नक्सली संगठन का एक शीर्ष नेता भी गिरफ्तार
गया : गया पुलिस ने शनिवार की देर रात जिले के इमामगंज थाना अंतर्गत दुखदपुर गांव में छापेमारी कर हथियारों का जखीरा बरामद किया। यह पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने नक्सली संगठन के एक शीर्ष नेता अशोक सिंह भोक्ता को लोडेड इंसास राइफल और 165 चक्र जिंदा कारतूस और तीन मैगजीन के साथ धर दबोचा। उसके बाद कार्रवाई तेज की गई । पुलिस ने ak-56 राइफल एक, एके 47 राइफल, 332 जिंदा कारतूस और साथ मैगजीन बरामद किया है।
इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी रविवार की दोपहर बाद गया के वरीय पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने संवाददाता सम्मेलन में दी।
उन्होंने कहा कि गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र इमामगंज थाना क्षेत्र के दुखदपुर गांव में नकसलियों के छिपे होने की सूचना पुलिस को मिली थी। उस सूचना के आधार पर अर्ध सैनिक वालों के सहयोग से गांव में छापेमारी की गई। जहां से नक्सली संगठन के एक शीर्ष नेता अशोक सिंह भोक्ता को गिरफ्तार किया गया है उसके पास से एक इंसास से राइफल और 165 जिंदा कारतूस एवं 3 मैगजीन बरामद गई। उसके बाद पुलिस ने उक्त गांव मेः छापेमारी शुरू की। जहां से अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है
एसएसपी ने बताया कि एके 56 राइफल चीनी निर्मित, एके 47 राइफल और 230 चक्र जिंदा कारतूस और मैगजीन बरामद की गई है। कारवाई में 397 चक्र जिंदा कारतूस, 397 जिंदा कारतूस के साथ-साथ इंसास राइफल, ak-56 और एक एके47 की एक एक राइफल बरामद की गई है। साथ ही सर्च अभियान में 1,14000 रुपया लेवी का और बाकीटाकी बरामद की गई है। उन्होंने बताया कि डेटोनेटर तार,कई मोबाइल, हार्ड डिक्स, बैटरी , मेमोरी कार्ड, पॉकेट डायरी बरामद की गई है।
बरामद राइफल पुलिस से छीनी गई थी
एसएसपी ने स्पष्ट किया कि बरामद राइफल पुलिस से छीनी गई है। बरामद राइफल की तस्वीरें बिहार पुलिस के साइट पर जारी की जा रही है। तब यह जानकारी स्पष्ट हो पाएगा की किस जिले में नक्सलियों द्वारा यह राइफल और कारतूस की लूट की गई थी। पूरी कार्रवाई नगर पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, इमामगंज थाना अध्यक्ष, और तकनीकी सेल के सहयोग से हुआ है। छापेमारी में सिटी एसपी के साथ एसडीएफ, एसएसबी, 29 बटालियन एसएसबी के जवान और अधिकारी शामिल थे।
एसएसपी ने बताया कि सर्च अभियान के दौरान यह जानकारी मिली नक्सली गौतम पासवान उर्फ अरुण पासवान उर्फ ब्रह्मदेव पासवान अपने घर में हथियार को छुपा कर रखा था। यहां से हथियार मिला। लेकिन वह नक्सली घने जंगल और पहाड़ के कारण फरार हो गया। फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। गिरफ्तार नक्सली का आपराधिक इतिहास रहा है। गया के डुमरिया और औरंगाबाद के मदनपुर में इसके खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज हैं।