSTLOOK BIHAR 23:31 PM बिहार

बिहार ही नहीं, बिहार के अलावे बड़े - बड़े महानगरों व पड़ोसी देश नेपाल तक, छोटे बड़े व आलिशान, हर तरह के बिल्डिंग को सिर्फ नये डिजाइन ही नहीं, वास्तुशास्त्र व ग्रीन बिल्डिंग का बेहतर डिजाइन देने को लेकर विख्यात मुजफ्फरपुर के रहने वाले आर्किटेक्ट इंजीनियर ब्रजेश्वर ठाकुर की लेखनी से जानते हैं, क्या है ग्रीन बिल्डिंग।

ब्रजेश्वर ठाकुर बताते हैं कि आज कल दुनिया भर में बिल्डिंग निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग निर्माण पर जोड़ दिया जा रहा .

ग्रीन बिल्डिंग का मतलब थोड़ा सा खुला एरिया व चंद फूलों के पौधे ही नहीं

इंजीनियर ठाकुर बताते हैं कि ग्रीन बिल्डिंग का मतलब सिर्फ थोड़ा सा खुला एरिया औऱ चंद फूलों के पौधे ही नही होते . ग्रीन बिल्डिंग का कन्सेप्ट बहुत ही ब्रॉड यानि विस्तृत होता है. कम से कम ऊर्जा जैसे बिजली ईंधन का उपयोग हो . हो भी तो रिन्यूअल सोर्स ऑफ एनर्जी का, जैसे सन लाइट . ऑक्सीजन की प्रचुर उपलब्धता हो .

जमीन के छोटे टुकड़े पर ग्रीन बिल्डिंग डिजाइन बहुत ही मुश्किल, अभियंता की होती है परीक्षा

आज शहरीकरण के दौर में जमीने कम होती जा रही है . जमीन के छोटे टुकड़े पर ग्रीन बिल्डिंग डिजाइन करना एक बेहद दुरूह (मुश्किल) काम है. यहां एक आर्किटेक्ट/अभियंता की झमता का स्किल परीक्षा होती है .
कैसे एक कम रकबा के प्लॉट में ऐसा निर्माण हो जिसमें साफ स्वच्छ हवा का आना जाना सुनिश्चित तो . हर कमरे में सनलाइट / नेचुरल लाइट आ जा सके .
कमरे का तापमान स्वनियंत्रित हो .
गर्मी में न ज्यादा गर्म हो न ठंढा में ज्यादा सर्द हो .....
वर्टिकल गार्डेनिंग की व्यवस्था हो .
सोलर सिस्टम का प्रवधान हो . रेन वाटर हार्वेस्टिंग का इंतजाम भी होना चाहिये .

ग्रीन बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की मुख्य बातें

ग्रीन बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में चार_पांच मुख्य बातों का ध्यान रखना होता है .
मेटेरियल :- मेटीरियल इको फ्रेंडली हो , रिन्यूबल हो. ( जैसे सीमेंट ब्लॉक्स के तुलना में मिट्टी की बनी ईंटे बेहतर होती है, पत्थर भी एक अच्छा विकल्प है लेकिन उत्तर भारत मे इसका प्रयोग न के बराबर होता है)

इन्सुलेशन :- एक्सटीरियर को अच्छे से इन्सुलेट किया हो, सही इन्शुलेटिंग मेटीरियल का इस्तेमाल होना चाहिये .

रूफ एंड वाल :- मुख्य रूप से रूफ और वाल ही टेम्परेचर को अवशोषित कर घर या ऑफिस को ज्यादा गर्म या ठंढा कर देते है , जिस से ग्रीन हाउस गैसों (CO2/Mono Oxide)का उत्सर्जन बढ़ जाता है. तो रूफ एंड वाल को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिये कि अधिकतम रिफ्लेक्शन एंगल हो. जिसमे अंदर और बाहर के तापमान में सामंजस्य बन सके . इसमे रूफ टॉप गार्डेनिंग का उपयोग होता है.

अगला पॉइंट आता है विंडो (खिड़की) : विंडो का प्लेसमेंट इस तरह हो कि हवा आसानी से अंदर आ जा सके ...

लाइटनिंग :- लाइटनिंग के लिये नेचुरल लाइट के साथ-साथ इकोफ्रेंडली बल्ब का इस्तेमाल किया जाता है .

यह बहुत ही विस्तृत सब्जेक्ट है , इसे चंद लाइनों में समेटना थोड़ा मुश्किल है , फिर भी ब्रजेश्वर ठाकुर बताते हैं कि मैं एक कर्मणा_अभियंता होने के चलते अपना गिलहरी प्रयास किया है .. क्योकि 8,000 से 10,000 /स्क्वायर फिट के दर से खरीदी हुयी जमीन पर कोई 1 इंच भी जमीन खाली छोड़ना नही चाहता .

इस तरह के व्यवस्थित शानदार डिजाइन पर हमने बहुत मेहनत से कुछ रिसर्च किये है .
First look Bihar आगे भी जाने माने आर्किटेक्ट इंजीनियर ब्रजेश्वर ठाकुर से इस तरह की जानकारी आप तक पहुंचाने का प्रयास करता रहेगा।

Er. Brajeshwar ThaKur
Engineers Enclave
B.B. Ganj [Muzaffarpur]
BHR-842001. Mob :- 9431239417.

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