Friday, May 17 2024

जलजमाव से पीड़ा, अरमानों के साथ खोले थे दुकान, कठिन परिस्थिति से गुजर रही जिंदगी

FIRSTLOOK BIHAR 23:02 PM बिहार

बोचहां से मुमताज आलम की रिपोर्ट।
एक ऐसा रास्ता जहां से डीएम साहब गुजरते हैं मंत्री जी का भी आना जाना रहता है। स्वास्थ्य कर्मी भी हर रोज ड्यूटी करने जाते हैं। इसी रास्ते से शिक्षा अधिकारी भी ऑफिस पहुंचते हैं। बीडीओ साहब को भी जाना पड़ता है। थाना अध्यक्ष का क्या बात है उनका तो दिन रात का ड्यूटी है जो इसी रास्ते से दर्जनों बार गुजरने होते हैं।

ग्रामीण बताते हैं शिकायतें भी करे तो किससे, शिकायत करके थक चुके हैं। बड़े साहब भी इसी रास्ते से गुजर कर विकास का दम भरने जाते हैं। यह कैसा विकास जो पानी के नीचे सालों साल डूबा रहता है।

कुछ ऐसा ही नजारा मुजफ्फरपुर जिले के प्रखंड क्षेत्र बोचहां अंतर्गत मुरादपुर चौक राष्ट्रीय राजमार्ग फ्लाईओवर के उत्तरी और दक्षिणी छोर सर्विस रोड का है जो सालों साल पानी में डूबा रहता है ।

लगातार जलजमाव से दुर्गंध

लगातार जलजमाव से पानी में कीड़े मकोड़े पनपने के साथ दुर्गंध भी आ रही है। उस रोड से गुजरने के लिए यात्री हो या ग्रामवासी सभी को नाक और मुंह ढकने के लिए कपड़ा का सहारा लेना पड़ता है। पानी में बदबू आने की वजह से आसपास के दुकानों में ग्राहक भी बहुत कम आते हैं, जिससे दुकानदारों के घर का खर्च तो छोड़िए साहब दुकान का किराया भी निकालना मुश्किल हो गया है। ऐसी स्थिति है इस मुख्य सड़क की जहां से लोग इलाज कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी जाते हैं।

छात्र छात्राओं को भी हो रही है परेशानी

छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्राप्त करने के लिए पारसनाथ उच्च विद्यालय व बोचहां मध्य विद्यालय इसी रास्ता से जाना पड़ता है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का ऑफिस इसी रोड के चंद कदम की दूरी पर । प्रतिदिन प्रखंड व अंचल कार्यालय में प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचलाधिकारी सहित अन्य सारे विभागों के अधिकारियों के समक्ष अपनी अपनी फरियाद लेकर सैकड़ों लोग पहुंचते हैं।

इसी रास्ते से आते जाते हैं साहब लोग

स्थानीय ग्रामवासी, दिनेश कुमार, मुस्ताक, जाकिर, संजय कुमार, बबलू कुमार, ननकी पानवाला , परवेज अंडा दुकान, रामप्रीत किराना दुकान यशवंत मिष्ठान भंडार, लाला ठाकुर, सहित अन्य बताते हैं इसी रास्ते से साहब लोग विकास योजना की जांच करने चार चक्का से आते हैं और विकास की समीक्षा बैठक करते हैं फिर चले जाते हैं। हम गरीबों का कौन सुनेगा स्थानीय प्रशासन से लेकर आला अधिकारी तक गुहार लगाते लगाते थक चुके कोई सुनने वाला नहीं।

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