Friday, May 17 2024

हमारे लिए हर दिन तम्बाकू निषेध दिवस है : डॉ रविकांत सिंह

FIRSTLOOK BIHAR 00:52 AM बिहार

मुजफ्फरपुर : विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के मौके पर मंगलवार को होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर ने बिहार के 14 जिलों में REC के सीएसआर के तहत विभिन्न कार्यक्रम चलाएं।

इस अवसर पर प्रभारी होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एवं अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर के प्रभारी डॉ रविकांत सिंह ने कहा कि होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र तम्बाकू निषेध के लिए शुरू से प्रतिबद्ध रहा है।

तंबाकू रोकथाम के लिए दो स्तरों पर कर रहे हैं काम

डाॅ रविकांत ने कहा कि हम चाहते हैं कि आने वाले समय में टाटा मेमोरियल सेंटर में, मुजफ्फरपुर और बिहार से लोग इलाज के लिए नहीं आयें। तम्बाकू के रोकथाम के लिए हमसब 2 स्तरों पर काम कर रहे है एक तो सरकारों और संस्थाओं के साथ मिलकर दूसरा समाज में जागरूकता अभियान चलाकर।

16 जिलों में स्क्रीनिंग व जागरूकता अभियान की शुरुआत

डाॅ रविकांत ने कहा कि हम कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता अभियान को 16 जिलों में शुरुआत की है। 40% कैंसर सिर्फ तम्बाकू के सेवन से होता है। बिहार में सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर होता है जिसमें 90% कैंसर तम्बाकू आदि के सेवन से होता है। तम्बाकू का सेवन करने वाला सिर्फ अपना नहीं आने वाली नस्लों को भी खराब कर देता है।

गर्भवती महिलाओं पर खराब असर

डाॅ रविकांत ने कहा कि अगर कोई गर्भवती महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती है इससे उनके होने वाले बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है जैसे जन्म के समय ही मृत्यु हो जाना, बच्चे का सही तरीके से विकास नहीं होना, कम वजन का बच्चा होना या कोई गम्भीर बीमारी से ग्रसित होना। तंबाकू का सेवन करने से आपके जीवन से 11 कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि चाहते हो जीना अगर 11 साल कम। खाए खैनी गुटखा हरदम। तंबाकू सिर्फ हमारे स्वास्थ्य को ही नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है। इसीलिए तम्बाकू का सेवन सभी लोग अबिलम्ब छोड़े। इसके लिए हमने बिहार में पहली बार जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री की शुरुआत की उसमें हमें यह ज्ञात हुआ कि बिहार में मुँह का कैंसर सर्वाधिक है।

तंबाकू छोड़ें, विजेता बनें

होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एवं अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ रविकांत सिंह ने इसी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया कि हमलोग का स्लोगन ही है कि तम्बाकू छोड़ें, विजेता बने। आज हर तम्बाकू उत्पाद पर यह जरूर लिखा रहता है कि तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लेकिन फिर भी लोग इसका सेवन कर रहे है उसमें से कई लोग कहते है कि इसकी लत लग गयी है जो नहीं छूट रही है उनके लिए यह है कि प्रयास जारी रखें तम्बाकू सेवन छोड़ना नामुमकिन नहीं है। भारत सरकार ने इसके लिए एक हेल्पलाइन नो. भी जारी किया है वह है 1800-11-2356 इस नो. पर फोन करने पर विशेषज्ञ के द्वारा जब तक तम्बाकू नहीं छूटता तबतक काउंसिल की जाती है।

मुंह की कैंसर से 70 - 80 प्रतिशत लोगों की मौत

वही होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र में कार्यरत डॉ बुरहान ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि ज्यादातर लोग तम्बाकू का सेवन 17 वर्ष की उम्र से लेकर 22 वर्ष की उम्र तक के लोग ही शुरू करते हैं। ज्यादातर सेवन साथियों के दबाव के कारण ही शुरू होती है। जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब हो जाती है। मुंह के कैंसर से ग्रसित 70 से 80 % लोगों की मृत्यु हो जाती है।

डॉ बुरहान ने कहा कि अभी तक मैंने 100 से ज्यादा सर्जरी की है जिसमें से 90% सर्जरी मुंह के कैंसर के ही थे। अगर हमलोग कम उम्र और वयस्कों में तम्बाकू जागरूकता अभियान चलाएंगे तो इसका फायदा मिलेगा। जागरूकता के कारण लोग अगर जल्दी स्क्रीनिंग कराते है तो उसमें से 70% कैंसर के मामले कम हो सकते है।

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